Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के पीछे संदिग्ध दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान से घुसपैठियों के एक समूह के हिस्से के रूप में लगभग दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में घुसे थे.
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1. पहलगाम, हपतनार, अनंतनाग और दाचीगाम के ऊपरी इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहे हैं.
2. पहलगाम हमले से संबंधित करीब 2500 लोगों से पूछताछ की गई. उनमें से करीब 220 को हिरासत में लिया गया है और उनसे आगे की जांच की जा रही है.
3. एनआईए, जेके पुलिस के साथ मिलकर आज भी संदिग्धों से पूछताछ जारी रखेगी.
4. बैसरन घाटी से गांदेबल, शोपियां और कोकरनाग तक भागने के तीन रास्तों को भी सील कर दिया गया है और इन परिधीय इलाकों में घर-घर जाकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
5. 15 ओजीडब्ल्यू को रडार पर रखा गया है जिन पर सूत्रों के अनुसार बैसरन हमलावरों को हमले के दौरान की मदद करने का शक है. सभी 15 ओजीडब्ल्यू फिलहाल फरार हैं लेकिन सुरक्षा बल उनके पीछे लगे हुए हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे, जिससे हमलावरों तक पहुंचने और बैसरन हमले को समझने में सुरक्षा बलों को मदद मिलेगी.
6. एनआईए ने बैसरन हमले से संबंधित वीडियो और अन्य जानकारी रखने वाले लोगों से अनुरोध किया कि वे आगे आएं और एजेंसी के साथ सूचनाएं साझा करें.
7. 29-30 अप्रैल (रात) के पिछले अपडेट के अलावा, लगातार छठे दिन बारामुला और कुपवाड़ा जिलों में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की सूचना मिली. भारतीय सेना के जवानों ने उचित जवाब दिया.
8. प्रथम अटॉप्सी रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि पीड़ितों में से 12 के सिर में गोली लगी थी.
9. सूत्रों ने कहा कि सेना, राष्ट्रीय राइफल्स और अर्धसैनिक बलों की टीमें अनंतनाग के ऊपरी इलाकों की जांच कर रही हैं, जहां आतंकवादियों के छिपे होने का संदेह है. जम्मू और कश्मीर पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि वे अपने अभियान में सहायता के लिए तकनीकी साक्ष्य और स्थानीय बकरवाल समुदायों से मिली जानकारी का उपयोग कर रहे हैं.
10. बांदीपुरा पुलिस को हाजिन इलाके में आतंकी संगठन लश्कर के तीन ओजीडब्ल्यू को देर रात पकड़ा जिनके पास 3 ग्रेनेड 17 गोलियां और 1 मैगज़ीन मिला.
आतंकियों की क्राइम कुंडली
पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के पीछे संदिग्ध दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान से घुसपैठियों के एक समूह के हिस्से के रूप में लगभग दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में घुसे थे. संदेह है कि यह समूह बाड़ को काटकर सांबा-कठुआ क्षेत्र में घुसा था और तब से कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है. सूत्रों ने कहा कि आतंकवादी तब से पुंछ-राजौरी, बारामूला और दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय हैं. सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं को इस बात के भी संकेत मिले हैं कि वे अक्टूबर 2024 में बूट पथरी और गंगगीर हमले में शामिल थे जिसमें घात लगाकर किए गए हमले में तीन सेना के जवान और दो सेना कुली मारे गए थे और गंगगीर में 11 सुरंग के कर्मचारी मारे गए थे.
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सूत्रों ने कहा कि मूसा को अत्यधिक प्रशिक्षित और जंगल में रहने में माहिर माना जाता है. सूत्रों ने कहा कि वह उन घुसपैठियों में से एक हो सकता है, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में जम्मू में आतंक मचाया है, जिसमें सटीक गोलीबारी और चुपके से 3 दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मियों की हत्या की है. सूत्र ने कहा कि यह भी देख रहे हैं कि क्या अगस्त 2023 में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में तीन सैन्यकर्मियों की हत्या में भी यही समूह शामिल था. सूत्रों ने कहा कि आतंकवादियों पर पिछले साल मई में जम्मू के पुंछ जिले में हुए हमले में भी शामिल होने का संदेह है, जिसमें वायुसेना का एक जवान मारा गया था और चार अन्य घायल हो गए थे.
आतंकियों ने मोबाइल पेड एप्लीकेशन का किया इस्तेमाल
सूत्रों का कहना है कि हमले में 4 आतंकवादी शामिल थे. बैसरन घाटी के निकास द्वार पर पहली गोलीबारी हुई. पहलगाम हमले के जीवित बचे लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पर्यटकों और अन्य लोगों के पास भागने का कोई रास्ता नहीं था क्योंकि आतंकवादियों ने प्रवेश और निकास दोनों द्वार बंद कर दिए थे. जांच एजेंसियों द्वारा दर्ज किए गए बयानों से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने किस तरह से इस हत्याकांड को अंजाम दिया. सूत्रों ने बताया कि हमला चार आतंकवादियों ने किया था. दो आतंकवादी प्रवेश द्वार से आए थे, जबकि एक निकास द्वार पर तैनात था. जांच एजेंसियों के अनुसार, जंगल में एक चौथा आतंकवादी छिपा हो सकता है, जो संभवतः सहायता प्रदान कर सकता है. हालांकि, उनमें से केवल तीन ने ही पर्यटकों पर गोलीबारी की, जो पिकनिक मना रहे थे और मैदान में भोजन का आनंद ले रहे थे.
दो आतंकवादी सेना की वर्दी में थे, जबकि तीसरा पारंपरिक कश्मीरी फेरन पहने हुए था. पहली गोली निकास द्वार पर चलाई गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई और पर्यटक प्रवेश द्वार की ओर भागे. हालांकि, उन पर घात लगाने के लिए दो आतंकवादी पहले से ही वहां मौजूद थे.
प्रवेश द्वार पर, आतंकवादियों ने सभी को इकट्ठा किया और महिलाओं को पुरुषों से अलग होने के लिए कहा. हालांकि, लोगों ने मना कर दिया. फिर आतंकवादियों ने हिंदुओं को मुसलमानों से अलग होने के लिए कहा. लेकिन फिर भी, लोगों ने मना कर दिया. सबसे ज्यादा हताहत चाय की दुकान और भेलपुरी स्टॉल क्षेत्र के पास हुए, क्योंकि वहां कई लोग इकट्ठा थे. हमले के बाद, आतंकवादी पार्क की बाड़ को फांदकर भाग गए.
दो एफएसएल सदस्यों के साथ एनआईए की छह सदस्यीय टीम बैसरन घाटी पहुंच गई है और वहां पहलगाम में डारे डाले है. एनआईए द्वारा जंगल क्षेत्र और आतंकवादियों के संभावित निकास मार्ग की वीडियोग्राफी की जा रही है. एनआईए के सूत्रों ने कहा कि आतंकवादियों ने संभवतः 'मोबाइल पेड एप्लीकेशन' का इस्तेमाल किया. उन्होंने संभवतः 'पेड एन्क्रिप्टेड मोबाइल' के माध्यम से अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स से संवाद किया.