Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया है. इसी बीच इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने में भारत को समर्थन देने की बात कही है. वहीं ईरान ने ये प्रतिक्रिया दी है.
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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. हमले के बाद दुनिया भर के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्ति की. साथ ही समर्थन देने की बात कही. वहीं दूसरी तरफ ईरान 'बिचौलिया' बनने को तैयार हो गया है. विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा कि तेहरान चुनौतीपूर्ण समय के दौरान दोनों देशों के बीच बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए तैयार है.
तुलसी गबार्ड ने कही ये बात
एक्स पर पोस्ट करते हुए तुलसी गबार्ड ने लिखा कि हम पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए भयानक इस्लामी आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता में खड़े हैं. मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजन खो दिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सभी लोगों के साथ हैं. हम आपके साथ हैं और इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में आपका समर्थन करते हैं.
क्या बोले ईरानी विदेश मंत्री
वहीं दूसरी तरफ ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने एक पोस्ट में कहा, 'भारत और पाकिस्तान ईरान के भाईचारे के पड़ोसी हैं, जो सदियों पुराने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों में निहित संबंधों का आनंद ले रहे हैं. अन्य पड़ोसियों की तरह, हम उन्हें अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं. तेहरान इस कठिन समय में अधिक समझ बनाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करने के लिए तैयार है. ईरानी मंत्री ने मानवीय संबंधों पर जोर देते हुए फारसी कवि सादी की कविताएं भी साझा कीं. उन्होंने कहा, मानव एक पूरे के सदस्य हैं, एक सार और आत्मा का निर्माण करते हैं यदि एक सदस्य को दर्द होता है तो अन्य सदस्य असहज रहेंगे.
भारत के बड़े फैसले
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कई बड़े फैसले लिए. जिसके तहत सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया. इसके अलावा अटारी- वाघा चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया. एक मई से पहले पाकिस्तानियों को वापस जाने को कहा गया. इसके अलावा कई और बड़े फैसले लिए गए. बता दें कि हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी विंग द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. TRF को पाकिस्तान आर्मी शह देती है.