पंजाब: आधी ठंड बीत जाने पर भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिली सर्दी की ड्रेस
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पंजाब: आधी ठंड बीत जाने पर भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिली सर्दी की ड्रेस

जालंधर में एक मीटिंग के दौरान मंत्री ओपी सोनी ने प्राइवेट स्कूलों की तुलना फाइव स्टार होटल के साथ और वहीं सरकारी स्कूलों की तुलना ढाबे से की.

मंत्री सोनी का कहना है कि अगले साल से ड्रेस मुहैया करवाने के लिए बाकायदा टेंडर निकाला जाएगा.

नितिका महेश्वरी/जालंधर: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड रही है और इस बीच पंजाब के सरकारी स्कूल के बच्चे अभी भी सर्दी की ड्रेस का इंतजार कर रहे हैं. पंजाब में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 12,76,303 बच्चों को अभी तक सर्दी की ड्रेस नहीं मिली हैं. इस बारे में सवाल पूछे जाने पर पंजाब के शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि बच्चों को 15 दिन में ड्रेस मुहैया करवा दी जाएगी. वहीं, जालंधर में एक मीटिंग के दौरान मंत्री ओपी सोनी ने प्राइवेट स्कूलों की तुलना फाइव स्टार होटल के साथ और वहीं सरकारी स्कूलों की तुलना ढाबे से की.

आधी सर्दी बीत जाने के बाद पंजाब के शिक्षा विभाग ने ड्रेस की खरीद संबंधी राशि जारी कर बच्चों को वर्दियां मिलने की आस जगाई है. पंजाब के शिक्षा मंत्री ओपी सोनी द्वारा ड्रेस की राशि स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों के खातों में ट्रांसफर किए जाने का दावा किया जा रहा है. मंत्री सोनी के मुताबिक, स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को वर्ष 2018-19 के लिए पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए 600 रुपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से 12,76,303 विद्यार्थियों को ड्रेस के लिए राशि उपलब्ध करवाई जा रही है. जिससे 712794 लड़कियां, 485512 निचली श्रेणी के लड़कों और 77997 गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले बच्चों को फायदा मिलेगा. सोनी का कहना है स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को जारी हिदायतों और ड्रेस की स्पेसिफिकेशन भेजकर उनकी तैयारी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं.

मंत्री सोनी का कहना है कि उन्हें पदभार संभाले हुए कोई ज्यादा समय नही हुआ है. अगले साल से ड्रेस मुहैया करवाने के लिए बाकायदा टेंडर निकाला जाएगा. गौरतलब है कि पंजाब के कई सरकारी स्कूलों के बच्चे ड्रेस की जगह स्कूल में भी आम कपड़े पहनने के लिए मजबूर है. मोहाली के सरकारी स्कूल में 5 वीं कक्षा की छात्रा रोशनी ने बताया कि पिछले साल में मिली ड्रेस फट गई है और उसके पापा मजदूर है इसलिए वो उसके लिए स्कूल की ड्रेस खरीदने में असमर्थ है. वहीं, तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली अज़मा का कहना है कि पापा पेंट करने का काम करते है और मां घरों में सफाईं करती है. उनको नई ड्रेस नही मिली इसलिए वो पिछले साल मिली छोटी हो चुकी ड्रेस पहनकर आती है. 

बता दें कि पंजाब में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 12 लाख विद्यार्थियों को सर्दी की ड्रेस न मिलने का मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंचा था. जिसपर 14 दिसंबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दो हफ्तों में पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को उचित निर्णय लेने के निर्देश दिए थे. लेकिन, हाईकोर्ट का फैसला आने के 20 दिन बाद तक भी पंजाब के शिक्षा मंत्री 15 दिन में विद्यार्थियों को ड्रेस देने का दावा कर रहें है.

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