पाकिस्तान से LIVE मिल रहे थे ऑर्डर! एक मोबाइल फोन बना हथियार.. पहले भी कर चुके हमले, PAK में ट्रेनिंग
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पाकिस्तान से LIVE मिल रहे थे ऑर्डर! एक मोबाइल फोन बना हथियार.. पहले भी कर चुके हमले, PAK में ट्रेनिंग

Pakistani Connection: घटना स्थल पर हुई करीब दो लाख कॉल्स की जांच की जा रही है ताकि किसी चूक या बातचीत से हमलावरों की पहचान हो सके. आतंकियों के सुरक्षित ऐप्स के इस्तेमाल के बावजूद एक छोटी सी चूक पूरी साजिश का पर्दाफाश कर सकती है.

पाकिस्तान से LIVE मिल रहे थे ऑर्डर! एक मोबाइल फोन बना हथियार.. पहले भी कर चुके हमले, PAK में ट्रेनिंग

Pahalgam terror attack: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरा देश शोक में है. बड़े पैमाने पर अब इस घटना की जांच शुरू हो गई है. इसी कड़ी में जांच एजेंसियों को आशंका है कि मंगलवार को पर्यटकों पर हुए हमले का संबंध अक्टूबर 2024 में घाटी में हुए दो और आतंकी हमलों से हो सकता है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने तीन लश्कर ए तैयबा के आतंकियों आदिल हुसैन ठोकर स्थानीय और दो पाकिस्तानी नागरिक हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के साथ अली भाई उर्फ तल्हा पर 20-20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है.

असल में इन आतंकियों पर गगनगीर गांदरबल में छह प्रवासी मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की हत्या के साथ बारामुला में दो सैनिकों और दो पोर्टरों की हत्या जैसे हमलों में शामिल होने का शक है. यह सभी हमले गैर कश्मीरी लोगों को निशाना बनाकर किए गए थे. सूत्रों का मानना है कि इन हमलों के पीछे एक ही नेटवर्क है जिसे पाकिस्तान में प्रशिक्षित स्थानीय मददगारों के जरिए अंजाम दिया गया.

 तीन हमलों में प्रमुख भूमिका

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच के अनुसार हाशिम मूसा इन तीनों हमलों में प्रमुख भूमिका में था. अक्टूबर नवंबर 2024 में मारे गए अरबाज मीर और जुनैद भट दोनों कुलगाम के रहने वाले थे और पाकिस्तान में आतंक की ट्रेनिंग ले चुके थे. अरबाज के फोन से मिले डेटा में ऐसे कई सुराग मिले हैं जो पाकिस्तान से इन हमलों के कनेक्शन को उजागर करते हैं. फोन से मिले फोटो और चैट्स ने हमलावरों की पहचान में मदद की.

हमले के चश्मदीदों को दिखाया गया

फोन में मिली आतंकियों की तस्वीरों को पहलगाम हमले के चश्मदीदों को दिखाया गया. जिससे हाशिम मूसा अली तल्हा और आदिल ठोकर की पहचान हुई. सूत्रों के अनुसार अवंतीपोरा का आतंकवादी आसिफ शेख ने इस हमले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई और हमलावरों को सुरक्षित पहुंचाने में मदद की.

दो लाख कॉल्स की जांच की जा रही

फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमले का बदला लेने की रणनीति तेज कर दी है. घटना स्थल पर 22 अप्रैल को हुई करीब दो लाख कॉल्स की जांच की जा रही है ताकि किसी चूक या बातचीत से हमलावरों की पहचान हो सके. आतंकियों के सुरक्षित ऐप्स के इस्तेमाल के बावजूद पूरी साजिश का पर्दाफाश कर सकती है. आदिल ठोकर के परिजनों और उसके मददगारों से पूछताछ जारी है.

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