नारद स्टिंग केस: ममता को SC से झटका, सीबीआई जांच पर रोक नहीं
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नारद स्टिंग केस: ममता को SC से झटका, सीबीआई जांच पर रोक नहीं

तृणमूल कांग्रेस को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का वह आदेश बरकरार रखा जिसमें सीबीआई से नारद स्टिंग मामले की जांच करने को कहा गया था. इस मामले में पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता कथित तौर पर पैसे लेते हुए कैमरे में कैद किए गए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ममता सरकार की याचिका.                       फाइल फोटो

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का वह आदेश बरकरार रखा जिसमें सीबीआई से नारद स्टिंग मामले की जांच करने को कहा गया था. इस मामले में पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता कथित तौर पर पैसे लेते हुए कैमरे में कैद किए गए थे.

ममता बनर्जी की अगुवाई वाली राज्य सरकार की ओर से उच्च न्यायालय के 17 मार्च के आदेश के खिलाफ दायर एक अलग अपील में बताए गए आधारों को शीर्ष न्यायालय ने ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’करार देते हुए कहा कि याचिका ‘सिरे से खारिज’करने लायक है.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के निष्कर्षों में उसे कोई विसंगति नजर नहीं आती. बहरहाल, पीठ ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सीबीआई को दिए गए 72 घंटे की मोहलत को बढ़ाकर एक महीना कर दिया.

'हमें HC के निष्कर्षों में कोई विसंगति नजर नहीं आती'

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, ‘हमने आदेश का अध्ययन किया, जिसमें यह उभरकर सामने आया कि उच्च न्यायालय ने ऐसी सामग्रियों पर विचार किया जिनमें सीबीआई की ओर से प्रारंभिक जांच (पीई) करने की जरूरत थी.’पीठ ने कहा, ‘हमें उच्च न्यायालय के निष्कर्षों में कोई विसंगति नजर नहीं आती, क्योंकि याचिकाकर्ताओं के अधिकार पूरी तरह संरक्षित हैं। प्राथमिकी दर्ज करने को चुनौती दिए जाने के मौके याचिकाकर्ता के पास बहुत होंगे.’ 

न्यायालय ने कहा, ‘हम इससे भी संतुष्ट हैं कि सीबीआई को अपने दायित्व का निर्वाह करने दिया जा रहा है और आदेश में निकाले गए सभी निष्कर्ष या अनुमान जरूरी नहीं कि एजेंसी के निष्कर्षों की राह में आड़े आ जाएं.’ 

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