एक दो नहीं 20 देशों के राजनयिकों को बुलाकर भारत ने की मीटिंग, अमेरिका-रूस और इजरायल का फुल सपोर्ट, अब कुछ बड़ा होने वाला है?
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एक दो नहीं 20 देशों के राजनयिकों को बुलाकर भारत ने की मीटिंग, अमेरिका-रूस और इजरायल का फुल सपोर्ट, अब कुछ बड़ा होने वाला है?

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे भारत में गुस्सा है. भारत ने इस बार आर- पार की लड़ाई लड़ने की सोच ली है. एक तरफ पीएम मोदी ने बिहार की रैली में पूरी दुनिया को बता दिया है कि आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. दूसरी तरफ भारत ने दुनिया के बीस से अधिक देशों को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की सूचना दी है. अब आगे क्या.

एक दो नहीं 20 देशों के राजनयिकों को बुलाकर भारत ने की मीटिंग, अमेरिका-रूस और इजरायल का फुल सपोर्ट, अब कुछ बड़ा होने वाला है?

what is india going do in pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया भर के देश इस दुख की घड़ी में भारत के साथ खड़े हैं. मिस्र, इटली और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की. साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हम भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इसके पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में लोगों की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की थी. 

आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का प्लान
अमेरिका, रूस और इजरायल ने तो भारत काे हर संभव मदद करने को कहा है. पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे भारत में गुस्सा है. भारत ने इस बार आर- पार की लड़ाई लड़ने की सोच ली है. एक तरफ पीएम मोदी ने बिहार की रैली में पूरी दुनिया को बता दिया है कि आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. 

भारत ने 20 देशों के साथ मिलकर रचा चक्रव्यूह
दूसरी तरफ वहीं भारत ने गुरुवार को करीब 20 देशों के शीर्ष राजनयिकों को पहलगाम हमले और भारत के रुख के बारे में जानकारी भी दी. इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, मलेशिया, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और नॉर्वे शामिल हैं. इनके राजनयिकों को साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय में बुलाया गया था. 

दुनिया को बताया,अब आगे क्या?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय (MEA) में इन राजनयिकों को 30 मिनट की ब्रीफिंग दी, जिसमें हमले की जानकारी, इसके सीमा पार (पाकिस्तान) से जुड़ाव, और भारत की आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति पर जोर दिया गया गया है. भारत ने इन ब्रीफिंग्स के जरिए वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान से जुड़े सीमा पार आतंकवाद के सबूत पेश किए और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया है. यानी भारत ने पूरी दुनिया के समझा दिया है कि हम आगे क्या करने वाले हैं.

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