मेघालय में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने पेश किया दावा, राज्यपाल को सौंपी चिट्ठी
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मेघालय में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने पेश किया दावा, राज्यपाल को सौंपी चिट्ठी

राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में 21 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है और सरकार बनाना चाहती है.

कांग्रस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी. (फाइल फोटो)

शिलांग: मेघालय में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी कांग्रेस ने राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात करके राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. यह जानकारी अधिकारियों और पार्टी नेताओं ने रविवार (4 मार्च) को यहां दी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस के तीन नेताओं कमलनाथ, अहमद पटेल और सीपी जोशी ने शनिवार (3 मार्च) रात सात बजे राज्यपाल से मुलाकात की. पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ने बताया, ‘‘हमने राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे कहा कि परंपरा के मुताबिक, सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद राज्य में सरकार बनाने के लिए पहले उन्हें आमंत्रित किया जाए.

  1. कमलनाथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल और मुकुल वासनिक के साथ मेघालय पहुंचे हैं.
  2. वे यहां खंडित जनादेश के बीच प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिश में जुटे हैं.
  3. मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 21 सीटें हासिल की हैं.

पिछले महीने हुए चुनाव में राज्य की 59 सीटों में से 21 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. बहुमत के लिए पार्टी 10 सीटों से पीछे रह गयी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सरकार बनाने के प्रयास के तहत कमलनाथ, पटेल और जोशी दिल्ली से मेघालय पहुंचे हैं. कांग्रेस को त्रिपुरा और नगालैंड में तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस 10 साल से राज्य में सत्ता में है.

मेघालय कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विंसेट एच पाला ने भरोसा व्यक्त किया कि यूनाईटेड डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुलल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसी क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस का समर्थन करेगी. इन दोनों पार्टियों के क्रमश: छह और चार विधायक हैं. पाला ने कहा, ‘‘हम बातचीत कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वे हमें समर्थन देंगे.’’

केन्द्र एवं राज्य में भाजपा के गठबंधन सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और इसके सहयोगी भाजपा ने कुल मिलाकर 21 सीटों पर जीत दर्ज की है. भाजपा ने भी असम से अपने नेता हेमंत विस्व शर्मा को मेघायल की राजधानी भेजा है, ताकि अपने गठबंधन की सरकार बनाई जा सके. शर्मा ने शनिवार (3 मार्च) को संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम राज्य में सरकार के गठन के लिए एनपीपी की मदद कर सकते हैं और क्षेत्रीय पार्टियों को इसके लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.’’

त्रिपुरा में भाजपा को मिला बहुमत, 25 साल बाद सत्ता से 'बेदखल' लेफ्ट

भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में वाम दलों का किला ध्वस्त करते हुए शनिवार (3 मार्च) को आए तीन विधानसभा चुनावों के परिणामों में पूर्वोत्तर में अपना विजय अभियान जारी रखा. त्रिपुरा में भाजपा को अजेय बहुमत मिलने के बाद सरकार बनना तय है, जबकि नगालैंड में भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में अग्रसर है. वहीं, मेघालय में भी भाजपा गैर-कांग्रेसी दलों को साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. भाजपा संसदीय बोर्ड की शाम में हुई बैठक में यह विश्वास जताया गया कि पार्टी नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाएगी. भाजपा ने दावा किया कि उसे दोनों राज्यों में सहयोगियों के साथ पूर्ण बहुमत है.

भाजपा गठबंधन को 43 सीटें
त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली. भाजपा की झोली में 35 सीटें आयीं, जबकि आईपीएफटी आठ सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही. इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी सुरक्षित 20 जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. त्रिपुरा में भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1.5 फीसदी वोट मिले थे और 50 में 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. जबकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले हैं.

वहीं, वाम मोर्चे को 2013 के चुनाव में कुल 50 सीटें मिली थीं और वह अभी सिर्फ 18 सीटों पर आगे चल रही है. माकपा और भाकपा गठबंधन को 44 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग छह फीसदी कम है. माकपा को अकेले 42.7 फीसदी वोट मिले हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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