कौन है मुश्ताक अहमद जरगर... पहलगाम हमले से जुड़ रहा कनेक्शन, एक्सक्लूसिव विश्लेषण
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कौन है मुश्ताक अहमद जरगर... पहलगाम हमले से जुड़ रहा कनेक्शन, एक्सक्लूसिव विश्लेषण

Pahalgam attack latest news: पहलगाम हमले में खूंखार आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर (Mushtaq Ahmed Zargar) का हाथ हो सकता है. ये आतंकी अल उमर मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन का कमांडर है. NIA को शक है कि मुश्ताक का कनेक्शन उन ओवरग्राउंड वर्कर्स से हो सकता है. जिन्होंने पहलगाम हमले में आतंकियों की मदद की थी.

कौन है मुश्ताक अहमद जरगर... पहलगाम हमले से जुड़ रहा कनेक्शन, एक्सक्लूसिव विश्लेषण

Pahalgam Attack News: डीएनए (DNA) में अब खुलासा पहलगाम आतंकी हमले की जांच से जुड़ा जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए, क्योंकि अब पहलगाम टेरर अटैक का कांधार कनेक्शन सामने आया है. दरअसल NIA के सूत्रों से ज़ी न्यूज़ को जानकारी मिली है कि पहलगाम हमले में खूंखार आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर (Mushtaq Ahmed Zargar) का हाथ हो सकता है. ये आतंकी अल उमर मुजाहिदीन नाम के आतंकी संगठन का कमांडर है. NIA को शक है कि मुश्ताक का कनेक्शन उन ओवरग्राउंड वर्कर्स से हो सकता है. जिन्होंने पहलगाम हमले में आतंकियों की मदद की थी. गिरफ्तार किए गए ओवरग्राउंड वर्कर्स ने पूछताछ में बताया है कि मुश्ताक अहमद जरगर पाकिस्तान में छिपा हुआ है.

कौन है जरगर?

मुश्ताक अहमद जरगर कितना दुर्दांत आतंकी था. इसकी पहली तस्वीर साल 1999 में सामने आई थी. जब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को हाईजैक कर लिया था. हाईजैकर्स ने मौलाना मसूद अजहर समेत जिन आतंकियों की रिहाई की मांग की थी. उनमें एक मुश्ताक अहमद जरगर का भी था. जो कांधार में बच निकला और पाकिस्तान में जाकर छिप गया था. अब आपके अंदर सवाल उठ रहा होगा. जैश-ए-मोहम्मद ने मसूद अजहर के साथ मुश्ताक जरगर की रिहाई क्यों मांगी. इसका जवाब आप ध्यान से देखिए. 

JKLF से जुड़ा था

मुश्ताक जरगर पहले यासीन मलिक के JKLF से जुड़ा हुआ था. लेकिन वो यासीन मलिक से अलग हुआ और त्रेहगाम के रास्ते PoK चला गया था. वहां से लौटने के बाद मुश्ताक ने अपना नया गुट बनाया. लेकिन उसका आतंक फैलाने का तरीका अलग था. कहा जाता था कि मुश्ताक जरगर अपने आतंकी गुट में  कथित जिहादी नहीं बल्कि कातिल भर्ती करता था. ताकि उसके आतंक की दहशत फैल सके. जब वो पकड़ा गया तो उसे जम्मू की कोट बलवल जेल में रखा गया था. जहां वो मसूद अजहर के संपर्क में आया. माना जाता कि मुश्ताक की बर्बरता की वजह से ही उसे भी कांधार हाईजैकिंग के जरिए रिहा कराया गया था.

डाउनटाउन को समझिए

जिस डाउनटाउन श्रीनगर से मुश्ताक अहमद का कनेक्शन है. ये वो इलाका है जो एक समय में पूरी तरह आतंक से संक्रमित था. रिपोर्टिंग के दौरान मैंने खुद इस इलाके को करीब से देखा और समझा है. डाउनटाउन श्रीनगर की तंग गलियों से ही पत्थरबाज निकलते थे. सुरक्षाबलों को निशाना बनाते थे और कई मौकों पर आतंकी भी इस इलाके में पनाह लेते थे. चूंकि इस इलाके में आबादी बहुत घनी है तो सुरक्षाबलों के लिए सर्च ऑपरेशन चलाना भी चुनौती साबित होता था.

डाउनटाउन श्रीनगर में मुश्ताक की पकड़ थी. इसी वजह से साल 2022 में गृह मंत्रालय ने मुश्ताक अहमद पर UAPA लगाया था. साल 2023 में नौहट्टा में मुश्ताक अहमद के घर को भी सीज़ कर दिया गया था. साथ ही उसके संगठन अल उमर मुजाहिदीन को भी प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया था. लेकिन पाकिस्तान में होने की वजह से मुश्ताक अहमद भारतीय एजेंसियों की पकड़ से बाहर था.

साल 2017 में मुश्ताक अहमद जरगर (Mushtaq Ahmed Zargar) ने एक भारतीय अखबार को बताया था कि वो कश्मीर में आतंक को जारी रखेगा. मुश्ताक अहमद पाकिस्तान में छिपा था और उसका संगठन अल उमर मुजाहिदीन कमजोर हो गया था. इसी वजह से ये माना जा रहा था कि मुश्ताक अहमद अब सक्रिय नहीं रहा है. लेकिन पहलगाम हमले ने बता दिया है कि कश्मीर के इस दुश्मन के अंदर अब भी कश्मीरियत के खिलाफ नफरत भरी है.

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