1 और 2 दिसंबर को चेन्नई में हुई 100 साल में सबसे ज्यादा बारिश
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1 और 2 दिसंबर को चेन्नई में हुई 100 साल में सबसे ज्यादा बारिश

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि एक और दो दिसंबर को बाढ़ प्रभावित चेन्नई में 24 घंटे में जितनी बारिश हुई थी, उतनी वर्ष 1901 के बाद किसी दिन नहीं हुई थी।

फाइल फोटो

वाशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि एक और दो दिसंबर को बाढ़ प्रभावित चेन्नई में 24 घंटे में जितनी बारिश हुई थी, उतनी वर्ष 1901 के बाद किसी दिन नहीं हुई थी।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कल एक एनीमेटेड मैप जारी किया, जिसमें उपग्रह आधारित आकलन उपलब्ध कराए गए। इन नक्शों में एक और दो दिसंबर को दक्षिण भारत में हुई बारिश का आकलन किया गया। इनके लिए आंकड़े 30 मिनट के अंतराल पर जुटाए गए।

नासा की अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि तमिलनाडु में बाढ़ का प्रकोप दरअसल लगातार मानसून की बारिश होने के एक माह बाद आया। यह बारिश सामान्य से पहले ही काफी ज्यादा थी। तमिलनाडु में भारी बारिश और बाढ़ के चलते कम से कम 250 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं । हजारों लोग बाढ़ के कारण प्रभावित या विस्थापित हुए हैं।

नासा ने कहा कि यह डाटा वैश्विक अवक्षेपण मापन अभियान के तहत आईएमईआरजी के जरिए जुटाया गया। नासा के गोड्डार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में इस मापन से जुड़े एक वैज्ञानिक हाल पियर्स के अनुसार, दक्षिण पूर्वी तट के इलाके के आसपास उच्चतम बारिश 500 मिलीमीटर से ज्यादा पहुंच गई।

ब्लॉग पोस्ट में कहा गया, ‘भारत और विदेश में मौसम विज्ञानियों ने इस बारिश के पीछे की मूल वजह अत्यधिक सक्रिय उत्तर पूर्वी मानसून को बताया। सर्दी में, देश में उत्त पूर्व से दक्षिण पश्चिम की ओर बहने वाली प्रबल हवाएं अधिकतर स्थानों पर शुष्क प्रभाव डालती हैं, खासतौर पर आंतरिक इलाकों में।’ पोस्ट में कहा गया, ‘लेकिन ये उत्तर पूर्वी हवाएं बंगाल की खाड़ी के गर्म जल के उपर से भी होकर बहती हैं। वहां वे समुद्र से भारी मात्रा में नमी को वाष्पित कर देती हैं और इसे दक्षिणी एवं पूर्वी भारत पर ले जाती हैं। भारत के पूर्वी तटीय इलाके में सर्दियों के दौरान आने वाले इस मानसून में होने वाली बारिश की मात्रा इसकी सालाना बारिश का 50 से 60 प्रतिशत होती है।’

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