DNA Analysis: अक्सर बड़े-बुजुर्गों से आप सुनते हैं कि घर में आपस में जितना झगड़ा करना है कर लो, लेकिन अगर बाहर किसी से लड़ाई हो जाए तो एकजुट हो जाओ. ऐसी ही एकजुटता का परिचय आज भारत के नेताओं ने दिया. बिलकुल वैसी ही एकजुटता का परिचय जैसी अटल बिहारी वाजपेयी ने नेता विपक्ष के रूप में 1971 के युद्ध के समय दिया था.
Trending Photos
DNA Analysis: DNA में आज हम भारत और पाकिस्तान की लीडरशिप और उसकी दो अलग-अलग सोच का विश्लेषण बताएंगे. एक तरफ भारतीय लीडरशिप का साहस है तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी लीडरशिप का डर है. एक तरफ पाकिस्तानी लीडरिशप की आतंकियों से मिलकर हत्या करने वाली साजिश है तो दूसरी ओर भारतीय लीडरशिप की आतंकियों और उनके संरक्षकों का वध करने का प्रण है. एक तरफ पाकिस्तान की लीडरशिप में देश के टूटने का डर है तो दूसरी ओर भारतीय लीडरशिप में प्रचंड और ऐतिहासिक बदला लेने की जिद है.
अक्सर बड़े-बुजुर्गों से आप सुनते हैं कि घर में आपस में जितना झगड़ा करना है कर लो, लेकिन अगर बाहर किसी से लड़ाई हो जाए तो एकजुट हो जाओ. ऐसी ही एकजुटता का परिचय आज भारत के नेताओं ने दिया. बिलकुल वैसी ही एकजुटता का परिचय जैसी अटल बिहारी वाजपेयी ने नेता विपक्ष के रूप में 1971 के युद्ध के समय दिया था. भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में तीसरा युद्ध हुआ था जिसके बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश एक नया राष्ट्र बना. 1971 के युद्ध के दौरान भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष में थे. लेकिन उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का समर्थन किया था. अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम अपनी वैचारिक और राजनीतिक लड़ाई बाद में लड़ेंगे. अभी आपस में लड़ने का समय नहीं है. राष्ट्र और राष्ट्रवाद सबसे ऊपर है.
विपक्ष और सत्तापक्ष एक मंच पर
आज फिर से राष्ट्र और राष्ट्रवाद का सवाल है. इसीलिए 54 साल बाद फिर से देश की राजनीतिक पार्टियों में एकजुटता दिख रही है. आज एक बार फिर से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष एक मंच पर आ गए हैं.
राहुल गांधी सर्वदलीय बैठक में रहे मौजूद
आज हुई सर्वदलीय बैठक में सबसे पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे मौजूद थे. राहुल गांधी अब संसद में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. 2024 में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार राहुल गांधी सर्वदलीय बैठक शामिल हुए. हम यहां आपको ये भी याद दिला दें कि बीते 10 महीनों में देश में कई सर्वदलीय बैठक हुई लेकिन राहुल गांधी उसमें शामिल नहीं हुए थे. ये पहली बार है जब राहुल सर्वदलीय बैठक में मौजूद थे. इससे आप समझ सकते हैं कि देश की राजनीतिक पार्टियां कैसे एकजुट हैं.
11 वर्षों में पहली बार हुआ ऐसा
आज की सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू शामिल हुए. मोदी सरकार के बीते 11 वर्षों में पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन को लेकर इस तरह की सर्वदलीय बैठक हुई है. बड़ी बात ये है कि सरकार ने ये माना है कि पहलगाम आतंकी हमले में चूक हुई है.
भारत में सर्वदलीय बैठक से कुछ घंटे पहले पाकिस्तान में भी एक बड़ी बैठक हुई । ये बैठक पाकिस्तान में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं था.
अक्सर आप सुनते हैं कि पाकिस्तान की सरकार भारत के फैसलों की कॉपी करती है. आज एक बार फिर से पाकिस्तान की लीडरशिप ने Copy And Paste वाली विदेशी नीति अपनाई. दरअसल भारतीय लीडरशिप के बेहद सख्त संदेश से पाकिस्तान की लीडरशिप पूरी तरह से डरी हुई है. इसीलिए आज पाकिस्तान में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक के दौरान जो फैसले हुए वो केवल दिखावा मात्र थे.
