जिम कार्बेट में शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश
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जिम कार्बेट में शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

प्रसिद्ध जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में शिकारियों की संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिये पार्क प्रशासन ने वनकर्मियों की तैनाती बढ़ाने और संवेदनशील स्थानों पर कैमराट्रैप लगाने के अलावा संदिग्ध शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किये हैं।

नैनीताल : प्रसिद्ध जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में शिकारियों की संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिये पार्क प्रशासन ने वनकर्मियों की तैनाती बढ़ाने और संवेदनशील स्थानों पर कैमराट्रैप लगाने के अलावा संदिग्ध शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किये हैं।

कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के निदेशक पराग मधुकर धकाते ने यहां बताया कि पार्क की सबसे ज्यादा संवेदनशील दक्षिणी सीमा पर शिकारियों की संदिग्ध गतिविधियों के बढ़ने के मद्देनजर ये आदेश जारी किये गये हैं।

उन्होंने बताया, ‘कार्बेट से संदिग्ध तत्वों को हटाने के लिये चलाये जा रहे पांच दिवसीय अभियान में 150 वनकर्मियों को शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश के साथ तैनात किया गया है। इसके अलावा क्षेत्र में 388 कैमरा ट्रैप भी लगाये गये हैं।’ धकाते ने कहा कि देखते ही गोली मारने के आदेश 2003 के सरकारी आदेश के तहत दिये गये हैं जिसमें वन्य जीवों की रक्षा के लिये इस प्रकार के अभियानों को चलाने की अनुमति दी गयी है।

पार्क निदेशक ने कहा, ‘क्षेत्र के ग्रामीणों को भी इस अभियान से अवगत करा दिया गया है और अपने पशुओं को चराने के लिये जंगल के कोर क्षेत्र में न ले जाने की सलाह दी गयी है।’ उन्होंने बताया कि पार्क घूमने आने वाले लोगों की भी सघन तलाशी ली जायेगी।

धकाते ने कहा कि बाघ या तेंदुए को नरभक्षी होने के आधार पर मारे जाने या स्वास्थ्य कारणों के अलावा उसे पिंजरे में कैद किये जाने पर प्रतिबंध लगाये जाने संबंधी उत्तराखंड उच्च न्यायालय के हाल में आये आदेश के बावजूद बाघों के जीवन पर शिकारियों के कारण संकट बना हुआ है।

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