गोरखालैंड की मांग: CRPF की दो कंपनियां दार्जिलिंग पहुंचीं, बिमल गुरुंग ने दी और 'भीषण' संघर्ष की चेतावनी
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गोरखालैंड की मांग: CRPF की दो कंपनियां दार्जिलिंग पहुंचीं, बिमल गुरुंग ने दी और 'भीषण' संघर्ष की चेतावनी

जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग ने कहा, ‘अगर मुझे खून बहाना पड़े तो मैं ऐसा करने के लिए तैयार हूं, लेकिन गोरखालैंड बनने तक संघर्ष जारी रहेगा.’ 

गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए. (ट्विटर फोटो)

दार्जिलिंग: दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में रविवार (16 जुलाई) को सुरक्षा बल हाईअलर्ट पर रहे जहां अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की ओर से आहूत अनिश्चितकालीन हड़ताल के आज (रविवार, 16 जुलाई) 32वें दिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

इस बीच अदालत के आदेश के तहत सीआरपीएफ की दो कंपनियां दार्जिलिंग पहुंचीं जबकि दो और कल (सोमवार, 17 जुलाई) पहुंचेंगी. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गत 14 जुलाई को केंद्र से कहा था कि दार्जिलिंग में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए वह 48 घंटे के भीतर सीआरपीएफ की चार अतिरिक्त कंपनियां मुहैया कराये.

दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने कहा, ‘सीआरपीएफ की दो कंपनियां आज (रविवार, 16 जुलाई) पर्वतीय क्षेत्र में पहुंची और दो और कल (सोमवार, 17 जुलाई) सुबह पहुंचेंगी.’ दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में सीआरपीएफ की 11 कंपनियां पहले से तैनात हैं.

पड़ोसी जिले जलपाईगुड़ी से मिली एक खबर के अनुसार गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बीरपाड़ा में क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी. जिला प्रशासन सूत्रों ने बताया कि जीजेएम की महिला इकाई भी उसी जिले के जयगांव में भूख हड़ताल पर बैठ गई.

जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग ने शनिवार (15 जुलाई) रात प्रदर्शन के और ‘भीषण’ होने की चेतावनी दी थी. गुरुंग ने शनिवार (15 जुलाई) रात यहां संवाददाताओं से कहा, ‘गत एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा प्रदर्शन और भयानक होगा और यह हमारी स्वतंत्रता के लिए निर्णायक संघर्ष होगा.’ 

उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे खून बहाना पड़े तो मैं ऐसा करने के लिए तैयार हूं, लेकिन गोरखालैंड बनने तक संघर्ष जारी रहेगा.’ दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और सोनाडा में सेना तैनात की गई है और सुरक्षाबल तथा पुलिसकर्मी सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं. इस बीच जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवा पर 18 जून को लगाए गए प्रतिबंध को 25 जुलाई तक बढ़ा दिया है. दवा दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें, रेस्त्रां, होटल, स्कूल और कालेज बंद रहे.

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