Congress Parliament Session: ऐसे समय में जब पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के खिलाफ सैन्य बलों पर ऐक्शन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. इसके साथ ही वह 1994 की एक तारीख भी याद दिला रही है. पूरा मामला समझिए.
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मोदी सरकार ने पहलगाम के कातिलों को सबक सिखाने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है, इधर कांग्रेस संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अड़ी है. मुख्य विपक्षी दल ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को विपक्षी नेताओं के आह्वान पर ध्यान देना चाहिए और राष्ट्रीय एकता व संकल्प जताने के लिए सत्र बुलाना चाहिए. यह मांग करते हुए कांग्रेस 22 फरवरी 1994 की एक तारीख भी याद दिला रही है. क्या हुआ था उस दिन?
जयराम रमेश ने लोकसभा की कार्यवाही का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बताया है कि फरवरी 1994 में भी ऐसी ही स्थिति थी. तब 22 तारीख को संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया गया था और जम्मू-कश्मीर पर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित हुआ था. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, '22 फरवरी 1994 को संसद के दोनों सदनों ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें इस बात की पुष्टि की गई कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसे दोहराने और जोर देने का एक बार फिर समय है.'
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जयराम ने 1994 के प्रस्ताव को साझा किया है, जिसमें जम्मू और कश्मीर को भारत का अविभाज्य हिस्सा घोषित किया गया था और इसे अलग करने के किसी भी प्रयास की निंदा की गई थी. तब स्वीकार किए प्रस्ताव में कहा गया, 'भारत के लोगों की ओर से पूरी दृढ़ता से घोषणा की जाती है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है, है और रहेगा. इसे देश के बाकी हिस्सों से अलग करने के किसी भी प्रयास का सभी आवश्यक तरीकों से विरोध किया जाएगा. भारत में अपनी एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ सभी मंसूबों का पूरी दृढ़ता से मुकाबला करने की क्षमता है. यह मांग भी की जाती है कि पाकिस्तान को जम्मू और कश्मीर के उन क्षेत्रों को खाली करना चाहिए, जिस पर उन्होंने जबरन कब्जा कर रखा है. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के सभी प्रयासों का दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा.'
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग-अलग पत्र लिखकर दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है. राहुल गांधी ने 28 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा, 'पहलगाम आतंकी हमले ने हर भारतीय को आहत किया है. ऐसे समय में, भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा की तरह एक साथ खड़े हैं. विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जहां जनता के प्रतिनिधि अपनी एकता और दृढ़ संकल्प दिखा सकें.'
खरगे ने इसी भावना को साझा करते हुए कहा, 'ऐसे समय में जब एकता और एकजुटता आवश्यक है, विपक्ष का मानना है कि 22 अप्रैल 2025 को निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर आतंकवादी हमले के मद्देनजर एक विशेष सत्र बुलाना हमारे सामूहिक संकल्प का एक शक्तिशाली प्रदर्शन होगा.'