मोदी सरकार ने पता लगाया, नोटबंदी के दौरान कहां खपाया गया काला धन!
Advertisement

मोदी सरकार ने पता लगाया, नोटबंदी के दौरान कहां खपाया गया काला धन!

ब्लैक मनी को सफेद करने करने वाली कई कंपनियों का खुलासा हुआ है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक 13 बैंकों ने सरकार को एक लिस्ट सौंपी है जिसमें उन कंपनियों के नाम हैं जिनपर ब्लैक मनी को सफेद करने का संदेह है. 

आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू किया गया था.

ब्लैक मनी को सफेद करने करने वाली कई कंपनियों का खुलासा हुआ है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक 13 बैंकों ने सरकार को एक लिस्ट सौंपी है जिसमें उन कंपनियों के नाम हैं जिनपर ब्लैक मनी को सफेद करने का संदेह है. बैंकों की ओर से 5800 फर्जी कंपनियों की लेन-देन की डिटेल्स जारी की गई हैं. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि उन्हें उन 2 लाख 9 हजार 32 संदिग्ध कंपनियों में से 5,800 कंपनियों के बैंक ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली है जिनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. बैंकों ने सरकार को इन कंपनियों के 13,140 अकाउंट्स की जानकारी मुहैया कराई है. 

  1. बैंकों ने 5800 फर्जी कंपनियों की लेन-देन की डिटेल्स जारी की
  2. नोटबंदी से पहले इनके खातों में थे 22.05 करोड़ रुपये
  3. नोटबंदी के दौरान इनके खातों में जमा हुए 4,573.87 करोड़ रुपये

इन कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने अपने नाम पर 100 से भी अधिक बैंक खाते खुलवा रखे थे. इन्हीं में से एक कंपनी ने तो 2,134 खाते खुलवा रखे थे. सूची में मौजूद कंपनियों के खाते में आठ नवंबर 2016 के पहले तक 22.05 करोड़ रुपये जमा थे. वहीं 9 नवंबर 2016 के बाद से उन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने तक इनके बैंक खातों में 4,573.87 करोड़ रुपये जमा कराए गए, जिसमें से 4,552 करोड़ रुपये निकाल भी लिए गए. इन कंपनियों के लोन अकाउंट्स की बात करें तो इनका ओपनिंग बैलेंस माइनस में 80.79 करोड़ रुपये है. 

ये भी पढ़ें:  नोटबंदी के बाद जमा को लेकर 5,800 फर्जी कंपनियों पर सरकार की टेढ़ी नजर

बताया जा रहा है कि कई कंपनियों ने तो रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद भी उन्होंने अपने खातों से लेनदेन जारी रखा था. सरकार ने जबतक इन कंपनियों के बैंक खातों को सील करने का फैसला लिया तब तक इनसे 42,000 करोड़ रुपये निकाले जा चुके थे. सरकार का कहना है कि एक बैंक में ऐसी ही कंपनियों के 3000 से ज्यादा बैंक खाते हैं.

बंद हुए 1000 रुपये के 99 फीसदी नोट लौटे
मालूम हो कि नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 में कहा था कि 1000 रुपये के पुराने नोटों में से करीब 99 फीसदी बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं. 1000 रुपये के 8.9 करोड़ नोट (1.3 फीसदी) नहीं लौटे हैं. पिछले साल नवंबर में लागू की गई नोटबंदी के दौरान देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट कर आ गए हैं.

नोटबंदी से पहले 1000 रुपये के नोटों की कुल संख्या 632.6 करोड़ थी. यानी सर्कुलेशन में 1000 रुपके के नोटों की टोटल वैल्यू 6326 अरब रुपये थी. इसमें से केवल 89 अरब वैल्यू के नोट नहीं लौटे हैं. नोटबंदी के बाद सर्कुलेशन में मौजूद नोटों के टोटल वैल्यू में 2000 रुपये के नए नोट की हिस्सेदारी 50.2 फीसदी है.

Trending news