DNA: 70 से ज्यादा लॉन्च पैड्स, सैकड़ों आतंकी...ढाई घंटे की बैठक में बना मास्टर प्लान, छोड़ेगी नहीं विक्टर फोर्स
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DNA: 70 से ज्यादा लॉन्च पैड्स, सैकड़ों आतंकी...ढाई घंटे की बैठक में बना मास्टर प्लान, छोड़ेगी नहीं विक्टर फोर्स

DNA Analyisis: पहलगाम हमले के बाद एक बात तय मानिये कि पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों के खिलाफ भारत का एक्शन होगा और जरूर होगा. ये जवाबी एक्शन 2016 या 2019 के मुकाबले कहीं ज्यादा बड़े लेवल पर और बहुत ही विध्वंसक होगा. मतलब साफ है कि आतंकवादियों और पाकिस्तानी फौज दोनों पर हमले का काउंटडाउन शुरु हो गया है. 

DNA: 70 से ज्यादा लॉन्च पैड्स, सैकड़ों आतंकी...ढाई घंटे की बैठक में बना मास्टर प्लान, छोड़ेगी नहीं विक्टर फोर्स

DNA Analyisis: पहलगाम हमले के बाद एक बात तय मानिये कि पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों के खिलाफ भारत का एक्शन होगा और जरूर होगा. ये जवाबी एक्शन 2016 या 2019 के मुकाबले कहीं ज्यादा बड़े लेवल पर और बहुत ही विध्वंसक होगा. पाकिस्तान के खिलाफ इस वक्त एक-दो नहीं बल्कि तीन मोर्चे पर एक साथ मिशन मोड में काम चल रहा है. पहले नंबर पर है रणनीति. दूसरा- कूटनीति और तीसरा-अटैक नीति. इन तीन मोर्चों पर होने वाली तैयारियों की पूरी रिपोर्ट विस्तार से हम आपको एक-एक कर बताएंगे. लेकिन उससे पहले आपको आज का सबसे बड़ा बयान सुनना चाहिए. ये बयान देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का है। इसे सुनना आपके लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि इस बयान में भारत के बदले का ऐलान है.

एक बात समझिए, ये बयान किसी चुनावी मंच पर नहीं दिया गया है और इसलिए पाकिस्तान की हुकूमत. पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल मुनीर और सभी आतंकवादी संगठनों को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. राजनाथ सिंह के इस बयान को डिकोड करने पर चार बड़ी बातें पता चलती हैं.

पहली बड़ी बात - भारत सरकार हर वो कदम उठाएगी जो जरूरी और उपयुक्त है.
दूसरी बड़ी बात - हमलावरों के साथ साजिश रचने वालों तक भी पहुंचेंगे.
तीसरी बड़ी बात - भारत को आतंकी हमलों से डराया नहीं जा सकता.
और चौथी बड़ी बात - बदला जोरदार तरीके से लिया जाएगा.

पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई
मतलब साफ है कि आतंकवादियों और पाकिस्तानी फौज दोनों पर हमले का काउंटडाउन शुरु हो गया है. यानी भारत सरकार जवाबी कार्रवाई जरूर करेगी. हमलावर आतंकवादी ही नहीं बल्कि इस साजिश को रचनेवाले यानी पाकिस्तानी फौज और उसका जनरल भी इस बार भारत के टारगेट पर है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने आज की सबसे बड़ी कूटनीतिक धमाका करने वाली खबर दी है. भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता खत्म कर दिया गया है. पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया गया है. अटारी चेक पोस्ट को बंद किया गया है.

