नगरौटा हमला : रक्षा मंत्री ने माना सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश, कहा-स्पष्ट तौर पर 'कुछ सुस्ती' आई है
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नगरौटा हमला : रक्षा मंत्री ने माना सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश, कहा-स्पष्ट तौर पर 'कुछ सुस्ती' आई है

नगरौटा आतंकवादी हमले के मद्देनजर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को माना कि सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश है क्योंकि पिछले कुछ समय में ‘कुछ सुस्ती’ आ गई है और जो भी किसी चूक के लिए जिम्मेदार होंगे उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि हालिया लक्षित हमले से पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान में कुछ ‘अनिश्चितता’ की भावना पैदा हुई है और यह भारत के लिए अच्छा विश्वास पाने का कदम भी था।

नगरौटा हमला : रक्षा मंत्री ने माना सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश, कहा-स्पष्ट तौर पर 'कुछ सुस्ती' आई है

नई दिल्ली : नगरौटा आतंकवादी हमले के मद्देनजर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को माना कि सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश है क्योंकि पिछले कुछ समय में ‘कुछ सुस्ती’ आ गई है और जो भी किसी चूक के लिए जिम्मेदार होंगे उन्हें इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि हालिया लक्षित हमले से पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान में कुछ ‘अनिश्चितता’ की भावना पैदा हुई है और यह भारत के लिए अच्छा विश्वास पाने का कदम भी था।

सेना के शिविरों में सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हम निश्चित तौर पर इसमें सुधार कर सकते हैं। संभवत: पिछले कुछ समय में कुछ सुस्ती आई है। स्पष्ट तौर पर ढिलाई आई है-यह कुछ वक्त ले रहा है।’ उनसे पूछा गया था कि क्या मंगलवार को नगरौटा में सेना की 166वीं तोपखाना इकाई पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था में कुछ किया गया है या कुछ किया जा सकता है।

नगरौटा में सेना की इकाई पर आतंकवादियों के हमले में दो अधिकारियों समेत सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। वहां भीषण मुठभेड़ हुई थी और सेना शिविर में बंधक जैसी स्थिति देखने को मिली थी। नगरौटा में पदस्थापना को सेना की भाषा में शांतिपूर्ण पोस्टिंग माना जाता है।

पर्रिकर एचटी लीडरशिप समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘सैनिकों को मरते देखना बेहद दुखद है, लेकिन उन्हें बच्चों और परिवारों को बचाना होता है।’ 

पर्रिकर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें लीक से हटकर सोचने की आवश्यकता है। मैं बेहद आश्वस्त हूं कि सेना को इसकी जानकारी है और वह इसपर काम कर रही है।’ जवाबदेही तय करने के उनके जोर देने के बारे में पूछे जाने पर पर्रिकर ने कहा कि अगर वह खुद भी गलती करते हैं तो उन्हें ‘इसकी कीमत चुकानी होगी।’ मंत्री ने कहा, ‘अगर कोई चूक हुई है तो उन्हें उचित तरीके से निपटने की आवश्यकता है। आप चूक वहन नहीं कर सकते।’ पर्रिकर ने संवेदनशील ठिकानों के आस-पास के क्षेत्रों की रक्षा के लिए स्मार्ट प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की आवश्यकता के बारे में बोला। हालांकि, उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना रातोंरात तैयार नहीं की जा सकती है।

उन्होंने संकेत दिया कि चीजों को तेजी से करवाने के रास्ते में लंबी चौड़ी सैन्य प्रक्रियाएं आ रही हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और लक्षित हमले कर सकता है तो पर्रिकर ने कहा ‘अनिश्चितता के सिद्धांत’ को संचालित करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह हमसब के लिए लाभदायक होगा।’ उन्होंने कहा कि लक्षित हमलों ने कुछ अनिश्चितता लाई है। उन्होंने कहा, ‘स्पष्ट तौर पर अनिश्चितता अपने आप में फैसले करने में बाधा लाती है। आप उन्हें कभी नहीं जानेंगे।’ भारत ने गत 18 सितंबर को उरी हमले के जवाब में लक्षित हमला किया था। उरी हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।

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