- पाकिस्तान की सरकार ने SAARC वीजा योजना के तहत सभी भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द कर दिये हैं. ये फैसला तो भारत 24 घंटे पहले ले चुका है. हालांकि सिख तीर्थयात्रियों को इसमें छूट दी गई है.
- पाकिस्तान ने भारत के डिफेंस, एयर और नेवी के सलाहकारों को पाकिस्तान छोड़ने के लिये कहा है. आपको याद होगा कल इसी समय जब आप DNA देख रहे थे तो उस समय विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी और आपने ये प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी भी होगी. भारत ने खुद ही अपने सलाहकारों को वापस बुलाने का ऐलान कल ही कर दिया था.
- शहबाज शरीफ सरकार ने वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. जबकि ये फैसला भी भारत सरकार ने 24 घंटे पहले ही ले लिया था.
- पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह का व्यापार बंद कर दिया है जिसमें तीसरे देशों से होने वाला व्यापार भी शामिल है.
- भारत ने कल सिंधु नदी समझौता रद्द करने का ऐलान किया था. इसके जवाब में आज पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौता रद्द करने की धमकी दी. इसमें शिमला समझौता भी शामिल है.
पाकिस्तान की नहीं हुई हिम्मत
पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी के इन पांचों फैसलों को सुनकर यही लगता है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कोई एक्शन लेने की हिम्मत नहीं दिखाई. बल्कि भारत ने जो-जो फैसले लिये. उसकी कॉपी पेस्ट करके जवाबी कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर ली.
इन पांच फैसलों के अलावा पाकिस्तान ने एक अलग फैसला लिया. इस फैसले के तहत भारतीय एयरलाइंस के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस बंद कर दिया गया है. यानी अब भारतीय एयरलाइंस को पाकिस्तान के एयरस्पेस से होकर दूसरे देश जाने की इजाजत नहीं होगी.
पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद करने का भारत पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा. आपको याद होगा 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के लिए एयरस्पेस को बंद कर दिया था. उस समय भारतीय एयरलाइंस दूसरे रूट के जरिए यूरोप और पश्चिमी एशिया जाते थे. बीते 6 वर्षों में भारतीय एयरलाइंस ने धीरे-धीरे पाकिस्तान एयरस्पेस का इस्तेमाल काफी कम कर दिया है और वो दूसरे रूट का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं. हालांकि 2019 पाकिस्तान ने करीब 5 महीने बाद फिर से पाकिस्तान एयरस्पेस भारत के लिए खोल दिया था.
आज आपको ये भी जानना चाहिए कि जैसे भारत ने सिंधु नदी समझौते को रद्द कर दिया अगर पाकिस्तान शिमला समझौता रद्द कर देता है तो भारत पर क्या असर होगा. 1971 के युद्ध में करारी हार के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला समझौता हुआ था. 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ये समझौता हुआ था इसीलिए इसे शिमला समझौता कहा जाता है.
- इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच LoC का जन्म हुआ और स्थायी सीमा बनी. शिमला समझौता रद्द होता है तो भारत सीधे तौर पर PoK में एंट्री कर सकता है और वहां अपना कब्जा बढ़ा सकता है.
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे जो कि CPEC के नाम से मशहूर है जैसे प्रोजेक्ट्स पर भारत सवाल उठाएगा। CPEC प्रोजेक्ट PoK से गुजरता है.
- शिमला समझौता में ये तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा दोनों देश द्विपक्षीय तरीके से निपटाएंगे और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर लेकर नहीं जाएंगे. अगर ये करार रद्द होता है तो जम्मू-कश्मीर पर भारत अपना नियंत्रण और मजबूत करेगा.
अब तक आप समझ गए होंगे कैसे पाकिस्तान पर भारत हावा होता रहा है. जब भी कोई युद्ध शुरू होता है तो पहली लड़ाई दिमाग में और कूटनीतिक तौर पर जीतनी होती है. भारतीय इस मामले में पाकिस्तान से कोसों आगे हैं.