India Pakistan News in Hindi: इस साल मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को इसके पार्ट-2 शुरू होने का भय खाए जा रहा है. अब वह सीधे भारत से पंगा लेने के मूड में नहीं है, इसलिए अब उसने जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए नई साजिश रची है.
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Pakistan new plan to avoid India Operation Sindoor Part 2: भारतीय खुफिया एजेंसी ने कश्मीर को अशांत करने की आईएसआई की नई रणनीति का पर्दाफाश किया है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई ने कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए जम्मू कश्मीर में हमले तेज़ करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और ISPK गठबंधन की योजना बनाई है. दुनिया भर में इस्लामिक खिलाफत की मांग करने वाला ISPK अगर मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर में प्रवेश करता है, तो इससे पाकिस्तान को आतंकवाद समर्थक होने के आरोप से बचने में मदद मिलेगी.
ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 से बचने की प्लानिंग
भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) जम्मू कश्मीर को अस्थिर करने के लिए एक नई रणनीति पर काम कर रही है. इस योजना में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISPK) जैसे कट्टरपंथी संगठनों का इस्तेमाल करके यह दिखाने की कोशिश की जाएगी कि कश्मीर में हो रही हिंसा में पाकिस्तान का हाथ नहीं है. माना जा रहा है कि यह नई रणनीति से भारत को ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 शुरू करने का भी मौका नहीं मिलेगा.
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उच्च अधिकारियों को सूचना दी है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) के बीच ISI के समर्थन से एक नया गठबंधन बन रहा है. भारतीय सुरक्षा बल अब ISI की इस नई रणनीति से अवगत हैं और इस मोर्चे पर भी पाकिस्तान को हराने के लिए जवाबी कदम उठा रहे हैं.
खुफिया एजेंसियों जवाबी उपाय की कर रहीं तैयारी
IG BSF कश्मीर अशोक यादव ने कहा, 'हमारी खुफिया एजेंसियां बहुत सावधानी से इन रिपोर्टों का विश्लेषण कर रही हैं. उसी के आधार पर हम अपनी ऑपरेशनल प्लानिंग कर रहे हैं ताकि यह सभी की जानकारी में रहे. खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि ISI, ISKP की गतिविधियों को प्रायोजित और निर्देशित कर रहा है. ISI का मकसद भारतीय सुरक्षा बलों, मुख्यतः जम्मू कश्मीर, के खिलाफ अभियानों में ISKP के साथ लश्कर के लड़ाकों को भी शामिल करना है.
आईएसकेपी के इस्तेमाल की योजना कश्मीर मुद्दे को फिर से अंतर्राष्ट्रीय बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. विशेषज्ञ इसे एक नए बड़े खतरे के रूप में देखते हैं और कहते हैं कि धर्म के नाम पर लोगों को उकसाना समर्थन हासिल करने का एक आसान तरीका है.
दोनों आतंकी संगठनों की विचारधारा अलग
रक्षा पत्रकार राशिद राहिल ने कहा, 'अगर हम कश्मीर में पिछले तीन दशकों से चल रहे आतंकवाद की बात करें, तो भारत इसे तोड़ने में कामयाब रहा है और पाकिस्तानी एजेंसियों को यह पता है. इसलिए पाकिस्तानी एजेंसियों ने खुरासान से संपर्क किया था, जो वहां काम करता है और जिसकी विचारधारा इस्लामिक स्टेट बनाने की है. लश्कर और ISPK नदी के दो छोर हैं और अगर ये दोनों आपस में मिल गए, तो यह देश के लिए एक नया ख़तरा है. भारतीय एजेंसियों को एकजुट होकर इस पर गहन विचार-विमर्श करना चाहिए क्योंकि इसका असर जम्मू कश्मीर पर नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ेगा.'
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, दोनों आतंकी संगठनों की विचारधारा अलग-अलग है. ISKP जहां पूरी दुनिया में इस्लामी हुकूमत कायम करना चाहता है. वहीं LeT सिर्फ़ कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान-केंद्रित है. आईएसआई का मानना है कि आईएसकेपी जैसे इस्लामी संगठन कश्मीर में खूनखराबा करके उसे एक व्यापक आतंकवादी छत्रछाया में अंतर्राष्ट्रीय बना देगी.
कश्मीर में आगे क्या होने वाला है?
विदेश सूत्रों के मुताबिक, यह बेमेल गठबंधन आईएसआई के दबाव में रचा गया है, जो लंबे समय से चले आ रहे वैचारिक मतभेदों को दरकिनार कर देता है. इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत की प्रचार पत्रिका 'यलगार' के नए अंक में कश्मीर का उल्लेख है, जिसके उसके भावी एजेंडे का पता चलता है.