DNA Analysis: पाकिस्तान वो डरपोक देश है जो जंग में हार सामने देख सीज़फायर की भीख मांगता है और युद्धविराम हो जाने पर इसे अपनी जीत बताते हुए जश्न मनाना शुरू कर देता है. भारत के हाथों हर जंग में घुटनों पर आने वाला पाकिस्तान, आखिर किस जज्बे में सीना तान कर जश्न मनाने की हिम्मत करता है. आइए जानते हैं.
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DNA Analysis: एक तरफ कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के हौसले और रणनीति के आगे दहशतगर्द हार रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इन आतंकियों को पालने-पोसने वाला मुल्क पाकिस्तान अपनी हार पर जश्न मना रहा है. एक शेर याद आ रहा है हमें.
इसका मतलब ये है कि बहादुर और ताकतवर ही युद्ध के मैदान में गिरते हैं. जबकि कमजोर या डरपोक युद्ध के मैदान में हारने और गिरने के डर से पहले ही पीछे हट जाते हैं.
पाकिस्तान वो डरपोक देश है जो जंग में हार सामने देख सीज़फायर की भीख मांगता है और युद्धविराम हो जाने पर इसे अपनी जीत बताते हुए जश्न मनाना शुरू कर देता है.
10 मई को सीज़फायर के ऐलान के बाद इस्लामाबाद से लेकर कराची तक की सड़कों पर जश्न मनाया जाने लगा. मिठाईयां बांटी जाने लगी. ऑपरेशन सिंदूर की स्ट्राइक में बुरी तरह मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान में खुशी का माहौल है. पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ ने अपनी अवाम के लिए छुट्टी का ऐलान कर दिया. पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश होगा जिसने युद्ध में पराजय के बावजूद जश्न का ऐलान किया है.
शहबाज शरीफ ने 10 मई 2025 की तारीख को यौम-ए-मरका-ए-हक मतलब सच की लड़ाई का दिन के तौर पर मनाने का ऐलान किया है. अब आने वाले सालों में 10 मई के दिन को पाकिस्तान में सरकारी स्तर पर जश्न मनाया जाएगा, विशेष प्रार्थना का आयोजन होगा. तकरीरें होंगी और मिठाईंया बांटी जाएगी.
हार को जीत के जश्न बदलने में पाकिस्तान का कोई मुकाबला नहीं है. 1965 की जंग में भारत से बुरी तरह पिटने के बावजूद पाकिस्तान, 1965 की जंग की हार में जीत का नैरेटिव गढ़ते हुए, 6 सितंबर को डिफेंस डे के तौर पर मनाता है.
1948 में कश्मीर में कबायली हमले में मिली हार को भी पाकिस्तान अपनी अवाम को जीत के तौर पर दिखाता है. उस दौरान कश्मीर पर कब्जे के लिए पाकिस्तानी सेना ने कबायलियों के साथ हमला किया था. जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. इस हार को पाकिस्तानी स्कूलों के सिलेबस में जीत के तौर पर दर्ज किया गया है.
हार को जीत के जश्न में तब्दील करने वाला पाकिस्तान, दुनिया का पहला और आखिरी मुल्क है.अब समझिए की पाकिस्तान, हिंदुस्तान के हाथों मिली हार का भी जश्न क्यों मनाता है.
भारत के हाथों हर जंग में घुटनों पर आने वाला पाकिस्तान, आखिर किस जज्बे में सीना तान कर जश्न मनाने की हिम्मत करता है. इसके विश्लेषण से पहले आज आपको बताते हैं.
ये वीडियो मुरीदके का है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लश्कर के हेडक्वार्टर मुरीदके को टारगेट किया गया था. वीडियो में भीड़ के सामने बोलते हुए जिस बुजुर्ग शख्स को आप देख रहे हैं. वो उन दो आतंकियों का पिता है, जो मुरीदके में हुए मिसाइल अटैक में मारे गए है. इस शख्स की आंखों का आंसू भी अभी नहीं सूखा है, लेकिन ये मरने-मारने की बातें कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर की स्ट्राइक में दो बेटों को खोने के बावजूद, ये शख्स अपने पांच बेटों को भी भारत के खिलाफ जंग में भेजने का दावा कर रहा है.
