India Pakistan News : अनुपमा सिंह ने ये भी कहा, 'पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू किया. ये सैन्य कार्रवाई सटीक, आनुपातिक और पाकिस्तान के अंदर बने आतंकी ढांचे पर केंद्रित थी. हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि उनके नागरिकों को न निशाना बनाया जाए.'
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India Slams Pakistan at WHO: भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मंच से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने WHO में पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा, 'पाकिस्तान आतंकवाद को जन्म देता है, वह इसका शिकार होने का ढोंग नहीं कर सकता.' जिनेवा स्थित WHO मुख्यालय में भारत के राइट टू रिप्लाई यानी जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह (IFS Anupama Singh) ने WHO की बैठक में पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधते हुए कहा, 'हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद के प्रायोजक और आयोजक पाकिस्तान की धरती से काम करते हैं.
पाकिस्तान आतंकवाद को पालता पोसता है: भारत
अनुपमा सिंह ने ये भी कहा, 'पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू किया. ये सैन्य कार्रवाई सटीक, आनुपातिक और पाकिस्तान के अंदर बने आतंकी ढांचे पर केंद्रित थी. हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि उनके नागरिकों को न तो निशाना बनाया जाए और न ही उन्हें कोई सैन्य नुकसान पहुंचाया जाए. भारत ने केवल पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों और उनके जाने-माने ठिकानों को निशाना बनाने पर फोकस किया था.'
'Pakistan remains the epicenter of Jehadist terror', Indian Diplomat Anupama Singh at WHO
'sponsors & organisers operate from Pakistani soil'
'Pakistani continues false narrative on Indus water treaty..'
'Pakistan breeds terrorism, cannot masquerade as victims' pic.twitter.com/qJwlAM497i
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 21, 2025
उन्होंने आगे कहा, 'पाकिस्तान सिंधु जल संधि के बारे में भी अपनी झूठी कहानी जारी रखता है, इस मुद्दे को उलझाने की कोशिश कर रहा है.' पाकिस्तान पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'आतंकवाद को जन्म देने वाला देश इसके शिकार होने का ढोंग नहीं कर सकता.'
कौन हैं अनुपमा सिंह?
भारत माता की विद्वान और काबिल बेटी अनुपमा सिंह विदेश सेवा में अफसर हैं. अनुपमा सिंह 9 साल से ज़्यादा समय से भारतीय विदेश सेवा में राजनयिक हैं और बड़ी जिम्मेदारी से भारत का पक्ष रखती हैं. इससे पहले, उन्होंने केपीएमजी में 2 साल तक बतौर सलाहकार काम किया और बाद में 2012 से 2014 तक वरिष्ठ सलाहकार बनीं.