उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखी आलोचना की. पीएम मोदी ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस और 'महागठबंधन' से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.
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श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को अपने उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर के विलय की शर्तों को बहाल करने के लिए कड़ा संघर्ष करेगी जिसमें राज्य में ‘सद्र-ए-रियासत’ और ‘वजीर-ए-आजम’ होने का प्रावधान शामिल है. उमर ने उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के पट्टन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. मैंने वही दोहराया है जो एक वास्तविकता है. क्या यह सच नहीं है कि जम्मू कश्मीर जिस दिन देश का हिस्सा बना उसका अपना सद्र-ए-रियासत (राष्ट्रपति) और वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) था और 1965 तक था.’’
अटल सरकार के समय भी यह हमारे घोषणा पत्र में था- उमर
उन्होंने कहा कि यह तब भी उनकी पार्टी का रुख था जब वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में एक मंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘‘यह कुछ नयी चीज नहीं है जो कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कह रही है. जब मैं वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार में एक मंत्री था तब भी यह हमारे घोषणापत्र में था, तब भी हम आंतरिक स्वायत्तता और 1953 से पहले की स्थिति की बात कर रहे थे. क्या यह चीजें उस समय कहना सही था, तब मैं अब गलत कैसे हो गया.’’
आंतरिक स्वायत्तता की बहाली के आधार पर शामिल हुआ था जम्मू कश्मीर
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी विलय की शर्तों की बहाली चाहती है जिसमें आंतरिक स्वायत्तता की बहाली शामिल है जिसके आधार पर जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बना था. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख अब भी वही है, जो उस समय था. हम राज्य की आंतरिक स्वायत्तता की बहाली और 1953 से पहले की शर्तों की बहाली चाहते हैं जिसके आधार पर यह राज्य इस देश का हिस्सा बना था.’’
कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री बनाने को लेकर दिया था बयान
उमर अब्दुल्ला ने बांदीपुरा में एक रैली के दौरान कहा था कि जम्मू कश्मीर का भारत के साथ विलय राज्य के लिए विभिन्न संवैधानिक रक्षोपाय के साथ हुआ था और यदि उन रक्षोपायों के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो विलय की पूरी योजना सवालों में आ जाएगी. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी राज्य के विशेष दर्जे के साथ बदलाव के किसी भी प्रयास कि खिलाफ संघर्ष करेगी. नेशनल कॉन्फेंस उपाध्यक्ष ने कहा था, ‘‘हम हमारे विशेष दर्जे पर और कोई हमला नहीं करने देंगे. हम वह वापस पाने का प्रयास करेंगे जो हमसे लिया गया. हम अपने राज्य के लिए 'सद्र-ए-रियासत' और प्रधानमंत्री के प्रतिष्ठित पदों को वापस पाने की दिशा में काम करेंगे.’’
अदालत से सड़कों तक होगी लड़ाई- उमर अब्दुल्ला
उमर की टिप्पणी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखी आलोचना की. पीएम मोदी ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस और 'महागठबंधन' से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. उमर ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के विशेष दर्जे की रक्षा के लिए पीडीपी सहित किसी भी अन्य पार्टी के साथ काम करने के लिए तैयार है. उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हम अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को बचाने के लिए किसी के साथ काम करने के लिए तैयार हैं. हम इसके लिए अदालत और सड़कों पर भी लड़ेंगे."