केरल विधानसभा में जमकर हंगामा, मणि ने पेश किया रिकार्ड 13वां बजट
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केरल विधानसभा में जमकर हंगामा, मणि ने पेश किया रिकार्ड 13वां बजट

केरल विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ और विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष के आसान तक पहुंचकर उत्पात मचाया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में हाथापाई के बीच वित्त मंत्री के. एम. मणि ने रिकार्ड 13वीं बार राज्य का बजट पेश किया। विधायकों ने वाच एंड वार्ड स्टाफ के साथ भी मारपीट की। इससे बहुत से लोगों को चोटें आईं।

केरल विधानसभा में जमकर हंगामा, मणि ने पेश किया रिकार्ड 13वां बजट

तिरूवनंतपुरम : केरल विधानसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ और विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष के आसान तक पहुंचकर उत्पात मचाया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में हाथापाई के बीच वित्त मंत्री के. एम. मणि ने रिकार्ड 13वीं बार राज्य का बजट पेश किया। विधायकों ने वाच एंड वार्ड स्टाफ के साथ भी मारपीट की। इससे बहुत से लोगों को चोटें आईं।

सदन वस्तुत: युद्ध का मैदान बन गया और विपक्षी सदस्य मणि को बजट पेश करने से रोकने के लिए तमाम तरीके आजमाने पर उतर आया। दरअसल मणि पर बार मामले में रिश्वत लेने के आरोप हैं।

सत्तारूढ़ मोर्चे पर दबाव बढ़ाते हुए एलडीएफ के विधायक कल रात विधानसभा परिसर में ही रूक गए थे ताकि मणि बजट पेश करने जब सुबह आएं तो उन्हें सदन में प्रवेश करने से रोका जा सके। आज सुबह विधानसभा के रास्ते में रोके जाने की आशंका के मद्देनजर मणि और मंत्रिमंडल के उनके कुछ सहयोगी भी कल रात विधानसभा परिसर में रुक गए।

इस दौरान मणि के खिलाफ सदन के बाहर हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया। आक्रोशित एलडीएफ और युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठियां चलायी। वहीं, खफा भीड़ ने शहर में पुलिस की एक जीप में आग लगा दी।

एलडीएफ के विरोध के बीच मणि बजट का कुछ अंश पढ़ने में तब कामयाब रहे जब सत्तारूढ़ यूडीएफ सदस्यों और वाच एंड वार्ड स्टाफ ने उनके पास एक घेरा बना लिया जिससे विपक्षी उन तक पहुंच नहीं पाए। एलडीएफ ने अपने विधायकों पर कथित हमले के विरोध में कल हड़ताल का आह्वान किया है।

विपक्षी सदस्य अपने इस रूख पर अड़े रहे कि ‘भ्रष्ट’ मंत्री को बजट पेश नहीं करना चाहिए। सत्र की शुरुआत के साथ ही हंगामा होने लगा। एलडीएफ सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के साथ ही सदन के सभी द्वारों को अवरूद्ध कर दिया।

बजट पेश होने का समय जैसे जैसे करीब आता जा रहा था एलडीएफ के कुछ सदस्य सदन में बैठ गए और ‘इन्कलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे। वाच एंड वार्ड स्टाफ ने जब उन्हें सदन से निकालने की कोशिश की तो हाथापाई शुरू हो गयी। स्थिति तब बिगड़ गयी जब आसन के पास एलडीएफ सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के बीच भिड़ंत हो गयी। के कुंज अहमद, ई पी जयराजन, जेम्स मैथ्यू, टी वी राजेश और वी शिवनकुट्टी ने अध्यक्ष के आसन को क्षतिग्रस्त कर दिया और स्पीकर, कंप्यूटर और लाइट दी।

हंगामे के बीच कुछ सदस्य आसन के सामने मेज पर चढ़ गए और सत्तारूढ़ मोर्चे को ललकारा। सत्तारूढ़ खेमे ने मणि को बजट पेश करने में सहूलियत के लिए घेरा तैयार किया था। इसी शोर शराबे के बीच बगल के दरवाजे से सदन में नाटकीय तौर पर मणि का तब प्रवेश हुआ जब एलडीएफ सदस्य अध्यक्ष के आसन के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों से उलझ रहे थे।

