एक राष्ट्र, एक चुनाव: राजनाथ बोले - PM एक समिति बनाएंगे, लगभग सभी पार्टियां ने समर्थन किया
बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "अधिकांश दलों ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर अपना समर्थन दिया, सीपीआईएम और सीपीआई ने अपनी अलग राय रखी लेकिन उन्होंने इस विचार का विरोध नहीं किया.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में एक समिति के गठन का निर्णय लिया गया है. यह समिति निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी. बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी. सिंह ने कहा, "अधिकांश दलों ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर अपना समर्थन दिया, सीपीआईएम और सीपीआई ने अपनी अलग राय रखी लेकिन उन्होंने इस विचार का विरोध नहीं किया.
राजनाथ ने कहा, "हमने 40 पार्टियों को सर्वदलीय बैठक में बुलाया था जिसमें से 21 पार्टियों के अध्यक्ष ने बैठक में हिस्सा लिया और अन्य 3 पार्टियों ने लिखित में अपनी राय दी."
बैठक में अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, जनता दल-युनाइटेड के नेता नीतीश कुमार, बीजेडी के अध्यक्ष नवीन पटनायक, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी, सीपीआई के डी.राजा और एस सुधाकर रेड्डी, सीपीएम के सीताराम येचुरी, टीआरएस अध्यक्ष के.टी. रामाराव, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जे.पी. नड्डा और प्रह्लाद जोशी ने शिरकत की.
ये पार्टियां बैठक में नहीं हुई शामिल
बैठक में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल शामिल नहीं हुईं. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा के एकसाथ चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर दोहारा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन वह खेद प्रकट करते हुए इसमें शामिल नहीं हुए. गोगोई ने कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव संविधान से जुड़ा विषय है. अगर सरकार चाहे तो चुनाव सुधार को लेकर संसद में चर्चा करा सकती है." कांग्रेस अतीत में भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का विरोध करती आई है.
(इनपुट भाषा से भी)
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