INDIA PAKISTAN TENSIONS: पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर ने टू-नेशन थिअरी पर काफी कुछ कहा था. उन्होंने यह भी कह दिया था कि पाकिस्तानियों को समझना होगा कि वे हिंदुओं से बिल्कुल अलग हैं. अब कश्मीर से पाकिस्तान को लताड़ा जा रहा है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इन्हें इस बार ऐसा जवाब मिले कि फिर कभी ये हिम्मत न कर सकें.
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Farooq Abdullah Two Nation Theory: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पहले पाकिस्तान के साथ बातचीत की खूब वकालत करते थे लेकिन अब उनका साफ तौर पर कहना है कि पड़ोसी को ऐसा सबक सिखाना होगा कि फिर कभी वह ऐसी जुर्रत न कर सके. फारूक ने कहा कि अफसोस है हमें कि हमारा पड़ोसी आज भी नहीं समझता है कि उसने इंसानियत का कत्ल किया है. अगर वो समझता है कि इससे हम लोग (कश्मीर के मुसलमान) पाकिस्तान में चले जाएंगे तो इस गलतफहमी को उसे दूर कर लेना चाहिए.
हम पाकिस्तान क्यों जाएंगे?
फारूक का इशारा पाकिस्तान की तरफ से बार-बार कश्मीर मुद्दा उछालने और उसके नापाक मंसूबों की तरफ था. वह बार-बार मुसलमानों की बात कर कश्मीर का राग अलापता रहता है. आज अब्दुल्ला ने पड़ोसी मुल्क को लताड़ते हुए कहा कि हम जब 1947 में बंटवारे के वक्त उनके साथ नहीं गए तो आज क्यों जाएंगे? उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि हमने टू-नेशन थिअरी तब पानी में फेंक दी थी.
पूर्व सीएम का यह बयान इसलिए भी अहम है कि पहलगाम आतंकी हमले से कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने एक कार्यक्रम में मुसलमानों को हिंदुओं से अलग बताते हुए टू-नेशन थिअरी का मुद्दा उछाला था. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानियों को अपने बच्चों को बताना होगा कि वे हिंदुओं से बिल्कुल अलग हैं.
#WATCH | Jammu | #PahalgamTerroristAttack | JKNC Chief Farooq Abdullah says, "I used to favour dialogue with Pakistan every time...How will we answer those who lost their loved ones? Are we doing justice? Not Balakot, today the nation wants such action to be taken so that these… pic.twitter.com/YlRzAGUspO
— ANI (@ANI) April 28, 2025
टू-नेशन थिअरी पर बेबाक
फारूक ने साफ कहा कि हम टू-नेशन थिअरी को आज भी नहीं मानते हैं. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब एक हैं. जो ये समझते हैं कि हमें वे इससे (आतंकी हमले) कमजोर कर देंगे, वे गलत हैं. हम कमजोर नहीं और मजबूत हो रहे हैं और उनको अच्छा जवाब देंगे.
पहलगाम हमले के बाद बातचीत के सवाल पर फारूक ने गुस्से में कहा कि पहले मैं हर वक्त चाहता था कि पाकिस्तान से बातचीत हो लेकिन बताइए उन लाशों को देखकर क्या कहेंगे, उनके घरवालों को क्या जवाब देंगे- कि हम बात करेंगे. क्या यही इंसाफ है? आज भारत चाहता है कि बालाकोट ही नहीं... ऐसा जवाब दिया जाए कि फिर वो कभी जुर्रत न कर सके.