CCS की बैठक खत्म 
अब से कुछ घंटे पहले सीसीएस यानी Cabinet Committee on Security की बैठक खत्म हो गई . दिल्ली में हुई इस बैठक पर ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया की नजर थी. ऐसा क्यों? क्योंकि Cabinet Committee on Security देश में सुरक्षा से जुड़े मामलों पर फैसला लेने वाली सबसे बड़ी कैबिनेट कमेटी है. CCS भारत सरकार की सभी आठ कैबिनेट कमेटियों में से सबसे महत्वपूर्ण कमेटी मानी जाती है. इस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री करते हैं. इसके सदस्यों में प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री भी शामिल हैं. देश की सुरक्षा से जुड़े हर बड़े फैसले CCS ही लेती है. CCS के फैसलों के बाद बिना देरी किए तुरंत एक्शन शुरू हो जाता है. बीते 11 वर्षों में मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले CCS की  बैठक में ही लिए. इसमें उरी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक, धारा 370 हटाने जैसे फैसले शामिल हैं.

एयरपोर्ट पर ही पीएम मोदी की बैठक
प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह लगभग 7 बजे सऊदी अरब से दिल्ली पहुंचे. तय कार्यक्रम के मुताबिक उनको आज रात में आना था. पहलगाम हमले की खबर मिलने के बाद उन्होंने सऊदी सरकार के रात्रि भोज को रद्द करके स्वदेश लौटने का फैसला किया. एयरपोर्ट पर ही पीएम की विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ बैठक हुई. यहां इन तीनों ने मिलकर प्रधानमंत्री को पूरी घटना के बारे में जानकारी दी.

ढाई घंटे की बैठक में क्या क्या?
अब जो हम आपको जानकारी देने वाले हैं. वो ध्यान से पढ़िएगा. पाकिस्तान के खिलाफ़ जो भी एक्शन होगा. वो या तो सेना लेगी या बीएसएफ इसलिये आज रक्षा मंत्रालय में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने CDS यानि चीफ स्टॉफ ऑफ डिफेंस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लगभग ढाई घण्टे तक बैठक की. रक्षा मंत्री को तीनों सेनाओं के चीफ ने लेटेस्ट सिचुएशन की जानकारी दी. रक्षा मंत्री को इसी मीटिंग में बताया गया कि:-

- इस वक्त 42 टेररिस्ट लॉन्च पैड पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में मौजूद है.
- करीब 30 से 35 आतंकी लॉन्च पैड कश्मीर के पास और दूसरे इलाकों में मौजूद हैं
- पाकिस्तान के 100 से 125 टेररिस्ट..लाइन ऑफ कंट्रोल या इंटरनेशनल बॉर्डर से दाखिल होने के लिये तैयार हैं
- 70 से 75 आतंकियों के कश्मीर घाटी में होने की आशंका है यानी खतरा सीमा पार ही नहीं बल्कि कश्मीर में भी है.
- और 115 पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर और आस-पास के इलाकों में एक्टिव हैं.

क्या आतंकवादियों के ये ठिकाने सेना के रडार पर हैं. रक्षा मंत्री को इनके बारे में जानकारी देने का एक मतलब ये भी हो सकता है. इससे आगे की जानकारी जो हम आपको देने वाले हैं. ये भी बहुत अहम है.

- राजनाथ सिंह को ये भी बताया गया कि आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सभी रक्षा ठिकानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.हमले की जगह पर एक्सट्रा सैनिकों को रवाना किया गया है ताकि सुरक्षा और मजबूत की जा सके.
- पहलगाम में जहां पर आतंकवादी हमला हुआ वहां से 25 से 30 किलोमीटर की रेंज में सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरु कर दिया है.विक्टर फोर्स . राष्ट्रीय राइफल्स की वो यूनिट है जिसके पास कश्मीर घाटी का जिम्मा है. ये यूनिट कश्मीर के इस इलाके को अच्छी तरह से समझती हैं. इनका लोकल इंटेलीजेंस का नेटवर्क भी बहुत मजबूत है.
- पहलगाम का ये इलाका अमरनाथ यात्रा रूट के करीब है..और इस समय घने जंगलों में आतंकियों की तलाश और खत्म करने का ऑपरेशन चल रहा है.

