इस विधानसभा चुनाव को अपना आखिरी चुनाव घोषित कर चुके असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो दो वर्ष बाद यह तय करेंगे कि वह अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं।
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गुवाहाटी: इस विधानसभा चुनाव को अपना आखिरी चुनाव घोषित कर चुके असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि अगर वह चुने जाते हैं तो दो वर्ष बाद यह तय करेंगे कि वह अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं।
लगातार चौथे कार्यकाल के लिए जीत हासिल करने का विश्वास जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ‘दो वर्ष बाद, मैं निर्णय करूंगा कि पार्टी में किस भूमिका में रहूंगा। तब निर्णय लूंगा कि मैं पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री बना रहूंगा या नहीं।’ उन्होंने यह भी कहा कि लगातार चौथे कार्यकाल के लिए वह जीत हासिल करेंगे। गोगोई ने कहा, ‘इसके अनुसार ही मैं अपना अगला कदम उठाउंगा।’ असम के 80 वर्षीय राजनीतिज्ञ पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि यह विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा, जिसमें वह भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा। कांग्रेस को मेरे बिना लड़ना होगा।’ उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि पार्टी या वह अपने स्थान पर किसे कमान सौंपना चाहते हैं। गोगोई ने साथ ही कहा, ‘हम लोग किसी को तैयार नहीं करते। मेरे बाद भी कई नेता हैं। नेता लोगों के बीच से निकलते हैं।’ कुछ नामों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अंजन दत्ता, पवन सिंह घाटोवार, भुवनेश्वर कलिता, रिपुन बोरा, प्रद्युत बोरदोलोई और रकीबुल हुसैन जैसे कई सक्षम नेता हैं। संभवत: इनमें से ही कोई मेरा उत्तराधिकारी बनेगा।’
हालांकि गोगोई ने विस्तार से नहीं बताया लेकिन जिस प्रकार पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने अपने कार्यकाल के बीच में अपने विश्वासपात्र बुद्धदेव भट्टाचार्य को सत्ता की बागडोर सौंप दी थी ताकि वे अपने लिए आधार तैयार कर सकें, उस बात की उन्होंने प्रशंसा की। लंबी राजनीतिक पारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘समय के साथ राजनीति बदली है। पहले लोगों में प्रतिबद्धता होती थी जो अब नहीं होती है। यहां तक कि समाज भी बदला है। पहले लोग विश्वास के साथ बात करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘पहले भी मतभेद हुआ करते थे लेकिन कोई दूसरी पार्टी से नहीं जुड़ता था।’ गोगोई वर्ष 1968 में असम के जोरहाट नगर निगम बोर्ड के सदस्य चुने गये थे और यहीं से उनकी चुनावी राजनीति की शुरुआत हुई थी। उन्होंने मई, 2001 में राज्य के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली थी और तब से लगातार इस पद पर बने हुए हैं। इस बार सरकार गठन की उनकी संभावना के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा, ‘चुनाव प्रचार के दौरान हमें लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हम लोग पूर्ण बहुमत के साथ सरकार गठन को लेकर आश्वस्त हैं।’
गोगोई ने कहा, ‘भाजपा कह रही है कि लोग बदलाव चाहते हैं और वे विकल्प हैं। लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी असम आये और कहा कि वह बदलाव और अच्छे दिन लायेंगे। यह बहुत बड़ा मजाक बन गया है। क्या अच्छे दिन आ गये? क्या लोगों को मकान, पेयजल, भोजन, स्वास्थ्य और कपड़े जैसी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर हो गयीं?’ उन्होंने कहा कि असम के लोग राजनीतिक रूप से जागरूक और परिपक्व हैं, इसलिए राज्य के लिए मोदी ने क्या किया है, इसको देखते हुए लोगों ने सही फैसला लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा विकल्प और परिवर्तन की बात कर रही है। क्या उनके पास इसकी क्षमता है? सर्वानंद सोनोवाल को छोड़कर अन्य राज्य की राजनीति में पुराने हैं। प्रफुल्ल महंत, हिमंता विस्वा सर्मा लंबे समय से राजनीति में हैं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा में ज्यादातर नेता एएएसयू और एजीपी की पृष्ठभूमि से हैं और भाजपा की राज्य इकाई एजीपी की विस्तारित टीम है। असम में भारी मतदान प्रतिशत को सत्ता विरोधी लहर से जोड़े जाने पर गोगोई ने कहा, ‘वर्ष 2011 में 2006 की तुलना में अधिक मतदान हुआ था और हम लोगों ने 2006 की तुलना में अधिक सीटें प्राप्त की थी।’