एलडीएफ ने अध्यक्ष एन संकटन को सदन में घुसने से रोकने की रणनीति तैयार की थी जिससे कि बजट पेश नहीं किया जा सके।

जैसे ही मणि सदन में पहुंचे एलडीएफ सदस्यों की नजर उनपर पड़ी और उनमें से कुछ उनकी ओर लपके। लेकिन, सदन के भीतर सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी से उनकी यह कोशिश नाकाम हो गयी।

मणि जब बजट पढ़ने लगे तो बिजुमोल (भाकपा) और के लतिका (माकपा) सहित कुछ महिला सांसद मेज पर चढ़ गयीं और सुरक्षा गाडरें के घेरे को तोड़ने की कोशिश की। मणि ने 10 मिनट में ही बजट का कुछ हिस्सा पढ़ डाला। इस बीच यूडीएफ सदस्यों ने वित्त मंत्री के समर्थन में नारे लगाए और उनमें से कुछ ने मिठाइयां बांटी।

मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके कैबिनेट सदस्य बजट पेश किये जाने के समय सुबह नौ बजे से पहले ही विधानसभा में पहुंच गए थे। विपक्ष के नेता वी एस अच्युतानंदन और विपक्ष के उप नेता कोडियारी बालाकृष्णन दोनों स्थिति पर नजर रखे हुए थे। दोनों माकपा नेता हैं। हाथापाई के बीच माकपा नेता और पूर्व मंत्री थॉमस आइजक सहित एलडीएफ के कुछ सदस्य सदन में गिर पड़े। सदन में एलडीएफ सदस्य के बैठे रहने से कुछ और समय तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। विपक्षी सदस्य भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी का विरोध कर रहे थे।

बेहोशी की शिकायत के बाद के लतिका, सी दिवाकरण, वी शिवनकुट्टी, टीवी राजेश, के सलीखा और गीता गोपी सहित एलडीएफ विधायकों को स्ट्रेचर और व्हील चेयर के जरिए सदन से बाहर ले जाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। मणि के इस्तीफे की मांग पर एलडीएफ और भाजपा का ‘युवा मोर्चा’ सड़कों पर उतरा था। उनका कहना था कि बार रिश्वत मामले में सतर्कता प्राथमिकी में नाम आने के कारण उन्हें बजट पेश नहीं करना चाहिए।

बहरहाल, सदन के बाहर अच्युतानंदन ने संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा में इससे पहले ऐसी स्थिति कभी नहीं पैदा हुयी थी और सुरक्षाकर्मियों ने कम से कम 20 विधायकों की पिटाई कर दी। एलडीएफ की ओर से कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ सरकार को आगाह किया था कि मणि को बजट पेश करने से रोकने के लिए हर कदम उठाया जाएगा। इसके बाद से राज्य की राजधानी में तनाव गहरा गया था। चांडी ने स्पष्ट किया था कि मणि ही बजट पेश करेंगे क्योंकि इसके लिए उनके पास संवैधानिक अधिकार है।

सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इन आरोपों के तहत पिछले साल दिसंबर में एक मामला दर्ज किया था कि उन्होंने शराब के लाइसेंस का नवीकरण करने के लिए शराबखानों के मालिकान से रिश्वत ली थी। ये आरोप ‘केरल स्टेट बार ओनर्स ऐसोसिएशन’ के कार्यकारी अध्यक्ष बीजू रमेश ने लगाए थे।

इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष एन शक्तन ने पत्रकारों को बताया कि विधानसभा के तमाम आवश्यक नियम-कायदों का पालन कर बजट पेश किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सुबह एलडीएफ के घटक दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी और उसमें अच्युतानंदन मौजूद थे।

उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि बजट आज सदन में पेश किया जाए, वाच ऐंड वार्ड स्टाफ बुलाया गया।’ विधानसभा अध्यक्ष ने घटनाक्रम को ‘बहुत खराब’ बताते हुए कहा कि हंगामे में चीफ मार्शल समेत वाच एंड वार्ड के तकरीबन 12 कर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘आज के घटनाक्रम पर किसी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। लेकिन बाद में इस संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा।’

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