Indus Waters Treaty: जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सिंधु नदी का एक बूंद पानी भी पाकिस्तान न जाए. इसके लिए सरकार सिंधु बेसिन की नदियों के पानी को शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म में उपयोग करने के लिए उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रही है.
Trending Photos
Indus River Water: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन में है और पाकिस्तान पर अब तक कई तरह के प्रतिबंध लगा चुकी है. इसी के तहत सिंधु जल संधि (IWT) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. संधि को खत्म करने की औपचारिक सूचना पाकिस्तान को देने के एक दिन बाद जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सिंधु नदी का एक बूंद पानी भी पाकिस्तान न जाए. इसी को लेकर सरकार ने शुक्रवार को सिंधु बेसिन की नदियों के पानी को शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म में उपयोग करने के लिए उपलब्ध विकल्पों पर विचार किया. बता दें कि आईडब्ल्यूटी को निलंबित करने का निर्णय 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कदमों में से एक है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे.
सिंधू के पानी के लिए सरकार तलाश रही 3 विकल्प
नई दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जल शक्ति मंत्री पाटिल, बिजली मंत्री मनोहर लाल को अधिकारियों ने सिंधु जल संधि (IWT) के निलंबन के बाद सरकार के पास उपलब्ध विकल्पों के बारे में जानकारी दी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने एक प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें उन विकल्पों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया, जो सिंधु बेसिन की नदियों के जल का उपयोग करने के लिए शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म में अपनाए जा सकते हैं.
सरकार निकट भविष्य में पानी का बहाव मोड़ने समेत उठाए जा सकने वाले अन्य संभावित उपायों के सभी कानूनी और तकनीकी पहलुओं पर विचार कर रही है. बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया, लेकिन जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, 'मोदी सरकार द्वारा सिंधु जल संधि पर लिया गया ऐतिहासिक निर्णय पूर्णतः न्यायसंगत और राष्ट्रहित में है. हम ख्याल रखेंगे कि पाकिस्तान में सिंधु नदी का एक बूंद पानी भी नहीं जाए.'
9 साल की बातचीत के बाद 1960 में हुई थी संधि
भारत और पाकिस्तान के बीच 9 साल की बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को कराची में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे. संधि के प्रावधानों के अनुसार, सिंधु प्रणाली की पूर्वी नदियों (सतलुज, व्यास और रावी) का सारा पानी भारत के अप्रतिबंधित उपयोग के लिए उपलब्ध होगा. जबकि, पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) से पानी मिलेगा. सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले से दिल्ली को सिंधु नदी प्रणाली के पानी का उपयोग करने के बारे में अधिक विकल्प मिलते हैं.
पहलगाम हमले के एक दिन बाद बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को स्थगित करने का फैसला किया. इसके बाद गुरुवार को भारत ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान को सूचित किया कि वह सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से रोक रहा है.
पाकिस्तान ने रोक दी विवादास्पद नहर परियोजना
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय के बाद पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को विवादास्पद नहर परियोजना को रोकने का निर्णय लिया. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पाकिस्तान के पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने फरवरी में पंजाब प्रांत के रेगिस्तानी क्षेत्र की सिंचाई के लिए महत्वाकांक्षी चोलिस्तान परियोजना का उद्घाटन किया था. हालांकि, इसने सिंध प्रांत में हंगामा खड़ा कर दिया, जहां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है.