ये सबूत है कि पाकिस्तानी हुक्मरानों और फौजी जनरलों ने हिंदुस्तान के खिलाफ किस तरह अपनी अवाम का ब्रेनवॉश कर दिया है. उनमें भारत का विरोध और नफरत भर दी है.यही नफरत मुनीर की आतंकी सेना की ताकत है. क्योंकि उसे पता है कि उसके पास मरने और मारने वाले लोगों की फौज मौजूद है. जिनमें मज़हबी कट्टरपन और सनातन के खिलाफ नफरत इतनी भरी हुई है कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं है.
भारत के खिलाफ पाकिस्तानी अवाम का ब्रेनवॉश करने के लिए पाकिस्तानी आर्मी और ISI ने हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजगर और सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकी पाल रखे हैं.
सात मई को हमने DNA में मुरीदके के लश्कर हेडक्वार्टर में मारे गए आतंकियों के नमाज़-ए- जनाज़ा से जुड़ी खबर आपको दिखाई थी. इसमें आतंकियों की जनाजे की नमाज, लश्कर कमांडर अब्दुर रऊफ ने पढ़ाई थी.
अब्दुर रऊफ- हाफिज सईद का खास
आतंकी सरगना हाफिज सईद का डिप्टी अब्दुर रऊफ फिर एक बार बेनकाब हुआ है. अब्दुर रऊफ को लेकर पाकिस्तानी DG-ISPR लगातार बैकफुट पर हैऔर उसकी कोशिश मुरीदके से आतंकी अब्दुल रऊफ का कनेक्शन झूठा साबित करना है. 11 मई को पाकिस्तानी DG-ISPR ने आतंकी अब्दुर रऊफ के लश्कर कनेक्शन से साफ इनकार किया था. और मरीदके में आतंकियों के जनाजे की नमाज में शामिल अब्दुर रऊफ को बेगुनाह साबित करने की कोशिश की थी..
पाकिस्तान के DG-ISPR की झूठ
पाकिस्तान के DG-ISPR सरेआम सफेद झूठ बोल रहे हैं.. उनका दावा है कि मुरीदके में आतंकिय़ों का नमाज-ए-जनाजा पढाने वाला शख्स लश्कर आतंकी अब्दुर रऊफ नहीं बल्कि कोई और है... जबकि सात मई के DNA के विश्लेषण में हमने आतंकी अब्दुर रऊफ और हाफिज सईद का कनेक्शन बेनकाब किया था.. आज फिर हम आपको जो सबूत दिखाने वाले हैं, वो पाकिस्तानी आर्मी के झूठ को बेनकाब कर देगा.
लश्कर कमांडर की सच्चाई
ये दस्तावेज अमेरिका के OFFICE OF FOREIGN ASSETS CONTROL डिपार्टमेंट के हैं. ये विभाग प्रतिबंधित संगठनों और लोगों की लिस्ट मेंटेन करता है. इस लिस्ट में हाफिज अब्दुर रऊफ से जुड़ी सारी जानकारियां, पाकिस्तानी DG-ISPR के दिखाए दस्तावेज से मेल खाती हैं. नाम हो, डेट ऑफ बर्थ हो या फिर Computerized National Identity Card यानी CNIC नंबर सब एक हैं. ये साबित करता है कि पाकिस्तान, अब्दुर रऊफ को लेकर झूठ बोल रहा है. उसके आतंकी कनेक्शन को छिपा रहा है. पाकिस्तानी आर्मी जिस शख्स को मीडिया के सामने पेश कर रही है, वो वही लश्कर कमांडर है जिसने मुरीदके में जनाजे की नमाज़ पढाई थी.