ZEE जानकारी : कुलभूषण जाधव की पत्नी के खिलाफ PAK मीडिया ने शुरू किया झूठा प्रचार
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ZEE जानकारी : कुलभूषण जाधव की पत्नी के खिलाफ PAK मीडिया ने शुरू किया झूठा प्रचार

पाकिस्तान की सरकार ने एक बार फिर अपने Media को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है. और पाकिस्तान का लगभग हर News Channel अब ये साबित करने में जुटा है...कि कुलभूषण जाधव की पत्नी, जासूस बनकर इस्लामाबाद पहुंची थीं.

ZEE जानकारी : कुलभूषण जाधव की पत्नी के खिलाफ PAK मीडिया ने शुरू किया झूठा प्रचार

मशहूर Irish-American Comedian और Actor...Johnny Corn ने एक बार कहा था कि Alternative Facts And Fake News Are Just Other Names For Propaganda...यानी वैकल्पिक तथ्य और फर्ज़ी ख़बरें...काल्पनिक प्रचार और Propaganda का ही दूसरा नाम हैं. कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार, वहां की सेना और वहां का Media इन दिनों ऐसे ही दुष्प्रचार करके, दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते है. लेकिन हम तस्वीरों और वास्तविक तथ्यों के आधार पर पिछले दो दिनों से पाकिस्तान की 'ओछी' हरकतों का संपूर्ण विश्लेषण दुनिया को दिखा रहे हैं. आज भी हम ऐसा ही करेंगे, क्योंकि पाकिस्तान ने अपना स्तर अब इतना गिरा लिया है... कि उसने कुलभूषण जाधव की पीड़ित पत्नी को भी 'जासूस' की श्रेणी में डाल दिया है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसे समझने के लिए आपको कुछ बातें याद दिलानी ज़रुरी हैं.

कल विश्लेषण के दौरान हमने आपको बताया था, कि कैसे इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से मुलाकात से ठीक पहले उनकी पत्नी के जूते उतार लिए गए थे. और बाद में पाकिस्तान ने उन्हें जूते वापस देने से भी इंकार कर दिया. हमने आपको वो तस्वीरें भी दिखाई थीं... जब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से बाहर निकलते वक्त उनकी पत्नी ने चप्पल पहने हुए थे. और उसी वक्त हमने ये बात भी स्पष्ट कर दी थी...कि जूते वापस ना करने के बहाने पाकिस्तान.. कोई गहरी चाल चल सकता है. 

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी कल इशारों-इशारों में कह दिया था...कि पाकिस्तान के इरादे ठीक नहीं लग रहे. उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया था, उन पर गौर कीजिए... उन्होंने कहा था - कि 'एक अजीब सी बात ये भी हुई, कि कुलभूषण जाधव की पत्नी की अपील के बावजूद.. मुलाकात ख़त्म होने के बाद उनके जूते उन्हें नहीं लौटाए गए. इस संबंध में किसी भी शरारती इरादे से सावधान रहना होगा'

और आज हमारा और भारत के विदेश मंत्रालय का शक़ सही साबित हुआ है. कुलभूषण जाधव की पत्नी के जूते वापस ना देने के पीछे पाकिस्तान ने ये दलील दी है, कि उनके जूतों में कोई संदिग्ध चीज़ लगी हुई थी. इस Propaganda को फैलाने के लिए, पाकिस्तान की सरकार ने एक बार फिर अपने Media को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है. और पाकिस्तान का लगभग हर News Channel अब ये साबित करने में जुटा है...कि कुलभूषण जाधव की पत्नी, जासूस बनकर इस्लामाबाद पहुंची थीं.

पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय, अपने देश के Media को ये शिक्षा दे रहा है, कि कमांडर जाधव की पत्नी के जूतों में किसी चीज़ को Fix करके रखा गया था. और वहां के अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं, कि कथित तौर पर जूतों में पाई गई संदिग्ध चीज़ ..कोई कैमरा था...या फिर Recording Chip. पाकिस्तान के कई Channels तो ऐसे हैं, जिन्होंने बिना किसी साक्ष्य या प्रमाण के कमांडर जाधव की पत्नी को 'जासूस' बताकर उन्हें अपमानित करना भी शुरु कर दिया है.