रक्षा मंत्री को जब सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर के बारे में ब्रीफ किया. उस समय होम मिनिस्टर अमित शाह कश्मीर में ग्राउंड जीरो पर पहुंच गये. पहलगाम में जिस जगह पर आतंकवादियों ने हमला किया. 24 घंटे पहले जिस जगह पर पर गोलियां बरस रहीं थीं. उसी बैसरन वैली में सेना के अफसरों ने शाह को इस हमले पर ब्रीफिंग दी. शाह ने इस हमले में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और जिनकी जान गई उनको श्रद्धांजलि दी.

अजित डोभाल की भूमिका
अब यहां पर अजित डोभाल की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. सीसीएस की मीटिंग में प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल थे. इस मीटिंग में उनकी मौजूदगी बता रही है कि भारत के किसी भी बड़े एक्शन में उनकी बड़ी भूमिका रहेगी. अजित डोभाल के दिमाग में क्या इस बार 'कुछ अलग' चल रहा है? कुछ ऐसा जो शायद इससे पहले नहीं हुआ है. क्योंकि सूत्रों के मुताबिक पहलगाम आतंकी हमले के बदले का पूरा एक्शन प्लान डोभाल ही बना रहे हैं. 

उन्हें अच्छी तरह पता है कि दुश्मनों को जवाब कैसे दिया जाता है और कैसे दिया जाना चाहिए। डोभाल ने पाकिस्तान में लंबा वक्त गुजारा है. वो कश्मीर को भी बेहतर तरीके से जानते हैं । सीमा पार बैठे आतंकियों और उनके पनाहगारों पर स्ट्राइक के दो सबसे सफल अभियान उनकी देखरेख में ही अंजाम दिए गए..ये कैसे हुआ आज आपको इसे भी समझना चाहिए. क्योंकि इसे समझने के बाद ही आप अंदाजा लगा पाएंगे कि भारत का अगला बदला कैसा होगा.

पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक 
- कश्मीर में आतंकी हमले का पहला बड़ा बदला भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में लिया था. जब सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ जिसमें 19 जवान शहीद हुए. ये हमला होते ही अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की. इसके बाद सेना की Special Forces के साथ एक गुप्त ऑपरेशन की योजना बनाई गई. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सटीक और सीमित हमला करने का निर्णय लिया गया. सेना को पूर्ण स्वतंत्रता और राजनीतिक समर्थन दिया गया. 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने LoC पार कर PoK में सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकी ठिकानों को नष्ट किया.

इसके बाद 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आत्मघाती हमले में 40 CRPF जवान शहीद हुए. इस हमले के फौरन बाद डोभाल ने खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट मंगवाई और संभावित टारगेट्स की पहचान की. पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी हमला करने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने चिन्हित किए गए. इसके बाद डोभाल ने वायुसेना के उच्च अधिकारियों के साथ ऑपरेशन की योजना बनाई. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए सटीक, सीमित और प्रभावी एयरस्ट्राइक की रणनीति बनाई गई. 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में हवाई हमला कर आतंकी शिविरों को तबाह किया.

अजित डोभाल की ताकत
अचूक प्लानिंग और खुफिया नेटवर्क का बेहतर इस्तेमाल. ये अजित डोभाल की सबसे बड़ी ताकत है और अपनी इस ताकत का एहसास वो पाकिस्तान को दो बार करवा चुके हैं. एक बार जमीन पर दूसरी बार आसमान से लेकिन इस बार उनके मन में कौन सा प्लान है. इस बार भारत का अटैक कहां हो सकता है. किसपर हो सकता है. कैसे हो सकता. इन सभी सवालों का जवाब अभी हमारे पास नहीं है. और अगर होता भी तो देशहित में इसे हम आपको नहीं बताते. लेकिन जो फैसला अब से कुछ देर पहले सीसीएस की बैठक में लिया गया. वो हमने आपको बताया है.

