पुलवामा हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र के बुलडाणा जिले के विरपांगरा गाव के नितिन राठौड़ का परिवार इस सदमे से उबर नहीं पाया है.
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बुलडाणा (संवाददाता- नितेश महाजन): पुलवामा हमले (Pulwama attack) के एक साल गुजरने के बाद भी शहीद जवानों के परिवार के जख्म भरे नहीं है. पुलवामा हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र (Maharashtra) के बुलडाणा जिले के विरपांगरा गाव के नितिन राठौड़ का परिवार इस सदमे से उबर नहीं पाया है. नितिन के गांववाले और परिवार सबकी यही मांग है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाना चाहिए.
नितिन की मां सावित्री राठौड़ ने कहा कि एक साल से हम रो रहे हैं. नितिन की बहुत याद आती है. हम आज भी उसकी राह देखते हैं. उसके फोन का इंतजार करते हैं. नितिन के पिता शिवाजी राठौड़ ने बताया कि नितिन के शहीद होने के बाद सरकार ने हमारे परीवार को 5 एकड़ जमीन, पेट्रोल पंप, एक करोड़ का एक बंगला देने का वादा किया था ओ अभी तक निभाया नहीं है.
नितिन के टीचर एम.एस.चौहान बताते है की राठौड़़ परीवार ने अपना बेटा देश के लिए खो दिया. नितीन के शहीद होने के बाद सरकार ने राठौड़़ परीवार को कुछ वादे किए थे जो कि उसे पूरे करने चाहिए.
गांव के लोगों का कहना है कि सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए अगर वह हमारे एक जवान को मारे तो हमें उसके 10 जवानों को मार देना चाहिए. गांव के रहने वाले नेहरू चौहान ने कहा कि नितिन सबके साथ घुल मिलकर रहता था. नितीन शहीद हुआ ये हमारे लिए दुख की बात हैं. अगर हमारा एक जवान शहीद होता है तो उनके 10 जवानों को मार देना चाहिए.