India-Pakistan War: पाकिस्तान अब नीचता पर उतर आया है. हमले को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आउटफिट द रेजिस्टेंट फ्रंट यानी टीआरएफ ने कहा है कि उसने टूरिस्ट्स को नहीं बल्कि उन लोगों को मारा है जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े हुए थे. यानी अब हमले के डर से टीआरएफ दुनिया के सामने फेक नैरेटिव सेट करने में लगा है.
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Pahalgam Attack: पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने कायराना हरकत को अंजाम देते हुए 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया. लोगों से उनका धर्म पूछा और किसी के सिर में तो किसी की छाती में गोली मारी गई भी उनकी पत्नी और बच्चों की आंखों के सामने.
अब पाकिस्तान नीचता पर उतर आया है. हमले को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आउटफिट द रेजिस्टेंट फ्रंट यानी टीआरएफ ने कहा है कि उसने टूरिस्ट्स को नहीं बल्कि उन लोगों को मारा है जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े हुए थे. यानी अब हमले के डर से टीआरएफ दुनिया के सामने फेक नैरेटिव सेट करने में लगा है.
'वो आम टूरिस्ट्स नहीं थे'
अपने बयान में टीआरएफ ने कहा, 'जिनको मारा गया वो आम टूरिस्ट्स नहीं थे बल्कि वे लोग भारतीय सुरक्षा एजेंसियों जैसे आईबी, रॉ, नेवी और अन्य सरकारी संस्थाओं से जुड़े हुए थे. ये लोग दिल्ली से भेजे गए थे. इनको कश्मीर नहीं घूमना था बल्कि कश्मीर के जमीनी हालात का मुआयना करना था. कुछ विदेशी लोग भी इस ग्रुप का हिस्सा थे. यह कोई टूरिस्ट ग्रुप नहीं था बल्कि ये अंडरकवर एजेंसी के लोग थे, जिनको रिसर्च का काम दिया गया था.'
टीआरएफ ने आगे कहा, 'ऐसे ही ग्रुप्स पहले भी जम्मू-कश्मीर आए हैं और उनके रिसर्च और सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए. जो हैं:'
बड़े स्तर पर गैर-कश्मीरियों को अधिवास का दर्जा देना
गैर-कश्मीरियों को बड़े स्तर पर सरकारी नौकरी देना
सरकारी और प्राइवेट कॉन्ट्रैक्ट्स गैर-कश्मीरियों को देना.
स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार और उच्च शिक्षा तक पहुंच को प्रतिबंधित करना.
स्थानीय कर्मचारियों को हटाना.
सिक्योरिटी के नजरिए से जमीन हासिल करना.
वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में नॉन-लोकल्स पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है. सूत्रों के मुताबिक, एजेंसियों ने टूरिस्ट्स, नॉन लोकल और कश्मीरी पंडितों और पुलिस व रेलवे कर्मचारियों को लेकर एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और उससे जुड़े आतंकवादी संगठन खास तौर से पर्यटकों/गैर स्थानीय लोगों, पुलिसकर्मियों और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर और हमले करने की योजना बना रहे हैं, खासकर घाटी के श्रीनगर और गंदेरबल जिलों में.