जयललिता ने अतिरिक्त पवन उर्जा की निकासी के लिए PM के हस्तक्षेप की मांग की
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जयललिता ने अतिरिक्त पवन उर्जा की निकासी के लिए PM के हस्तक्षेप की मांग की

तमिलनाडु सरकार ने आज कहा कि वह राज्य में उत्पादित अतिरिक्त पवन उर्जा को बेचने की स्थिति में है और इसने इसकी निकासी के लिए केंद्र से समर्पित संचरण क्षमता प्राथमिकता के आधार पर आवंटित करने का आग्रह किया।

चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने आज कहा कि वह राज्य में उत्पादित अतिरिक्त पवन उर्जा को बेचने की स्थिति में है और इसने इसकी निकासी के लिए केंद्र से समर्पित संचरण क्षमता प्राथमिकता के आधार पर आवंटित करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में पवन सत्र जून से सितंबर तक था और वर्तमान में उपलब्ध निकासी अवसंरचना पर आधारित तमिलनाडु ग्रिड में इस उर्जा में से 4400 मेगावाट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि इस तरह की अंतर राज्य निकासी अवसंरचना के क्रियान्वयन के साथ भी तमिलनाडु में उत्पादित पवन उर्जा पूरी तरह इस्तेमाल नहीं की जा सकती, खासकर इस सत्र में। जयललिता ने कहा कि तमिलनाडु करीब 100 मेगावाट पवन उर्जा दूसरे राज्यों को बेचने की स्थिति में है जो अपने नवीकरणीय खरीद दायित्वों को पूरा करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु पहले ही अपना नवीकरणीय खरीद दायित्व पूरा कर चुका है। भारत में कई राज्य, जो अपना नवीकरणीय खरीद दायित्व पूरा करने में समर्थ नहीं हैं, अब इस काम में मदद के लिए तमिलनाडु से संपर्क कर रहे हैं।’ मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है, ‘नवीकरणीय उर्जा की आवश्यकता में राज्यों को अतिरिक्त पवन उर्जा की बिक्री करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि एक समर्पित अंतर राज्य हरित उर्जा कॉरिडोर स्थापित किया जाए, ताकि तमिलनाडु से अतिरिक्त पवन उर्जा की निकासी सफलतापूर्वक हो सके और दूसरे राज्यों को बेची जा सके।’

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