मिलिए भारत के युवा कोरोना वॉरियर से जिसने अलग तरह से छेड़ी है कोविड-19 के खिलाफ जंग
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मिलिए भारत के युवा कोरोना वॉरियर से जिसने अलग तरह से छेड़ी है कोविड-19 के खिलाफ जंग

शुभांग अरोड़ा (Shubhang Arora) भारत (India) के युवा कोरोना (Corona) वॉरियर्स में से एक हैं. शुभांग एक भारतीय बिजनेसमैन (Businessman) और इंवेस्टर (Invester) हैं जो फिलहाल यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. 

शुभांग ने भारत में हेल्थकेयर सुविधाओं की डिलीवरी को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

नई दिल्ली: शुभांग अरोड़ा (Shubhang Arora) भारत (India) के युवा कोरोना (Corona) वॉरियर्स में से एक हैं. शुभांग एक भारतीय बिजनेसमैन (Businessman) और इंवेस्टर (Invester) हैं जो फिलहाल यशोदा ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. इसके अलावा शुभांग यशोदा पैथलैब्स के फाउंडर, मैनेजिंग डायरेक्टर और सबसे बड़े शेयर होल्डर भी हैं. यशोदा पैथलैब्स उत्तर भारत में डायग्नोस्टिक पैथलैब्स की एक चेन है.

25 अप्रैल 1995 को गाजियाबाद में जन्मे शुभांग ने नोएडा के पाथवेज वर्ल्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा ली और फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथेमैटिक्स, इकोनॉमिक्स, इंग्लिश, हिंदी में International Baccalaureate डिप्लोमा हासिल किया. इसके बाद उन्हें अमेरिका में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस में दाखिला मिला. शुभांग यहां से मई 2018 में बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री के साथ ग्रेजुएट हुए.

इसके बाद शुभांग ने अपने करियर की शुरुआत यशोदा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर की. इस चेन में तीन मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हैं जिनमें 750 से ज्यादा बेड हैं. यहां इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसीन, ऑन्कोलॉजी और न्यूरोलॉजी में सबसे बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाता है.

एक मिशन के तहत की शुरुआत
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले शुभांग का मिशन था कि वह देश और बाहर के देशों से आए मरीजों को क्वालिटी और अफॉर्डेबल हेल्थकेयर सुविधाएं उपलब्ध कराएं. इस मिशन के तहत बोर्ड मेंबर के तौर पर उन्होंने सबसे बड़ा कदम आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को बहुत ही कम और उचित फीस में बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध करवा कर उठाया. इनमें खास तौर पर ऐसे मरीज शामिल थे जो किसी अपराध या दुर्घटना का शिकार हुए थे. 

कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले
पिछले कुछ सालों में शुभांग ने भारत में हेल्थकेयर सुविधाओं की डिलीवरी को मॉडर्नाइज करने और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उनकी लीडरशिप में उठाए कदमों की वजह से यशोदा ग्रुप के अस्पताल सस्टेनेबल और कार्बन न्यूट्रल बने. साल 2019 में Bureau Veritas, यूके की तरफ से यशोदा ग्रुप को प्रतिष्ठित ग्रीन एंड क्लीन हॉस्पिटल प्लैटिनम सर्टिफिकेट मिला. यशोदा, भारत का ऐसा तीसरा अस्पताल था जिसे ये मान्यता मिली. इसके अलावा यशोदा को ग्रीन हॉस्पिटल कैटेगरी में AHPI हेल्थकेयर एक्सीलेंस अवॉर्ड, 2020 भी मिला. यशोदा को हेल्थकेयर लीडरशिप अवॉर्ड ​भी मिला. ये अवॉर्ड और मान्यताएं शुभांग के मिशन के तहत उन प्रयासों का नतीजा थे जो उन्होंने ग्लोबल हेल्थकेयर डिलीवरी को बेहतर बनाने के लिए किए. शुभांग का हमेशा से ये मानना रहा है कि इस क्षेत्र में सुधार की अपार संभावनाएं हैं.

800 बेड की सुविधा वाला अस्पताल 'मेडिसिटी'
शुभांग एक युवा उद्यमी के तौर पर इसे अपनी जिम्मेदारी मानते हैं जिससे हेल्थकेयर सुविधाओं को बेहतर बनाकर लोगों की दिक्कतों को कम कर सकें. अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ते हुए शुभांग अरोड़ा अब गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 800 बेड की सुविधा वाला अस्पताल 'मेडिसिटी' बनाने जा रहे हैं. इसके तहत उनकी कोशिश है कि एशिया में मेडिकल केयर में आए खालीपन को भरा जा सके और क्वालिटी को बेहतर बनाया जा सके.

उनका सपना एक अंतरराष्ट्रीय हेल्थकेयर इकोसिस्टम बनाने का है जो एक्सेप्शनल डायग्नॉस्टिक और इंटरवेंशनल मेडिसीन पर केंद्रित हो. लेकिन इसमें प्रिवें​टेटिव केयर और वेलनेस का भी ध्यान रखा जाए जिससे एक स्वस्थ और खुशहाल ग्लोबल सोसायटी को प्रोत्साहन मिले.

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई
कोविड-19 (Covid-19) महामारी की शुरुआत से ही शुभांग इसके खिलाफ जंग में बिना रुके काम कर रहे हैं जिससे इस बीमारी से लड़ा जा सके और इसकी गंभीरता को कम किया जा सके. उनकी लीड​रशिप में यशोदा ग्रुप अपने अस्पतालों में ​हजारों कोरोना वायरस टेस्ट प्रतिदिन कर रहा है. अस्पताल में कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए अलग वॉर्ड, रूम, आईसीयू और सीसीयू हैं. यहां पूरे उत्तर और पूर्वी भारत के हल्के, मध्यम और गंभीर लक्षणों वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है. 

इस विंग में अस्पताल की खुद की डायगनॉस्टिक सुविधाएं एक्स रे, अल्ट्रासाउंड, इको और सीटी स्कैन शामिल हैं. इसके साथ ही यहां गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर की सु​विधा भी है. हॉस्पिटल में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त और आईसीएमआर से स्वीकृत रियल टाइम RT-PCR COVID टेस्टिंग लैब भी है. अभी दिल्ली, एनसीआर, गाजियाबाद में यह एकमात्र फंक्शनल लैब है.

विश्व के प्रख्यात श्वास विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और उनकी मेंटॉरशिप में अस्पताल कोरोना के ​इलाज के लिए मरीजों को थेरेपीज उपलब्ध करवा रहा है. इसमें HCQ, Lopinavir-Ritonavir, Remdesivir, Tocilizumab के साथ प्लाज्मा थेरेपी भी शामिल है. टीम ने अब तक कोविड-19 के कई गंभीर मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है और उन्हें ठीक कर सुरक्षित घर भेजा है. 

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