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता भारत ने रद्द कर दिया है. पाकिस्तानियों का वीजा भी रद्द कर दिया गया है और आप इस बात के लिए बेफिक्र रहिए कि इस बार का बदला पहले से जोरदार होगा. ऐसा होगा जिसके बारे में पाकिस्तान ने सोचा भी नहीं होगा.  पहलगाम के आस-पास सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की कई टीमें जमीन, हवा और जंगलों में उन आतंकियों की तलाश में जुटी है जिन्होंने नाम पूछकर हिंदुओं को मारा. उनकी हत्या की.  

- पहलगाम में 40 किलोमीटर के दायरे में सेना के ऑपरेशन जारी है
- हेलीकॉप्टर, ड्रोन और सेना की टीम जंगलों की रेकी कर रही है..साथ ही दावा ये भी किया गया है कि आतंकियों का पता लगाने में सैटेलाइट की मदद भी ली जा सकती है.
- LoC पर भी कॉम्बिंग ऑपरेशन चल रहे हैं..ताकि किसी भी तरह से आतंकियों को भागने का मौका ना मिले.
- सूत्रों के मुताबिक दावा किया गया है कि हमले का बाद आतंकवादी शायद 40 किलोमीटर के रेडियस में किसी गांव में छिपे होंगे.
- अब टारगेट है, किसी तरह हमला करने वाले आतंकवादियों को जिंदा पकड़ लिया जाये.

माना जाता है कि कश्मीर में पिछले कई दशकों में कभी इस लेवल का ऑपरेशन नहीं हुआ होगा. सेनाओं के साथ खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं. यही वजह है कि आज पहलगाम से आई कई तस्वीरों में सेना के हेलीकॉप्टर दिखाई दिये, जो हमारी सेनाओं और कमांडोज को एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर की तरफ ले जा रहे थे. कश्मीर में आज के पूरे कॉम्बिंग ऑपरेशन पर हमने एक वीडियो रिपोर्ट तैयार की है जो आपको जरूर जानना चाहिए. कश्मीर में इस समय जो ऑपरेशन चल रहे हैं. उसका टारगेट सिर्फ पाकिस्तानी आतंकवादी ही नहीं बल्कि उनके मददगार भी हैं. ये कश्मीर के वो लोग भी हैं जो खाते तो भारत का हैं लेकिन काम पाकिस्तान से आए आतंकवादियों के लिये करते हैं.कश्मीर से आज जो बहुत बड़ी जानकारी जो हमारे पास आई है. वो ये है कि:-

- पहलगाम अटैक के बाद दक्षिण कश्मीर के 1700 ओवर ग्राउंड वर्कर्स यानी आतंकियों की मदद करनेवालों को सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। फिर से सुनिए..आतंकियों की मदद करने के आरोप में 1700 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
- जम्मू-कश्मीर पुलिस इस समय उन सभी लोगों से पूछताछ कर रही है जिनपर उन्हें शक है.
- ओवर ग्राउंड वर्कर्स वो होते हैं जो आतंकवादियों के लिये जासूसी करते हैं..या आतंकियों के रहने और खाने-पीने या फिर एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की पूरी व्यवस्था करते हैं.

आप कह सकते हैं कि बिना ओवर ग्राउंड वर्कर्स के आतंकियों के लिये कश्मीर में कहीं भी हमला करना करीब-करीब नामुमकिन है. यानी पहलगाम आतंकी हमले में भी जरूर ऐसे कुछ स्थानीय लोग शामिल होंगे जिन्होंने आतंकियों को टूरिस्ट. या फिर वहां से सेना के पोस्ट की दूरी के बारे में बताया होगा। शायद ये भी बताया होगा कि आने वाले टूरिस्ट में ज्यादातर हिंदू हैं या मुसलमान।

कश्मीर से आई तस्वीरों को देखकर आप सोच रहे होंगे कि जब आतंकवादियों की खोज इस तरीके से हो रही है..तो पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन कैसा होगा. आपके मन में भी ये सवाल होगा कि आतंकी हमले के खिलाफ भारत की अटैक नीति क्या होगी..युद्धनीति के मुताबिक दुश्मन जिसकी उम्मीद करे वो काम बिल्कुल ना हो..यानी हर बार दुश्मनों को सरप्राइज देना चाहिए.