मेरे हाथ में इस वक्त पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया गया एक बयान है. ये Press Release उन्होंने, भारत की आपत्ति के बाद जारी की है. लेकिन इसमें जो बातें कही गई हैं, वो हैरान कर देने वाली हैं. हमने कल ही आपसे कहा था, कि असली ख़बर किसी प्रेस विज्ञप्ति, प्रेस Conference या सरकारी बयान में नहीं.. बल्कि तस्वीरों में छिपी होती है. लेकिन पाकिस्तान कैसे बेशर्मी से झूठ बोलता है, अब इसका उदाहरण भी देख लीजिए.

इस Press Release में पाकिस्तान खुद को Transparent बताता है. वो ये कहता है, कि अगर भारत को या कुलभूषण जाधव के परिवार को वाकई में किसी बात को लेकर आपत्ति थी, तो उन्हें उसी वक्त बोल देना चाहिए था. इस्लामाबाद में Media की मौजूदगी को लेकर, पाकिस्तान कहता है, कि वो Readily Available थे, लेकिन Safe Distance पर. 

आज हम पाकिस्तान से ये पूछना चाहते हैं, कि ये कैसा Safe Distance था, जिसमें पाकिस्तानी पत्रकारों के 'अभद्र सवालों' की गूंज कैमरे में Record हो गई. ये कैसा Safe Distance था...जिसमें इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर पाकिस्तानी News Channels के पत्रकार, कमांडर जाधव के परिवार के इतने क़रीब चले गए. सच तो ये है, कि ये सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान का पाखंड था. और इसी पाखंड के सहारे उसने दुनिया को भ्रमित करने की कोशिश की... ये भी हो सकता है, कि अब पाकिस्तान खुद उन जूतों में कैमरा या Recording Chip फिट करके, ये साबित करने की कोशिश करे...कि भारत ने कमांडर जाधव की पत्नी से 'जासूसी' कराने की कोशिश की.

जो पाकिस्तान अपने नागरिकों का नहीं हो सकता....जो अपने देश के आम लोगों को जेल में सड़ने के लिए छोड़ देता है, अपने ही लोगों पर तरह-तरह के अत्याचार करता है, उससे ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि वो कुलभूषण जाधव के साथ अच्छा सलूक करेगा और एक दुखी मां और पीड़ित पत्नी के आंसुओं का कूटनीतिक इस्तेमाल नहीं करेगा.

Human Rights Commission of Pakistan के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में दिसम्बर 2016 तक 84 हज़ार से ज़्यादा लोग बंद थे. इनमें ऐसे लोगों की संख्या काफी ज़्यादा थी, जिनके खिलाफ अभी मुकदमा शुरु भी नहीं हुआ है. यानी पाकिस्तान में हर एक लाख लोगों की आबादी पर 44 कैदी हैं. और ऐसे लोगों के साथ पाकिस्तान में क्या सलूक किया जाता है...इसे समझने के लिए आपको पाकिस्तान के SAMAA TV की एक छोटी सी रिपोर्ट दिखाना चाहता हूं.

इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की एक महिला का ज़िक्र किया गया है, जिसका नाम Rani Bibi है. जो 19 वर्षों तक उस अपराध के लिए जेल में बंद रहीं, जो उन्होंने किया ही नहीं था. आपको ये जानकर भी हैरानी होगी, कि पाकिस्तान की जेलों में बंद लोगों को शिकायत करने की आज़ादी नहीं है. अगर जेल में बंद कोई महिला, शिकायत करने की कोशिश करती है, तो थप्पड़ मारकर उसका मुंह बंद कर दिया जाता है. ऐसे में आप कल्पना कर सकते हैं, कि कुलभूषण जाधव के साथ पाकिस्तान की सेना कैसा व्यवहार कर रही होगी.

बात चाहे सैनिकों की हो...सरकारों की हो...पत्रकारों की हो....या फिर आम नागरिकों की हो...सभ्य समाज में शिष्टाचार का होना ज़रुरी है. और ये शिष्टाचार किसी आरोपी के लिए भी इस्तेमाल होना चाहिए और उसके परिवार को भी उतना ही सम्मान दिया जाना चाहिए. लेकिन, पाकिस्तान के नज़रिए से देखें, तो 'शिष्टाचार' की कोई अहमियत नहीं है.

