Chidambaram News: पी. चिदंबरम ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत तरीका बताया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने कीमत चुकाई, लेकिन दोष केवल उन पर नहीं है. यह निर्णय सेना, पुलिस, खुफिया और सिविल सेवा का सामूहिक फैसला था.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक बार फिर पार्टी को असहज करने वाला बयान दे दिया है. उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत करार दिया. पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से आतंकियों को हटाने के लिए की गई सैन्य कार्रवाई एक ‘गलत तरीका’ था और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उस फैसले की कीमत अपनी जान से चुकानी पड़ी.
चिदंबरम हिमाचल प्रदेश के कसौली में आयोजित खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल में पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब ‘They Will Shoot You, Madam’ पर चर्चा में शामिल हुए थे. इस दौरान बावेजा ने कहा कि इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के फैसले की कीमत अपनी जान देकर चुकाई.
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का फैसला केवल इंदिरा गांधी का नहीं था, बल्कि सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सिविल सर्विस की संयुक्त निर्णय प्रक्रिया का नतीजा था. चिदंबरम ने सवाल उठाया, ‘क्या आप इसे सिर्फ इंदिरा गांधी पर दोष मढ़ेंगे?’ उनके अनुसार यह एक सामूहिक निर्णय था, जिसमें कई सुरक्षा और प्रशासनिक संस्थाओं की भूमिका शामिल थी.
मुंबई हमलों पर कांग्रेस की फजीहत
चाहे वह 26/11 मुंबई हमलों पर दिया गया हालिया बयान हो या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, चिदंबरम के बयानों ने कई बार कांग्रेस को असहज किया है. उन्होंने पहले दावा किया था कि यूपीए सरकार ने अमेरिका के दबाव के कारण मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान पर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय की सलाह के कारण सैन्य कदम नहीं उठाए गए.
बदले की कार्रवाई पर चिदंबरम की राय
चिदंबरम ने बताया कि उनके मन में ‘बदले की कार्रवाई’ का विचार जरूर आया था, लेकिन सरकार ने सैन्य कदम न उठाने का फैसला किया. उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने भी हालिया जनसभा में इसी बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला किया, जिससे पार्टी की राजनीतिक स्थिति थोड़ी कमजोर हुई.
पंजाब में अब खालिस्तान की मांग नहीं
इस बातचीत में चिदंबरम ने पंजाब की मौजूदा स्थिति पर भी प्रकाश डाला. उनका कहना था कि आज पंजाब की असली समस्या आर्थिक है, न कि अलगाववाद. उन्होंने कहा कि उनके पंजाब दौरों से स्पष्ट हुआ कि खालिस्तान या अलगाव की राजनीतिक मांग लगभग समाप्त हो चुकी है. आज पंजाब की सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक स्थिति और अवैध प्रवासियों की समस्या है.