- 2016 में सेना के कमांडोज ने जमीनी हमला किया.
- 2019 में एयरफोर्स ने एयरस्ट्राइक की.
- तो क्या 2025 में नेवी पाकिस्तान के किसी समुद्री किनारे पर हमला करेगी.

जमीन और हवा के बाद समंदर का नंबर माना जा सकता है..लेकिन पाकिस्तान की समुद्री सीमा पर उसका कराची शहर है..और वहां  आतंकी अड्डे जैसा कुछ नहीं है..यानी समंदर के रास्ते हमले की उम्मीद ना के बराबर है. तो इस हालात में भारत के पास पाकिस्तान की सीमा पर हमले के क्या विकल्प हैं.

- भारत का सबसे पहला विकल्प हो सकता है LoC को एक्टिव करना. LoC पर इस समय सीजफायर यानी युद्धविराम चल रहा है. लेकिन पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए सीजफायर को तोड़ना ही सही फैसला है.
- दूसरा विकल्प है LoC पर तोपखाने का इस्तेमाल करके PoK में टेरर ट्रेनिंग कैंप्स और लॉन्चपैड पर हमले किये जा सकते हैं. बोफोर्स तोप और इंडियन फील्ड गन की मदद से सीमा पार 35 किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगाया जा सकता है. ये लॉन्चपैड क्या होते हैं आतंकी भेजने में इनकी क्या भूमिका है ये आपको आगे बताएंगे.

- तीसरा विकल्प है..ब्रह्मोस और मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर जो पाकिस्तान के अंदर लंबी दूरी तक अटैक कर सकते हैं. ब्रह्मोस की रेंज करीब 300 किलोमीटर है..जबकि पिनाका और स्मर्च जैसे मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर 180 किलोमीटर की दूरी तक बारूद बरसा सकते हैं..आसान शब्दों में कहें तो PoK का हर इलाका ब्रह्मोस की रेंज में हैं.
- चौथा विकल्प है स्टैंडऑफ बम..यानी वो हथियार जिन्हें भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स की मदद से दूर से ही लॉन्च किया जा सकता है..इसके लिये PoK पार करने की जरूरत नहीं होगी..भारत के पास रैमपेज((Rampage)) मिसाइल है जो 250 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकती है.

इसके अलावा भारत के पास एक और नया हथियार है जो बालाकोट में हवाई हमले के बाद हमारी वायुसेना में शामिल हुआ है..हम बात कर रहे हैं रफाल फाइटर जेट की..जो दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में एक है..इस समय भारत के पास 36 रफाल विमान हैं और पाकिस्तानी वायुसेना के पास इनकी टक्कर का कोई जेट विमान नहीं है.

- रफाल का अड्डा भी पाकिस्तान के करीब हरियाणा के अंबाला में है. यहां से भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर की दूरी सिर्फ 200 किलोमीटर है और रफाल अपनी टॉप स्पीड 2100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ते हुए सिर्फ 5 मिनट में बॉर्डर तक पहुंचकर एक्शन ले सकता है. भारतीय वायुसेना के लंबी दूरी तक मार करनेवाले हथियारों की बात हम आपको पहले ही बता चुके हैं..यानी रफाल को बॉर्डर क्रॉस करने और पाकिस्तान की सीमा में दाखिल होने की जरूरत ही नहीं होगी.

 'अब आपको आतंकियों के लॉन्चिंग पैड के बारे में बताते हैं'
हमारे विश्लेषण में आपने एक शब्द सुना होगा. लॉन्चिंग पैड अब आपको आतंकियों के लॉन्चिंग पैड के बारे में बताते हैं. लॉन्चिंग पैड का नाम जब आप सुनते हैं तो आपको लगता होगा कि ये कोई खाली मैदान होगा जहां एक कैंप लगा होगा और वहां पचास या सौ आतंकी होते होंगे. हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती होगी लेकिन आतंकियों का लॉन्चिंग पैड ऐसा नहीं होता.

