उमर अब्दुल्ला ने कहा, जब हम अपने दम पर अगली सरकार बनाने की बात करते हैं तो किसी के लिए कोई सीट छोड़ने का कोई सवाल नहीं है'
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जम्मू: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों में किसी पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन से इनकार किया और कहा कि उनकी पार्टी ने ‘राज्य को बचाने के लिए’ पीडीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाया था.
उमर ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा,‘हम (विधानसभा) चुनाव अकेले लड़ेंगे... जब हम अपने दम पर अगली सरकार बनाने की बात करते हैं तो किसी के लिए कोई सीट छोड़ने का कोई सवाल नहीं है, जबकि मैं जानता हूं कि वे कुछ सीटों पर नजरें जमाए हुए हैं.’
पीडीपी-कांग्रेस से हाथ मिलाने के फैसले का उमर ने किया बचाव
सरकार बनाने के दावे के लिए पीडीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाने के उनकी पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए उमर ने कहा कि यह मुश्किल फैसला था जिसे राज्य को बचाने के लिए लिया गया. उन्होंने कहा,‘हमने राज्य को बचाने, सांप्रदायिक सौहार्द एवं भाईचारा मजबूत करने और शांति बहाल करने के लिए कुछ करने का फैसला किया, यह आसान फैसला नहीं था. मुझे पता था कि इस फैसले के कारण मेरी पार्टी को राजनीतिक रूप से नुकसान झेलना पड़ेगा.’
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने राज्य को अपनी पार्टी से ऊपर रखा क्योंकि यह जम्मू कश्मीर और इसकी जनता की बेहतरी के लिए लिया गया निर्णय था. उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस को पीडीपी और कांग्रेस को बाहर से समर्थन देना था और नये चुनाव आयोजित करने के लिए स्थिति सामान्य होने तक सरकार चलाई जानी थी.
बीजेपी को सीएम पद उम्मीदवार घोषित करने की चुनौती दी
उमर ने अगले वर्ष आम चुनावों के साथ राज्य के विधानसभा चुनाव आयोजित कराने का आह्वान किया और बीजेपी को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की चुनौती दी. उन्होंने बीजेपी पर जम्मू क्षेत्र की जनता को धोखा देने का आरोप लगाया जिसने बीते विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 26 सीटें दी थीं.
पीडीपी ने 21 नवंबर को विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके बाद दो सदस्यीय पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी दावा पेश करते हुए बीजेपी और अन्य दलों के 18 विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा किया था. इस घटनाक्रम के बीच, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवंबर की रात को जम्मू कश्मीर विधानसभा को अचानक भंग कर दिया था.
(इनपुट - भाषा)