पाकिस्तान को नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए आज हम भारत के Field Marshal Sam Manekshaw के एक बयान की मदद लेंगे. अभी आप 16 दिसम्बर 1971 की वो तस्वीरें देख रहे हैं, जब पाकिस्तान के 93 हज़ार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था. आपमें से बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जिन्हें इस बात की जानकारी होगी, कि पाकिस्तान के इन 93 हज़ार सैनिकों के साथ भारत ने कैसा बर्ताव किया था?  आज हमने ज़ी न्यूज़ की लाइब्रेरी से 1971 के युद्ध में तत्कालीन सेनाध्यक्ष रहे फील्ड मार्शल सैम Manekshaw के Interview का एक हिस्सा निकाला है. ये Interview ख़ास तौर पर पाकिस्तान की सरकार, वहां की सेना और वहां के पत्रकारों के लिए है. अगर वो इस वक्त Zee News देख रहे हैं...तो पाकिस्तानी के युद्धबंदियों को लेकर स्वर्गीय सैम Manekshaw द्वारा कही गई बातें....उनके विचारों को शुद्ध कर सकती हैं.

बांग्लादेश की आज़ादी के संघर्ष में मददगार मित्र वाहिनी यानि भारतीय सेना ने हथियार डालने वाले 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों को जेनेवा संधि के मुताबिक इज्ज़त और आराम से रखा. युद्धबंदियों के कैंप में मशहूर भारतीय फिल्में दिखाई गईं, उन्हें उनके घर खबर करने की सुविधा दी गई, यहां तक कि उनका इलाज भी करवाया गया. इतना ही नहीं, कारगिल युद्ध के बाद भी भारतीय सेना ने सैनिक मर्यादा कभी नहीं भुलाई. कारगिल में पकड़े गए हर पाकिस्तानी सैनिक को जेनेवा संधि के मुताबिक रखा गया और उन्हें वापस भेजा गया. मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों के शवों को पूरे सैनिक सम्मान के साथ या तो दफनाया गया या पाकिस्तान को सौंपा गया. लेकिन भारतीय युद्धबंदियों में से कई तो ऐसे थे, जिनका आज तक कोई अता-पता नहीं है. इसीलिए, हमने कहा, कि पाकिस्तान से शिष्टाचार की उम्मीद करना सिवाए बेवकूफी के कुछ नहीं होगा.

पाकिस्तान की बेतुकी बातें और कुतर्क.. उसकी पढ़ाई-लिखाई पर भी सवाल उठाते हैं.

पाकिस्तान शायद दुनिया का पहला ऐसा देश होगा, जहां Literacy Rate बढ़ता नहीं बल्कि घटता है. वक्त बीतने के साथ साथ दुनिया के देश आगे बढ़ते हैं, अपने बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा पढ़ाते हैं. लेकिन पाकिस्तान में सब कुछ उल्टा हो रहा है. 

इसी वर्ष एक आंकड़ा आया था जिसके तहत ये पता चला था कि पाकिस्तान की साक्षरता दर में 2% की कमी आ गई है.

पाकिस्तान में सिर्फ 58% लोग साक्षर हैं. जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 74% से ज्यादा लोग साक्षर हैं. 

पाकिस्तान के बलोचिस्तान में 2015 में 44 प्रतिशत लोग साक्षर थे, लेकिन 2016 में ये आंकड़ा घटकर 41% हो गया .

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी साक्षरता दर में 5% की गिरावट आई है. यहां पढ़े लिखे लोगों की संख्या 60% से घटकर 55% हो गई है. 

ये आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान पढ़ने लिखने में यकीन नहीं रखता. और अगर बच्चे और युवा शिक्षित ना हों तो उनका ब्रेनवॉश करना आसान हो जाता है. यही वजह है कि पाकिस्तान में आतंकवाद की फैक्ट्रियां हैं.. और वहां के पूरे सिस्टम में तार्किक बुद्धि की कमी है.

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