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श्रीनगर: पाकिस्तान (Pakistan) में कश्मीर (Jammu Kashmir) में सक्रिय अपने आतंकी संगठनों (Terrorist Organization) को अपनी सूरत बदलने का निर्देश दिया है. आतंकी संगठनों से कहा गया गया है कि वे अपने कम्युनिस्ट संगठनों के रूप में प्रचारित करें, जिससे कोई वारदात होने पर सीधी उंगली पाकिस्तान पर न उठ सके.
सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी गिरोह (Terrorist Organization) अब सोशल मीडिया पर ऐसे नामों के साथ सक्रिय होंगे, जो पहली नजर में कम्युनिस्ट या वामपंथी नज़र आएंगे. साथ ही लोगों को भ्रमाने के लिए अब इस्लामिक नारों के बजाय राष्ट्रवादी नारे लगाए जाएंगे यानि आतंकवादी वारदात के दौरान नारा-ए-तकबीर के बजाए जय हिंद के नारे सुनाई दे सकते हैं. इस क़दम से शातिर पाकिस्तान (Pakistan) दोहरा फ़ायदा उठाने की कोशिश में है.
कश्मीर (Jammu Kashmir) में सक्रिय आतंकवादी गिरोहों (Terrorist Organization) के नाम जेहाद से जुड़े हुए हैं या उनके नामों से उनका इस्लामिक होना साफ़ हो जाता है. अब उनके नाम ऐसे रखे जा रहे हैं, जो या तो पहले कभी वामपंथी आंदोलनकारियों ने इस्तेमाल किए थे या शासन का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों ने.
पूरी दुनिया में जेहाद या इस्लामिक संगठनों (Terrorist Organization) के नामों के संगठनों की हरक़तों को लेकर जबरदस्त नाराज़गी है. पाकिस्तान (Pakistan) कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी गिरोहों को इन नामों से अलग रखकर इस नाराज़गी से बचना चाहता है. दूसरा ये नाम पूरी दुनिया में शासन के विरोध में खड़े होने वाले कार्यकर्ताओं ने इस्तेमाल किए हैं, इसलिए इन नामों से ये संदेश जाता है कि कश्मीर में आम जनता भारतीय सरकार के ज़ुल्मों का विरोध करने के लिए आंदोलन चला रही है न कि कोई आतंकवादी गिरोह.
वर्ष 2021 में कश्मीर (Jammu Kashmir) में कई गैर कश्मीरियों या कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले गिरोहों के नाम The Resistance Front (TRF), United Liberation Front (ULF) और Peoples Anti-Fascist Front (PAFF) थे. PAFF ने तो सेना के जवानों की हत्या की ज़िम्मेदारी लेते हुए वीडियो भी पोस्ट किया था.
ISIS की प्रोपेगेंडा गैगजीन वॉयस ऑफ हिंद में ये निर्देश दिए गए थे कि आतंकवादी गिरोह (Terrorist Organization) कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरणा लेते हुए अपने नामों का चुनाव करें. इस मैगज़ीन में कहा गया था कि मुजाहिदीन को अपने नाम और संगठन से इस्लामिक की छाप हटा देनी चाहिए. आतंकवादियों ने इस निर्देश पर अमल करना शुरू कर दिया है. यहां तक कि अपने प्रदर्शनों में भी इस्लामिक नारों की जगह राष्ट्रीय नारे लगाने शुरू कर दिए हैं ताकि दुनिया से अपनी पहचान छिपाई जा सके.
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इस काम में कश्मीर (Jammu Kashmir) में अलग-अलग जगह मौजूद स्लीपर सेल्स को भी लगा दिया गया है ताकि एक नई पहचान के साथ आतंकवादी गिरोह (Terrorist Organization) सक्रिय हो सकें. कश्मीर में काम कर रहे एक खुफ़िया अधिकारी ने कहा,' नए आतंकवादी गिरोह सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है. इस नए चेहरे को प्रसिद्ध करने के लिए उन्होंने कई टेलीग्राम चैनल बनाए हैं. साथ ही वे वेब ब्लॉग पोस्ट कर रहे हैं और घाटी में पैंफलेट्स को इंटरनेट के ज़रिए फैला रहे हैं. ये आतंकवादियों की नई रणनीति है, जिसमें उन्होंने अपने चेहरे को पूरी तौर पर बदलने की कोशिश की है.'
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