जंग तो बॉर्डर पर जवान लड़ लेंगे; पाकिस्तान से दिलो-दिमाग का War आपको लड़ना है; पड़ोसी की करतूत का पर्दाफाश
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जंग तो बॉर्डर पर जवान लड़ लेंगे; पाकिस्तान से दिलो-दिमाग का War आपको लड़ना है; पड़ोसी की करतूत का पर्दाफाश

DNA Analysis: दुनिया की सेलेक्टिव मीडिया. भारत विरोधी एजेंडा चला रही है तो सोशल मीडिया को पाकिस्तान अपने प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल कर रहा है. ये खबर आपके लिए जानना बेहद जरूरी है.

जंग तो बॉर्डर पर जवान लड़ लेंगे; पाकिस्तान से दिलो-दिमाग का War आपको लड़ना है; पड़ोसी की करतूत का पर्दाफाश

DNA Analysis: दुनिया की सेलेक्टिव मीडिया. भारत विरोधी एजेंडा चला रही है तो सोशल मीडिया को पाकिस्तान अपने प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल कर रहा है. ये खबर आपके लिए जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि ये खबर आपको बताएगी कि पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का टारगेट सीधा आपका दिल और दिमाग है.

अगर आप सोशल मीडिया पर हैं आपको इन दिनों कई ऐसे पाकिस्तानी हैंडल दिखेंगे जो जंग का जिक्र करते हुए अपने ही देश का मजाक उड़ा रहे हैं. कोई कहता है लड़ाई करनी हो तो रात 9 बजे तक कर लेना. क्योंकि 9 बजे के बाद पाकिस्तान में बिजली चली जाती है. ऐसे भी हैंडल हैं जिन्होंने लिखा पाकिस्तान में सिक्योरिटी की स्थिति ठीक नहीं है तो भारत पाकिस्तान की जंग दुबई में करा लेते हैं. कई पाकिस्तानी INFLUENCERS भी जंग को लेकर कथित तौर पर मजाकिया वीडियो पोस्ट कर रहे हैं.

हो सकता है ऐसे वीडियो देखकर आपको हंसी आए. आपको लगे कि ये पाकिस्तानी कितने भोले या मजाकिया हैं. लेकिन ये सच नहीं है. आपको सावधान रहने की जरूरत है. भूलकर भी ऐसे वीडियो और मीम शेयर या रीपोस्ट नहीं करने हैं. क्योंकि यही पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा की टूलकिट का वो हिस्सा है. जिसका मकसद भारतीय नौजवानों को सच से दूर ले जाना है. इस टूलकिट से पाकिस्तान क्या हासिल करना चाहता है. 

पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा 
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा चाहता है कि ऐसे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भारत में जो पाकिस्तान विरोधी लहर चल रही है वो कमजोर हो जाए. भारतीय नागरिक इमोशनल तौर पर पाकिस्तानियों से जुड़ जाएं और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन की जो राष्ट्रीय भावना है वो दिग्भ्रमित हो जाए.

हमने आपको इस खतरनाक पाकिस्तानी मजाक से सावधान कर दिया है. अब एक सच्चा भारतीय होने के नाते ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप सोशल मीडिया पर एक सिपाही की तरह सतर्क रहे. जहां भी लगे कि पाकिस्तान से पोस्ट किया गया कोई वीडियो या मीम. भ्रम फैलाने की साजिश कर रहा है तो सावधान हो जाएं अपने करीबियों और दोस्तों को भी आगाह करें.

साजिश के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI
इस साजिश के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI है. जिसने भारत से बढ़ते तनाव के बीच. दोबारा अपने साइबर गैंग को एक्टिवेट किया है. सोशल मीडिया के जरिए झूठ और भ्रम फैलाने के लिए बनाई गई इस यूनिट में 500 से लेकर 700 सदस्य है. इसके साथ ही साथ अलग अलग देशों से तकरीबन 3 हजार लोगों को पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा फैलाने का ठेका दिया गया है. इस साइबर फोर्स का बजट तकरीबन 100 मिलियन डॉलर है और माना जा रहा है कि पाकिस्तान को ये रकम चीन से मिल रही है.

पाकिस्तान की ये प्रोपेगेंडा फोर्स किस तरह काम कर रही है वो आपको हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए. 19 सेकेंड के इस वीडियो से पता चल जाएगा. इस वीडियो के साथ लिखा गया है कि भारतीय फौज के जनरल युद्ध से जुड़ी मीटिंग छोड़कर जा रहे हैं. क्योंकि वो मोदी सरकार के साथ मिलकर युद्ध नहीं लड़ना चाहते. पोस्ट के नीचे लिखा है पाकिस्तान जिंदाबाद.

जब DNA में हमने इस वीडियो को जांचा...तो पता चला कि ये वीडियो मार्च 2025 का है...पंजाब में सेना के एक अधिकारी और पुलिसवालों के बीच झगड़ा हुआ था...जिसमें सेना के अधिकारी और उनके बेटे को चोट आई थी...इस मामले पर एक प्रेस कांफ्रेंस हुई थी...जिसमें सेना के अधिकारी और स्थानीय प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी आए थे...यानी इस वीडियो का वर्तमान परिस्थितियों से कोई लेना देना नहीं है

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी सालों से इस किस्म का प्रोपेगेंडा चला रही है. पहले भी कश्मीर में आतंक और खालिस्तान को लेकर ऐसे कई फर्जी और भ्रामक ऑनलाइन कैंपेन चलाए गए. जिनमें झूठे वीडियो, बयान और तस्वीरों का सहारा लिया गया. इसी वजह से जरूरी है अगर आप सोशल मीडिया पर हैं तो पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा से बचें. पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा से भरे पोस्ट या मीम शेयर ना करें. क्योंकि इसके पीछे एक गहरी साजिश है. जिसे समझना आपके लिए बेहद जरूरी है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद किए जा रहे प्रोपेगेंडा का पहला मकसद है. पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तानी हाथ होने के सच को दबाना. दूसरा मकसद है इस हमले के तार भारत सरकार से जोड़ना. तीसरा मकसद है कश्मीर में अलगाववाद की साजिश को दोबारा हवा देना और चौथा मकसद है. फर्जी जानकारी के आधार पर कश्मीर को जुल्म का पीड़ित दिखाना.

 

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