शरदपूर्णिमा को जागने से मिलेगा सोने का खज़ाना, मां लक्ष्मी स्वयं खोजती हैं निर्धनों का घर, 27 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा व्रत
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शरदपूर्णिमा को जागने से मिलेगा सोने का खज़ाना, मां लक्ष्मी स्वयं खोजती हैं निर्धनों का घर, 27 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा व्रत

हर व्यक्ति लक्ष्मीजी को खोज रहा है। लेकिन कोजागर पूर्णिमा की रात, मां लक्ष्मी निर्धनों को खोजती हैं। कोजागर पूर्णिमा की रात को लक्ष्मी जी रात में निकलती हैं। जो भक्त उन्हें जागते हुए मिलते हैं, उन्हें धन देती हैं। जो लोग सोते हुए मिलते हैं, उनके घर को छोड़कर आगे बढ़ जाती हैं। तो अगर आप धनी होना चाहते हैं तो कोजागर पूर्णिमा की रात सोइयेगा नहीं, वरना सोने से हाथ धोना पड़ सकता है। कोजागर पूर्णिमा 27 अक्टूबर को है। 27 अक्टूबर की रात को, चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इसीलिये कोजागर पूर्णिमा की रात, मां लक्ष्मी को चांदनी रात में रखी खीर का भोग लगाया जाता है। इस रात धन संबंधी उपाय करने से भी लक्ष्मी की अपार कृपा मिलती है।    

फाइल फोटो

दिल्ली: हर व्यक्ति लक्ष्मीजी को खोज रहा है। लेकिन कोजागर पूर्णिमा की रात, मां लक्ष्मी निर्धनों को खोजती हैं। कोजागर पूर्णिमा की रात को लक्ष्मी जी रात में निकलती हैं। जो भक्त उन्हें जागते हुए मिलते हैं, उन्हें धन देती हैं। जो लोग सोते हुए मिलते हैं, उनके घर को छोड़कर आगे बढ़ जाती हैं। तो अगर आप धनी होना चाहते हैं तो कोजागर पूर्णिमा की रात सोइयेगा नहीं, वरना सोने से हाथ धोना पड़ सकता है। कोजागर पूर्णिमा 27 अक्टूबर को है। 27 अक्टूबर की रात को, चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इसीलिये कोजागर पूर्णिमा की रात, मां लक्ष्मी को चांदनी रात में रखी खीर का भोग लगाया जाता है। इस रात धन संबंधी उपाय करने से भी लक्ष्मी की अपार कृपा मिलती है।    
-क्या है कोजागर पूर्णिमा व्रत?
-अगर लक्ष्मी की स्थिरता बनाये रखना चाहते हैं तो कोजागर पूर्णिमा व्रत रखें।
-कोजागर पूर्णिमा की रात जागने वाले व्यक्ति को धन संपत्ति मिलती है।
-आश्विन पूर्णिमा महालक्ष्मी आती हैं मृत्युलोक।
-रात में भ्रमण करते हुए मां लक्ष्मी कोजागृति कहकर पुकारती हैं।
-कोजागृति यानि कौन जाग रहा है, इसी कारण व्रत का नाम कोजागर व्रत पड़ा।
-लक्ष्मी जी इस श्लोक में भक्तों के रात जागरण के बारे में पूछती हैं।
-निशीथे वरदा लक्ष्मी: को जागर्तिति भाषिणी। जगाति भ्रमते तस्यां लोकचेष्टावलोकिनी।।
 तस्मै वित्तं प्रयच्छामि यो जागर्ति महीतले।।

-कोजागर व्रत की विधि
-ऐरावत पर आरूढ़ इंद्र और महालक्ष्मी का पूजन करके उपवास रखें।
-रात में मां लक्ष्मी के सामने घी का दिया जलायें।
-108 घी या तेल के दिये जलाकर मंदिर, बागीचे, तुलसी के पेड़ और अंधेरे मार्ग पर रखें।
-मान्यता है कि उजाले से आकर्षित मां लक्ष्मी रात्रि जागरण करने वालों के घर  स्थायी वास करने आती हैं।
-रात में चांदनी की शीतल छाया में खीर रखें और सुबह इसी खीर का लक्ष्मी जी को भोग लगायें।
-इंद्रदेव सहित मां लक्ष्मी का पूजन कर ब्राह्मणों को मीठी खीर और भोजन दें।
-ब्राह्मणों को वस्त्र और दक्षिणा देकर घर से विदा करें।
-श्रीसूक्त या लक्ष्मी सूक्त का रात्रि जागरण करते समय पाठ करने से मां लक्ष्मी आपकी ओर खिंची चली आयेंगी।
-श्रीसूक्त या लक्ष्मी सूक्त पाठ के बाद दशांश हवन, तर्पण और मार्जन ज़रूर करें।
-कोजागर व्रत से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और भक्त के घर स्थायी रूप से निवास करने लगती हैं।

तो अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो पूर्णिमा की रात जागिये। मां लक्ष्मी से अपने भाग्य का धन लेने के बाद चैन से सोइये। इसीलिये अगर जिंदगी भर चैन से सोना है तो शरदपूर्णिमा की रात जागते रहिये।  

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