सोमवार को हैदराबाद के मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय, कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय, लखनऊ के नदवा कॉलेज समेत कई जगहों से छात्रों ने जामिया के छात्रों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया.
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नई दिल्ली: देश के कई शहरों में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर आज विपक्षी दल की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है. खबर है कि विपक्षी दलों के नेता आज दिल्ली में दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. बता दें कि इस मामले को लेकर आज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा है. बता दें कि रविवार को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था. इसके बाद सोमवार को देश के कई शहरों से विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं.
सोमवार को हैदराबाद के मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय, कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय, लखनऊ के नदवा कॉलेज समेत कई जगहों से छात्रों ने जामिया के छात्रों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया.
जामिया हिंसा मामला: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दिल्ली पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की कथित कार्रवाई के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता सौरभ दास ने आरोप लगाया कि "15 दिसंबर की रात पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) की अगुआई में दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के छात्रों पर बर्बरतापूर्वक हमला कर दिया."शिकायत में पुलिस पर इमारत में तोड़फोड़ करने, वकीलों को छात्रों से मिलने से रोकने और नाबालिगों को हिरासत में लेने का भी आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता ने एक बयान में कहा कि दिल्ली पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के हिजाब को जबरदस्ती हटवाकर उनका उत्पीड़न किया.
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शिकायतकर्ता ने इसके बाद 'यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिसकर्मियों के जबरन घुसने' के मुद्दे पर जोर दिया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया, "माननीय आयोग से इस मामले की गंभीरता और प्रदर्शनकारियों के जीवन तथा स्वतंत्रता के अधिकार को देखते हुए इसे जल्द से जल्द देखने का आग्रह है."नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में चल रहा प्रदर्शन रविवार को उस समय हिंसक हो गया, जब बसों में आग लगा दी गई और सार्वजनिक संपत्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. इसके बाद पुलिस-छात्रों के बीच हिंसा बढ़ती चली गई.
नागरिकता कानून का विरोध, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विधयेक के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा की आग अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है. इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने अलीगढ़, सहारनपुर, कासगंज और मेरठ समेत अन्य कई जिलों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी हैं. इन जिलों की इंटरनेट सेवा भी बाधित है.
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एएमयू में पथराव फायरिंग के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होता देख जिला प्रशासन ने 15 दिसंबर की रात साढ़े दस बजे से 16 दिसंबर की रात दस बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. इस दौरान लीज लाइन और लूप लाइन की इंटरनेट की सेवाएं भी नहीं चलेंगी. इसके अलावा नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सहारनपुर में रविवार रात 12 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.
उधर, देर रात राजधानी लखनऊ में करीब 500 छात्रों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया. छात्रों को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी.
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दराअसल किसी ने सोशल मीडिया पर जामिया मिलिया विवि में हुए बवाल को लेकर तरह-तरह के मैसेज चला दिए. व्हाट्एप पर किसी ने पुलिस की गोली लगने से एक छात्र की मौत का मैसेज चला दिया उसके बाद माहौल गर्म हो गया और छात्र सड़क पर उतर आए. अब प्रशासन प्रदर्शनकारियों की सीसीटीवी फुटेज तलाशकर उन पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है.
नदवा कालेज में देर रात तक आस-पास की गलियों में छात्रों का जमावड़ा लगा रहा. सुरक्षा के लिहाज से वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात की गई है. साथ ही गृह विभाग ने इन जिलों के जिलाधिकारी और एसपी को सतर्क रहने को कहा है.
रविवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस के गेट पर बिल का जमकर विरोध किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और वटर कैनन का इस्तेमाल किया. एएमयू के छात्रों ने यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के पास हुए विरोध प्रदर्शन के तुरंत बाद किया था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी 2020 तक बंद करने का आदेश दिया है.
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मुख्यमंत्री योगी ने बयान जारी कर कहा है कि नागरिकता संसोधन कानून के संदर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी अफवाह ध्यान न देने को कहा है. उन्होंने कहा सभी कानून का पालन करना पड़ेगा. अमन के माहौल को किसी को भी खराब करने की इजाजत नहीं है.
(इनपुट आईएएनएस से भी)