नई दिल्ली: पाकिस्तान की टीम दुबई में भले ही क्रिकेट का वर्ल्ड कप खेलने गई हो लेकिन टीम के खिलाड़ी, नेता समेत पूर्व खिलाड़ियों ने इसे धर्म का वर्ल्डकप बनाकर रख दिया है. मैदान पर नमाज पढ़ने से लेकर मैच की जीत को इस्लाम की जीत बताने तक खेल को खेल की जगह धर्मयुद्ध बनाकर रख दिया है. पाकिस्तान के इन लोगों को Mohammad Kaif ने आइना दिखाया है. कैफ ने ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी से खास बातचीत में बताया कि असल खिलाड़ी होने का मतलब क्या होता है.


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भारत से मैच के बाद पाकिस्तान का जो चेहरा पूरी दुनिया के सामने आया उसने एक बार फिर दिखा दिया कि पाकिस्तान में खेल को भी खेल नहीं बल्कि मजहबी चश्मे से देखा जाता है. पाकिस्तान ने क्रिकेट को एक धर्म युद्ध में बदल दिया. 



खेल में भी हिंदु-मुसलमान


जहां पाकिस्तान के गृह मंत्री ने इसे इस्लाम की जीत बताया तो वहीं पूर्व खिलाड़ी ने इसमें भी हिंदु-मुसलमान शुरू कर दिया. पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि यह भारत समेत दुनिया भर में इस्लाम और मुसलमानों की जीत है. शेख राशिद का ये बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ.


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पाक खिलाड़ियों को दिखाया आइना


अब पाकिस्तान और उसके सभी खिलाड़ियों को भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने आइना दिखाया. ज़ी न्यूज़ से खास बातचीत में कैफ ने कहा कि मैदान में खेल खेलने के लिए जब खिलाड़ी उतरता है तो वो धर्म, रंग, जाति सबसे ऊपर होता है. फिर ऐसा क्यों है कि सिर्फ पाकिस्तान के खिलाड़ी ही मैदान पर अपने धर्म को लाते दिखते हैं. 


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मैदान पर पढ़ी नमाज


ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी ने पहली बार मैच के दौरान नमाज़ पढ़ी या आख़िरी बार ऐसा हुआ है. पहले भी कई बार पाकिस्तानी खिलाड़ी मैदान पर नमाज़ पढ़ चुके हैं. अभी एक दिन पहले भी मैच ट्रेनिंग के दौरान खिलाड़ियों ने मैदान पर ही नमाज पढ़ी.


2007 के T-20 World Cup फाइनल में जब भारत ने पाकिस्तान की टीम को हरा दिया था, तब पाकिस्तानी खिलाड़ी शोएब मलिक ने कहा था कि वो दुनिया के सभी मुसलमानों से माफी मांगते हैं, जिनके लिए वो वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए.