अमरिंदर सिंह सरकार पर सिख गुरु की तस्वीर से छेड़छाड़ का आरोप, दी ये सफाई
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अमरिंदर सिंह सरकार पर सिख गुरु की तस्वीर से छेड़छाड़ का आरोप, दी ये सफाई

पंजाब में विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की अगुवाई वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाश पर्व के मौके पर अखबारों दिये विज्ञापन में विकृत तस्वीर दी थी और यह धार्मिक बेअदबी का मामला है.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सरकार पर गुरु गोविंद सिंह की तस्वीर से छेड़छाड़ का आरोप. फाइल तस्वीर

चंडीगढ़: पंजाब में विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की अगुवाई वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाश पर्व के मौके पर अखबारों दिये विज्ञापन में विकृत तस्वीर दी थी और यह धार्मिक बेअदबी का मामला है. हालांकि, शिअद के आरोप को कांग्रेस ने हास्यास्पद करार दिया है. शिअद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने आज यहां बयान जारी कर कहा, ‘गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाश पर्व के मौके पर कांग्रेस सरकार ने अखबारों में दिये विज्ञापन में फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट के साथ सिखों के दसवें गुरु के चेहरे को मिलाकर धार्मिक बेअदबी को अंजाम दिया है.’ पार्टी ने दोषी अधिकारियों और विज्ञापन एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

  1. गुरु गोविंद सिंह की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ का आरोप
  2. शिरोमणि अकाली दल ने राज्य सरकार पर लगाए आरेाप
  3. कांग्रेस ने कहा, बेबुनिया आरोप है, नहीं हुई छेड़छाड़

उन्होंने कहा, ‘सिख गुरु के चेहरे को फ्रांस के शासक के साथ बदल दिया गया था. यह पेंटिंग 1800 ई की है और गुरु साहब की अवधि के लगभग एक सदी बाद अस्तित्व में आया है. मुझे आश्चर्य है कि पंजाब सरकार ने नेपोलियन की इस छेड़छाड़ वाली इस तस्वीर को जारी कर इतना बड़ा पाप क्यों किया है जबकि बड़ी तादाद में सिख गुरु की तस्वीरें मौजूद हैं.’ शिअद नेता ने कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार से माफी मांगने की मांग करते हुए सार्वजनिक स्थानो से इन तस्वीरों को हटाने की मांग की है.

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मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एक सिख वेबसाइट से इस तस्वीर को लिया गया है.

प्रवक्ता ने बताया, ‘इसे न तो बनाया गया है और न ही इसमें कोई परिवर्तन किया गया है.’ उन्होंने बयान जारी कर कहा है, ‘खुद को सिख धर्म का संरक्षक बताने वाले शिअद ने केवल मीडिया रिपोर्ट के आधार पर तथ्यों को बिना जांचे और परखे टिप्पणी की है. इस पवित्र मौके का राजनीतिकरण करने के लिए शिअद को माफी मांगनी चाहिए.’

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