Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से LoC में तनाव दिखता बढ़ रहा है. लोगों ने अपने और अपने परिवार को बचाने के लिए अंडरग्राउंड बंकरों की सफाई शुरू कर दी है.
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Pahalgam Terror Attack: बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने घाटी के लोगगों को फिर से सतर्क कर दिया है. नियंत्रण रेखा (LOC) के पास रहने वाले लोगों ने अंडग्राउंड बंकरों की सफाई शुरु कर दी है. ये उस स्थिति को याद करता है, जो यहां पहले दैनिक हुआ करती थी. लोग 'मोदी बंकरों' को कंबल और बिस्तर जैसी रोजमर्रा की आवश्यक चीजों से भर रहे हैं. गाव के लोग सबसे खराब स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं.
ये 'मोदी बंकर' क्या है?
सीमा पार से होने वाली गोलीबारी से नागरिकों को बचाने के लिए लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC ) के पास भूमिगत बंकर बनाए गए हैं. इन बंकरों को अनौपचारिक रूप से मोदी बंकर कहा जाता है. इन्हें पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में बनाया गया था. यह बॉर्डर के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए एक पहल का हिस्सा था. सरकार ने इससे पहले पुंछ और राजौरी जैसे ज्यादा खतरे वाले इलाके में व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकर बनाने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता दी थी.
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घाटी में बनाए गए बंकर
'TOI' की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि साल 2021 में जम्मू में LoC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर लगभग 8,000 अंडरग्राउंड बंकर बनाए गए थे.
#WATCH | Poonch, Jammu and Kashmir | People of Karmarha village near the Line of Control clean the bunkers that were built by the government for the safety of the people pic.twitter.com/pPsmxqE416
— ANI (@ANI) April 26, 2025
केंद्र ने शुरुआत में जम्मू, कठुआ, पुंछ, सांबा और राजौरी जैसे 5 जिलों में 14,460 बंकरों को मंजूरी दी थी. बाद में अधिक संवेदनशील आबादी को कवर करने के लिए 4,000 और बंकरों की मंजूरी दी गई थी.
'लोग बंकरों को भूल गए थे....'
करमाड़ा गांव के निवासी ने बताया कि गांव के लोग बंकरों को भूल गए थे, लेतिन अब इनकी सफाई की जा रही है. लोगों में डर का माहौल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि घाटी में सद्भाव बना रहेगा. एक अन्य निवासी ने कहा,' हम सरकार के साथ खड़े हैं. हम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, हम अपनी सेना और प्रशासन के समर्थन में हैं. जब भी उन्हें हमारी जरूरत होगी, हम हर संभव मदद के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपनी जान भी कुर्बान करने के लिए तैयार हैं. निवासी ने बताया कि उनका घर घाटी के पास स्थित है. पहले यहां गोलीबारी की काफी घटनाएं होती थीं. वे इस तरह की घटनाओं से अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए बंकरों की सफाई कर रहे हैं.