आतंकियों का लॉन्च पैड भारतीय सरहद की दूसरी तरफ पीओके में मौजूद कुछ खास लोकेशन होती है. ये छोटे गांव या छोटी आबादी की तरह दिखने वाला इलाका होता है..जिसे पाकिस्तानी आर्मी पोस्ट से करीब आधे से एक किलोमीटर दूर बसाया जाता है. इस तरह के गांव में पाकिस्तानी सेना अपने एक्स सर्विसमैन को बसाती है.. यहां पाकिस्तान के अलग-अलग जगहों पर ट्रेंड किए गए आतंकियों को जमा किया जाता है. यहां अगर दस आतंकियों का कोई ग्रुप होता है तो उन्हें गांव के अलग-अलग घरों में रखा जाता है. आतंकियों को घुसपैठ कराने की निश्चित तारीख तय करके. निश्चित समय पर एक जगह बुलाया जाता है और उस तय जगह से उन्हें घुसपैठ के लिए आगे भेजा जाता है। वही जगह लॉन्चिंग पैड कहलाती है. हमें लगता है कि अब आप लॉन्चिंग पैड के बारे में सबकुछ समझ गए होंगे.

देश की भावना इस समय पाकिस्तान से बदला लेने की है। कुछ लोग चाहते हैं, कि भारत पीओके पर अटैक करे. यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर और उसे इस्लामाबाद से आजाद करा ले. अब सवाल है कि पीओके पर हमला करना क्या इतना आसान होने वाला है. क्योंकि पीओके पर अटैक करने में कुछ बड़ी चुनौतियां भी आएंगी जिसे समझने की जरूरत है.

पहला - LoC पर मौजूद लैंडमाइंस
दूसरा - वहां की भौगोलिक स्थिति
और तीसरा - PoK में भारी तैनाती
ये तीन चुनौतियां ऐसी हैं जो थोड़ी पेचीदा हैं.. सबसे पहले बात करते हैं लैंड माइंस की.

पीओके की भौगोलिक स्थिति
वर्ष 1947, 1965 और 1971 के युद्ध में भारत और पाकिस्तान दोनों सेनाओं ने LoC पर लैंड माइन्स बिछाई थीं. जो सालों से उसी इलाके में पड़ी हैं. हर फौज अपनी लैंड माइन्स का एक मैप अपने पास रखती है. लेकिन इतने सालों में इस इलाके में कई बार आंधी तूफान आए. लैंडस्लाइड हुए जिसकी वजह से लैंड माइन्स खिसक गई हैं. ये लैंड माइन्स इस मलबे और पानी के साथ बहकर कहां पहुंच गई हैं. इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है पीओके की भौगोलिक स्थिति. दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी पीओके में मौजूद है. इसके अलावा यहां कुछ इलाके हैं जहां कई बरसाती नाले हैं. जिसकी वजह से ट्रूप्स मूवमेंट में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. पाकिस्तान जानता है कि कश्मीर के जिस हिस्से पर उसने कब्जा कर रखा है वो एक न एक दिन तो भारत वापस लेने आएगा ही.. और बीते कुछ वक्त में उसे इस बात का अहसास हो भी रहा है. लिहाजा पाकिस्तान ने यहां भारी भरकम तैनाती कर रखी है.

पीओके में पाकिस्तान की सबसे बड़ी आर्मी फॉर्मेशन 12 इन्फैंट्री डिविजन तैनात हैं, जिनमें 30 हजार के आसपास फौजी हैं. इसके अलावा SSG की 2-3 डिविजन तैनात हैं और पाकिस्तानी पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती भी है..
कुल मिलाकर पीओके में पाकिस्तान ने 80 हजार की फौज जमा कर रखी है. पाकिस्तान ने पीओके में एक और लाइन ऑफ डिफेंस तैयार कर रकी है. एक्स सर्विसमेन यानी रिटायर्ड फौजियों की. पाकिस्तानी फौज ने पीओके में बड़ी मात्रा में रिटायर्ड फौजियों को बसाया है.जिससे यहां के स्थानीय लोगों का वर्चस्व कम होता है. साथ ही फौज की इंटेलिजेंस स्ट्रांग होती है.

