जयललिता की मौत: एमके स्टालिन की मांग, सच्चाई सामने लाने के लिए 'लाई डिटेक्टर' जांच हो
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जयललिता की मौत: एमके स्टालिन की मांग, सच्चाई सामने लाने के लिए 'लाई डिटेक्टर' जांच हो

स्टालिन ने अप्रत्यक्ष तौर पर राज्य के मंत्रियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि तर्कवादी संगठन द्रविदार कषगम के प्रमुख वीरमणि ने ‘लाई डिटेक्टर’ (मशीन से झूठ पकड़ना) जांच का एक सुंदर विचार दिया है.

जयललिता की पिछले साल 2016, पांच दिसंबर को मृत्यु हो गई थी. (फाइल फोटो)

चेन्नई: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन से मिलने को लेकर अन्नाद्रमुक नेताओं के विरोधाभासी दावों के बीच द्रमुक कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गुरुवार (28 सितंबर) को कहा कि यदि ‘लाई डिटेक्टर’ जांच की जाती है, तो उनकी मृत्यु के बारे में राज्य के मंत्रियों से कई सच्चाई सामने आएगी. स्टालिन ने अप्रत्यक्ष तौर पर राज्य के मंत्रियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि तर्कवादी संगठन द्रविदार कषगम के प्रमुख वीरमणि ने ‘लाई डिटेक्टर’ (मशीन से झूठ पकड़ना) जांच का एक सुंदर विचार दिया है.

उन्होंने जयललिता के 75 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बारे में विरोधाभासी दावों पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिर्फ यही तरीका इस्तेमाल किए जाने पर मौजूदा मंत्रियों से कई सच्चाई सामने आ पाएगी.’’ जयललिता की पिछले साल पांच दिसंबर को मृत्यु हो गई थी. वन मंत्री डिंडीगुल सी श्रीनिवासन और वाणिज्यिक कर मंत्री केसी वीरमणि ने कहा कि जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनसे कोई नहीं मिला था.

तमिल विकास मंत्री के पंडीयराजन ने भी कहा कि वह भी जयललिता के अस्पताल में रहने के दौरान उनसे नहीं मिले थे. हालांकि, मंत्रियों - सेल्लुर के. राजू और निलोफर कफील ने विरोधाभासी बातें कही. राजू ने कहा कि सारे मंत्री जयललिता से मिले थे. वहीं, निलोफर ने कहा कि वह जयललिता से उस वक्त मिली थी, जब उन्हें अपोलो अस्पताल में एक कमरे से दूसरे कमरे में ले जाया जा रहा था.

इस पृष्ठभूमि के मद्देनजर स्टालिन ने फिर से कहा कि सिर्फ सीबीआई जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ राज्य के मंत्रियों से बल्कि अन्य लोगों से भी पूछताछ की जानी चाहिए जो जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनसे मिलने गये थे.

उन्होंने कहा कि राज्यपाल सी विद्यासागर राव, दिल्ली से आए मंत्रियों, एम्स दिल्ली के डॉक्टरों और लंदन के डॉक्टर ( डॉ रिचर्ड बेल) से पूछताछ की जानी चाहिए. पीएमके प्रमुख रामदॉस ने भी मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेलवम से सीबीआई द्वारा पूछताछ करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक सरकार रहस्य से पर्दा हटाने में रुचि नहीं रखती है. इस मामले में गठित जांच आयोग का कोई उपयोग नहीं होने जा रहा.

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