असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केंद्र सरकार असम में 57 लाख परिवारों को तीन रुपये किलो पर चावल उपलब्ध करा रही है.
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गुवाहाटी: असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को राज्य का 2019-20 बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने 1,193 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश करते हुए किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं किया है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने गरीबों को एक रुपये किलो के मूल्य पर चावल देने और दुल्हनों को एक तोला सोना देने का प्रस्ताव किया है. बजट में विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव किया गया है. अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को वित्तीय सहायता का प्रस्ताव है.
सरमा ने कहा कि असम जैसे विशेष श्रेणी वाले राज्यों में 10 लाख रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकरण कराना जरूरी है. लेकिन छोटे कारोबार और उनके छोटे आधार को देखते जुए सरकार ने जीएसटी के तहत पंजीकरण की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है. जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद इसे एक फरवरी से लागू किया गया है. वित्त मंत्री ने सामान के आपूर्तिकर्ताओं के लिए जीएसटी के तहत पंजीकरण की सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया है. हालांकि, सेवा आपूर्तिकर्ताओं के लिए यह सीमा 20 लाख रुपये ही रहेगी.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केंद्र सरकार असम में 57 लाख परिवारों को तीन रुपये किलो पर चावल उपलब्ध करा रही है. इसका लाभ राज्य की 2.46 करोड़ की आबादी को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा की स्थिति को और मजबूत करने के लिए हम गरीबों को तीन के बजाय एक रुपये किलो की दर पर चावल उपलब्ध कराएंगे. इसका लाभ 53 लाख परिवारों को मिलेगा. सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावकों को उनकी पुत्री की शादी पर एक तोला (11.66 ग्राम) सोना देने का भी प्रस्ताव किया है.