विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार: डिप्लोमेट से राजनेता तक
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विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार: डिप्लोमेट से राजनेता तक

विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार राजनयिक से राजनेता बनीं और कांग्रेस का दलित चेहरा रहीं. वह 80 के दशक में चुनावी राजनीति में पदार्पण करने के साथ सत्ता के सोपानों पर बढ़ती गईं. 

विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार: डिप्लोमेट से राजनेता तक

नई दिल्ली: विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार राजनयिक से राजनेता बनीं और कांग्रेस का दलित चेहरा रहीं. वह 80 के दशक में चुनावी राजनीति में पदार्पण करने के साथ सत्ता के सोपानों पर बढ़ती गईं. 

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* पूर्व उप प्रधानमंत्री दिवंगत जगजीवन राम की पुत्री 72 वर्षीय मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला भी रहीं. वह यूपीए-2 के शासनकाल में 2009 से 2014 तक स्पीकर रहीं.

* स्वभाव से मृदुभाषी मीरा ने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) को छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया और 1985 में लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. एक वर्ष बाद ही उनके पिता का निधन हो गया था.

* वह सबसे पहली बार 1985 में बिजनौर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं. तब उन्होंने दिग्गज दलित नेताओं मायावती और रामविलास पासवान को शिकस्त दी थी.

* विदेश सेवा की अधिकारी से लेकर 5 बार सांसद तक और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में मीरा कुमार ने लंबा रास्ता तय किया है और इतने अनुभव के कारण उन्हें लोकसभा का संचालन करने में सुगमता रही. वह MA और LLB की डिग्रियों के साथ स्पेनिश भाषा में एडवांस्ड डिप्लोमा भी रखती हैं.

* दूसरी और तीसरी बार वह दिल्ली के करोल बाग से 1996 और 1998 में लोकसभा पहुंचीं लेकिन 1999 के चुनाव में वह यह सीट हार गयीं। उसी साल एनडीए सत्ता में लौटी.

* मीरा कुमार 2004 में बिहार के सासाराम से अपने पिता के क्षेत्र से बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव जीतीं और 2009 में भी इसी संसदीय क्षेत्र से सदन में पहुंचीं.

* इस बीच उन्होंने साल 2000 में पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी. 2002 में वह फिर से कांग्रेस में लौट आईं.

* यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली. उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता तथा जल संसाधन मंत्रालयों का कामकाज संभाला.

* 2009 में यूपीए के दोबारा सत्ता में लौटने पर उन्हें निर्विरोध लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष चुना गया. सदन की कार्यवाही के संचालन में हल्की सी मुस्कराहट के साथ अपनी विनम्र शैली और खासतौर पर 'बैठ जाइए' के कथन को लेकर वह लोकप्रिय हो गईं.

* मीरा कुमार ने लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति को भारत की राजनीति में ऐतिहासिक क्षण कहा था. वह 2009 से 2014 तक इस पद पर रहीं.

* वह 1973 में IFS के लिए चुनी गई थीं और स्पेन, ब्रिटेन तथा मॉरीशन के दूतावासों में कार्यरत रहीं.

* कांग्रेस के संगठन की बात करें तो वह 1990 से दो साल तक और फिर 1996 से 1998 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव रहीं.

* सांसद के तौर पर भी वह संसद की विभिन्न समितियों की सदस्य रहीं.

* बिहार के आरा जिले में 31 मार्च, 1945 को जन्मीं मीरा कुमार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ कॉलेज और मिरांडा कॉलेज से पढ़ाई की. उन्होंने राइफल शूटिंग में भी पदक प्राप्त किए हैं.

* एलएलबी की डिग्री के साथ वह 1980 में सुप्रीम कोर्ट बार संघ की सदस्य भी बनीं. उनके पति मंजुल कुमार सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं.

 

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