कश्मीर से लेकर दिल्ली तक
कश्मीर से लेकर दिल्ली तक बड़े एक्शन की तैयारियां चल रही हैं और पहलगाम अटैक को अंजाम देने वालों पर एक्शन बहुत जरूरी है. क्योंकि बालाकोट एयर स्ट्राइक के जरिए आतंकियों के पनाहगारों को खौफ का जो इंजेक्शन लगाया गया था. शायद उसका असर अब कम हो गया है. और वो इसलिए क्योंकि बालाकोट के बाद भारत ने सीमा पार करके आतंक पर प्रहार नहीं किया. 6 साल से सीमा पार से आतंकी आते रहे. हमारे जवानों पर हमले करते रहे. हमारे निर्दोष नागरिकों को मारते रहे लेकिन सरकार को जैसा एक्शन लेना चाहिए था नहीं लिया. शायद इसी वजह से पाकिस्तान का दुस्साहस बढ़ता चला गया और बदले में हमें पहलगाम देखना पड़ा है.

- पुलवामा से पहलगाम आतंकी हमले के बीच घाटी में किलिंग की 588 घटनाएं हुई हैं. इन आतंकी हमलों में कुल 198 सुरक्षा बल शहीद हुए हैं. इसके अलावा 171 नागरिकों की भी मौत हुई ये कोई छोटा आंकड़ा नहीं है. इस बीच सरकार ने सीमा पार करके भारत की जमीन पर आए 785 आतंकवादियों को ढेर करके टेरर मॉड्यूल की कमर तोड़ी, लेकिन इन आतंकियों की फैक्ट्री पर ध्यान नहीं दिया. और इसी वजह से आतंकी हमले बंद नहीं हुए । एक बार फिर पाकिस्तान से घुसपैठ करके सीमा पार आए आतंकियों ने खूनी खेल खेला है । जिसका बदला लेना बहुत जरूरी है.

पहलगाम हमले की तुलना इजरायल पर हमास के हमले से क्यों?
विश्लेषण की शुरुआत में हमने पहलगाम हमले की तुलना इजरायल पर हमास के हमले से की थी. और अब इसे विस्तार से समझने की जरूरत है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सोशल मीडिया पर लगातार इज़रायल ट्रेंड कर रहा है. इस हमले के बाद कुछ ही घंटो में इज़रायल हैशटैग के साथ एक्स पर 6 लाख 30 हज़ार से ज्यादा पोस्ट किए गए. ज्यादातर पोस्ट इज़रायल जैसे बदले की मांग वाले थे. लेकिन पहलगाम अटैक के बाद भारत के साथ साथ दुनिया भर के लोगों को इज़रायल पर 7 अक्टूबर 2023 के दिन हुए आतंकी हमले की याद क्यों आई. और भारतीयों को इज़रायल जैसा बदला ही क्यों चाहिए. हमने आपके लिए इसका विश्लेषण भी किया है. सबसे पहले दोनों हमलों में समानता को समझिए.

- भारत के पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी भी मुसलमान थे और इज़रायल पर भी हमास के इस्लामिक आतंकियों ने हमला किया था.
- 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल में गज़ा से रॉकेट बैराज, पैराग्लाइडर और वाहनों से आतंकी घुसे. वहीं पहलगाम में भी आतंकी सीमा पार करके पाकिस्तान से आए.
- इज़रायल में जब हमला हुआ लोग म्यूजिक फेस्टिवल की मस्ती में डूबे थे । पहलगाम में भी टूरिस्ट छुट्टियों में मौज मस्ती करने  आए थे.
- इज़रायल में हमास आतंकियों ने तलाश करके यहू​दियों को निशाना बनाया । पहलगाम  में पहचान करके हिंदुओं को मारा गया.
- इज़रायल ने आतंकी हमले का भीषण बदला लिया है और भारत भी भीषण बदले की रणनीति बना रहा है.

