पेप्सी, कोका कोला को तमीरबरानी नदी से पानी लेने की अनुमति
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पेप्सी, कोका कोला को तमीरबरानी नदी से पानी लेने की अनुमति

पेप्सी और कोका कोला को राहत देते हुये मद्रास उच्च न्यायालय ने आज इन दोनों शीतलपेय बनाने वाली कंपनियों को तिरनेलवेली जिला स्थित अपने बॉटलिंग संयंत्र के लिये तमीरबरानी नदी से पानी लेने की अनुमति दे दी है।न्यायमूर्ति ए. सेलवम और पी. कलईरासन ने अदालत द्वारा इससे पहले इस नदी से पानी लेने पर लगाई गई पाबंदी को हटाते हुये डी.ए. प्रभाकर और अपावो द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

फाइल फोटो-प्रतीकात्मक

मदुरई: पेप्सी और कोका कोला को राहत देते हुये मद्रास उच्च न्यायालय ने आज इन दोनों शीतलपेय बनाने वाली कंपनियों को तिरनेलवेली जिला स्थित अपने बॉटलिंग संयंत्र के लिये तमीरबरानी नदी से पानी लेने की अनुमति दे दी है।न्यायमूर्ति ए. सेलवम और पी. कलईरासन ने अदालत द्वारा इससे पहले इस नदी से पानी लेने पर लगाई गई पाबंदी को हटाते हुये डी.ए. प्रभाकर और अपावो द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

अदालत ने इस संबंध में अंतरिम रोक पिछले साल नवंबर में लगाई थी।शीतलपेय बनाने वाली इन कंपनियों ने पानी के इस्तेमाल पर लगी रोक को हटाने के लिये अदालत से निर्देश देने का आग्रह किया था। कंपनियों का कहना था कि वह केवल अधिशेष पानी का ही इस्तेमाल करतीं हैं।

जनहित याचिका में कहा गया था कि तिरनेलवेली और तुतीकोरिन जिलों से बहने वाली इन नदियों से इन जिलों में पीने के पानी और सिंचाई परियोजनाओं को मदद मिलती है। याचिका में कंपनियों को पानी देने का विरोध करते हुये कहा गया कि ऐसा होने से किसानों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ सकता है, क्योंकि सिंचाई के अभाव में वह खेती संबंधी गतिविधियां नहीं चला पायेंगे।

तिरनेलवेली उपभोक्ता संरक्षण संघ के सचिव प्रभाकर का कहना है कि कंपनियां प्रति एकहजार लीटर पानी के लिये मात्र 37.50 पैसे का भुगतान करतीं हैं जबकि अपने उत्पाद कहीं उंची कीमत पर बेचतीं हैं।

हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने इससे पहले कहा था कि नदियों में काफी पानी है और केवल अतिरिक्त पानी ही कंपनियों को दिया जाता है।

 

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