जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की भारी गोलीबारी, 1 महिला की मौत
Advertisement

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की भारी गोलीबारी, 1 महिला की मौत

पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिले के गांवों और 13 सीमा चौकियों को निशाना बनाकर की गयी भारी गोलाबारी में शनिवार को एक महिला की मौत हो गयी और आठ अन्य नागरिक घायल हो गए।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की भारी गोलीबारी, 1 महिला की मौत

जम्मू : पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिले के गांवों और 13 सीमा चौकियों को निशाना बनाकर की गयी भारी गोलाबारी में शनिवार को एक महिला की मौत हो गयी और आठ अन्य नागरिक घायल हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि संघर्षविराम उल्लंघन की ताजा घटनाओं की वजह से सीमांत गांवों से लोग पलायन कर गए और दोनों जिलों के गांवों से 1,000 से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया।

नववर्ष की पूर्व संध्या को शुरू हुई संघर्षविराम उल्लंघन की ताजा कड़ी में सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के एक जवान समेत दो लोग मारे गए हैं और नौ अन्य लोग घायल हुए हैं। जबकि भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी रेंजर्स के पांच जवान मारे गए हैं।

दो महीने पहले हुई संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं में 13 लोग मारे गए थे और सीमांत इलाकों में रहने वाले 32,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।

बीएसएफ के महानिरीक्षक राकेश शर्मा ने बताया, ‘‘पाकिस्तानी सैनिकों ने बीती रात साढ़े नौ बजे से सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित चौकियों तथा असैनिक इलाकों में बिना किसी उकसावे के भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागने शुरू कर दिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ के जवानों ने माकूल जवाब दिया जिससे दोनों ओर से गोलीबारी होने लगी जो आज तड़के तीन बजे बंद हुई।’’ शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान ने आज सुबह सात बजे से फिर असैनिक इलाकों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की और मोर्टार दागने शुरू कर दिए।

कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि हीरानगर इलाके में गोलीबारी और गोलाबारी में घायल हुए चार लोगों में से दो महिलाएं हैं। घायलों की पहचान नौचक के रहने वाले सुरेश सिंह, मंसू, रजनी और चान लालदिन गांव की रहने वाली महिला मधुबाला के रूप में हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चार गांव के लोगों को बाहर निकाला गया है। जरूरत पड़ने पर अन्य को भी दूसरी जगहों पर भेजा जाएगा।’’ उपायुक्त ने कहा कि क्षेत्र में बनी हुई स्थिति को देखते हुए हीरानगर में एंबुलेंस और डॉक्टर तैयार रखे गए हैं तथा तीन इमारतों को राहत शिविरों के रूप में कार्यान्वित किया गया है।

कठुआ जिले में पट्टी, पंसार, लोंदी, बोबिया, चकारा, लच्छीपुरा स्थित बीएसएफ की आठ चौकियों तथा सांबा जिले में मंगूचक, चिल्याडिया, रीगल, चचवाल, रामगढ़, मालूचक और नांगा सहित सात चौकियों को निशाना बनाया गया।

पाकिस्तानी रेंजर्स ने हीरानगर सेक्टर में पहाड़पुर, कटाउ, चारू, लोंदी, पट्टी, चकारा, लच्छीपुरा, बोबिया, पंसार, मनयारी, करोल और सांबा सेक्टर में ख्वारा, रीगल, चिलयारी, मंगूचक, चाच्याल, रामगढ़, मालूचक, सुचेतगढ़ कुलियां और मावा के सभी गांवों को निशाना बनाया।

चौधरी अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ हीरानगर में डेरा डाले हुए हैं, ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके और राहत एवं बचाव अभियानों में समन्वय स्थापित किया जा सके। शर्मा ने बताया कि कठुआ जिले के सांबा और हीरानगर उप सेक्टरों के सभी तीन बटालियन क्षेत्रों में स्थित चौकियों को निशाना बनाया गया।

इसके साथ ही, बीएसएफ के महानिदेशक ने सीमांत इलाकों के लोगों को बाहर निकलने के लिए परामर्श भी जारी किया है। सांबा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनिल मगरोत्रा ने कहा कि मंगू चक गांव की रहने वाली तोरी देवी नाम की एक महिला गोलाबारी में मारी गयी और चार दूसरे असैन्य गोलीबारी और गोलाबारी में घायल हो गए।

उन्होंने बताया कि गोलीबारी की वजह से बहुत सारे घर क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ जानवर भी मारे गए। कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल ने बताया कि जिले के नौचक गांव में दो महिलाओं सहित चार लोग घायल हो गए। घायलों को सरकारी चिकित्सा कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

एसएसपी ने बताया कि लोगों को निकालने के लिए बसें तैयार रखी गई हैं और ‘‘हम गोलीबारी तथा गोलाबारी रूकने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिविरों में भेजा जा सके।’’ उन्होंने कहा कि लोगों ने बंकरों में शरण ले रखी है और बाहर नहीं आ रहे हैं।

2014 में पाकिस्तान ने 550 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया जो 2003 में संघर्ष विराम शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा है। पिछले साल अगस्त से अक्तूबर के बीच संघर्ष विराम की घटनाएं अपने चरम पर थीं जिसमें दो सुरक्षा कर्मियों समेत 13 लोग मारे गए थे।

अगस्त और अक्तूबर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलीबारी और गोलाबारी की वजह से सीमांत इलाकों के 32,000 लोगों को घर छोड़कर जाना पड़ा और सरकारी शिविरों में शरण लेनी पड़ी। पिछले साल इस तरह की घटनाओं में पांच जवानों समेत कुल 19 लोग मारे गए और 150 से अधिक घायल हो गए थे।

उपायुक्त ने बताया कि सीमावर्ती 57 गांवों में सभी सरपंचों, पंचों, लंबरदार और प्रतिष्ठित लोगों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में बताएं। तैयारियों के मद्देनजर राहत शिविर तैयार रखे गए हैं। बीती रात बल ने सीमा पार से ‘‘घुसपैठ के एक बड़े प्रयास’’ को विफल कर दिया था।

गोलाबारी और गोलीबारी की आड़ में पाकिस्तानी रेंजरों ने रात 11 बजकर 30 मिनट पर सांबा सेक्टर में चोर गली के अग्रिम इलाके से भारी हथियारों से लैस सात से आठ आतंकवादियों के एक समूह को घुसपैठ कराने की कोशिश की। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने भारतीय क्षेत्र में आतंकवादियों को घुसते देख लिया और उनपर गोलीबारी की। इसके बाद आतंकवादी वापस पाकिस्तान भाग गए।

Trending news