अब भारत में लोग चाहते हैं पहलगाम अटैक का बदला इज़रायल जैसा हो. क्योंकि इज़रायल ने हमला करने वाले हमास और उसके सहयोगी आतंकी संगठनों को जड़ से मिटाए बगैर युद्ध ख़त्म नहीं किया. इज़रायल में हमास ने आतंकी हमला करके 1200 से ज़्यादा इज़रायली नागरिकों की हत्या कर दी थी. जिसके बदले में अब तक इज़रायल 17 हजार से ज्यादा हमास लड़ाकों और 3800 से ज्यादा हिजबुल्लाह आतंकियों को मार चुका है और अभी भी इज़रायल का बदला पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है । इज़रायल अपने नागरिकों की हत्या करने वालों को सज़ा जरूर देता है.

इज़रायल पर जिस आतंकी संगठन हमास ने हमला किया उसके चीफ इस्माइल हानिया को इज़रायल ने हमले के 298 दिनों बाद ईरान में मार दिया. इसके बाद हमास के सहयोगी संगठन हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को इज़रायल ने लेबनान में 356 दिनों बाद मार दिया. इस्माइल हानिया के बाद हमास की कमान संभालने वाले याह्या सिनवार को इज़रायल ने 376 दिन बाद ख़त्म कर दिया. इजरायल ने याह्या सिनवार को मारने का वीडियो भी जारी किया. जिसमें हमास का बड़ा आतंकी मजबूर लाचार और कमज़ोर दिखाई दे रहा था. ये वीडियो दिखाकर इज़रायल ने दुनिया को संदेश दिया उसके नागरिकों पर हमला करने वालों की वो कैसी हालत कर देता है.

ये तस्वीर देखने के बाद भारतीय भी सवाल कर रहे हैं. जो हाल इस्माइल हानिया और याहया सिनवार का हुआ वो हाल हाफिज़ सईद और अजहर मसूद का कब होगा. और पहलगाम हमले के मास्टर माइंड के ख़त्म होने की खबर भारतीयों को कब मिलेगी.

भारत की सेना और सरकार पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा देने के प्लान पर काम शुरू कर चुकी है. ये सज़ा ऐसी होगी जो एक नज़ीर बनेगी. भारत सरकार रणनीति बना रही है. लेकिन इस मिशन के लिए कूटनीतिक प्रयास भी तेज हैं. दुनिया के शक्तिशाली और प्रभाव रखने वाले देश आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं. आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ देने का वादा उन देशों ने भी किया जो आपस में दुश्मन हैं. इस कूटनीति को समझने के लिए आपको पहले इस अटैक की टाइमिंग देखनी होगी.

पहलगाम पर हमला उस वक्त हुआ जब अमेरका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस अपने परिवार के साथ इंडिया के दौरे पर थे. दोनों देशों के बीच रणनीतिक और व्यापारिक समझौते मजबूत हो रहे थे. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सउदी अरब में मौजूद थे. यहां भी सबसे असरदार मुस्लिम देश के साथ मजबूत रिश्तों की बुनियाद रखी जा रही थी. लेकिन इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ तुर्किए में मौजूद थे. और उसी वक्त पाकिस्तान से आए आतंकियों ने भारत के पहलगाम पर हमला कर दिया.

लेकिन इस हमले के बाद क्या हुआ उस पर नज़र डालिए. दुनिया भर के देश इस हमले के खिलाफ भारत के साथ खड़े हो गए. अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को आज सुबह-सुबह फोन किया. राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिया कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी जंग में अमेरिका भारत के साथ है. आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत के साथ हैं. इसी के साथ उनके जानी दुश्मन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई है. वहीं सबसे असरदार मुस्लिम मुल्क सऊदी अरब और यूएई ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ देने का एलान किया है. और इस तरह का समर्थन आतंक के खिलाफ इज़रायल को मिले समर्थन से भी मजबूत है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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