कहां बन रहा है दुनिया का सबसे लंबा रेलवे पुल, जानिए 10 खास बातें
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कहां बन रहा है दुनिया का सबसे लंबा रेलवे पुल, जानिए 10 खास बातें

भारत को जल्द दुनिया के सबसे उंचे रेलवे पुल का गौरव हासिल होगा क्योंकि जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य पूरे जोर शोर से जारी है. फिनलैंड और जर्मनी के सलाहकारों द्वारा डिजाइन किया गया 1.315 किलोमीटर लंबा यह पुल चेनाब नदी के उपर 359 मीटर की उंचाई पर बन रहा है. यह उंचाई एफिल टावर से 35 मीटर अधिक है.

इसकी उंचाई एफिल टावर से करीब 35 मीटर अधिक होगी.

कटरा (जम्मू कश्मीर): भारत को जल्द दुनिया के सबसे उंचे रेलवे पुल का गौरव हासिल होगा क्योंकि जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य पूरे जोर शोर से जारी है. फिनलैंड और जर्मनी के सलाहकारों द्वारा डिजाइन किया गया 1.315 किलोमीटर लंबा यह पुल चेनाब नदी के उपर 359 मीटर की उंचाई पर बन रहा है. यह उंचाई एफिल टावर से 35 मीटर अधिक है.

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12,000 करोड़ रुपए आएगी लागत

परियोजना से जुड़े मुख्य रेलवे इंजीनियर बी बी एस तोमर ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य खत्म होते ही यह इंजीनियरिंग की एक अनूठी मिसाल बन जाएगी. कश्मीर रेलवे परियोजना के उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला खंड का हिस्सा रहा यह पुल कटरा और बनिहाल के बीच अहम संपर्क का कार्य करेगा. उच्च भूकंपीय क्षेत्र और सीमा के निकट होने के कारण डीआरडीओ इस पुल पर विशेष ध्यान दे रहा है तथा 12,000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे पुल को आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र में किसी भी बड़े विस्फोट को झेलने में सक्षम बनाया जाएगा. इस विशालकाय ढांचे का निर्माणकार्य मार्च 2019 तक पूरा करने के लिए वर्तमान में 1,400 कामगार दिन रात काम कर रहे हैं.

पेरिस के एफिल टावर से भी होगा ऊंचा

ब्रिटेन स्थित क्वालिटी कंसल्टेंट डेविड मैकेंजी ने बताया, यह एक अभूतपूर्व कार्य है क्योंकि आप किसी बेहद सूदूर स्थान पर सक्षम ठेकेदारों के साथ मिलकर एक विशाल इस्पात के पुल का निर्माण कार्य कर रहे हैं. परियोजना में अपनी भूमिका को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने बताया, मेरी भूमिका गुणवत्ता नियंत्रण की है और इसके लिये क्या कुछ स्वीकार्य है और क्या गैर स्वीकार्य इस बारे में उन्हें सुझाव देना है. यह विश्वस्तरीय मानक वाला एक बड़ा कार्य है, जिसके बारे में जानने और अध्ययन के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्सुक रहेगा. निश्चित रूप से यह इंजीनियरिंग की एक मिसाल है और भारत को इस पर गर्व होना चाहिए. इससे पहले यह क्षेत्र पहुंच के बाहर था और पुल के निर्माण कार्य को लेकर रेलवे को मार्ग सुगम्य बनाने के लिए 22 किलोमीटर लंबी सड़क बनानी पड़ी.

योजना के मुताबिक पुल की सुरक्षा के लिए हवाई सुरक्षा उपलब्ध करायी जाएगी. गंभीर परिस्थितियों में यात्रियों एवं ट्रेनों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन निगरानी तथा चेतावनी सूचक प्रणाली लगायी जाएगी. इससे सटे इलाके में पैदल पारपथ और साइकल पारपथ भी मौजूद रहेंगे. तोमर ने बताया, पुल का निर्माण कार्य कश्मीर रेल लिंक परियोजना का बेहद चुनौतीपूर्ण हिस्सा है. जांच एवं रखरखाव के मकसद से पुल पर रोपवे भी बनाया जाएगा.

क्या है 10 खास बातें

इसकी उंचाई एफिल टावर से करीब 35 मीटर अधिक होगी.
निर्माण में 24000 टन इस्पात इस्तेमाल किया जाएगा.
यह नदी के तल से 359 मीटर उंचा होगा.
12,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी
यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा को झेल सकता है.
इंजीनियरिंग का 1.315 किलोमीटर लंबा यह अजूबा बक्कल (कटरा) और कौड़ी (श्रीनगर) को जोड़ेगा.
रेलवे को मार्ग सुगम्य बनाने के लिए 22 किलोमीटर लंबी सड़क बनानी पड़ी.
यह पुल निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बेईपैन नदी पर बने चीन के शुईबाई रेलवे पुल (275 मीटर) का रिकार्ड तोड़ेगा.
इसके वर्ष 2019 में पूरा होने की उम्मीद है.
1,400 कामगार दिन रात काम कर रहे हैं.

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