युद्ध की नहीं है हिम्मत तो साइबर फोर्स का सहारा ले रहा पाकिस्तान, चीन से मांगी मदद
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युद्ध की नहीं है हिम्मत तो साइबर फोर्स का सहारा ले रहा पाकिस्तान, चीन से मांगी मदद


Pakistan Propaganda On India: पाकिस्तान इस समय भारत के साथ युद्ध की हालत में नहीं है. ऐसे में वह हर जगह खुद की छवि अच्छी बनाने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है. 

 

युद्ध की नहीं है हिम्मत तो साइबर फोर्स का सहारा ले रहा पाकिस्तान, चीन से मांगी मदद

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. वहीं भारत ने पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनल्स को भी बैन किया है. इनपर भारत के खिलाफ फर्जी नैरेटिव्स और सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला कंटेंट शेयर किया जा रहा था. अब पाकिस्तान की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. पाकिस्तान भारत के खिलाफ झूठा नैरेटिव फैलाने के लिए अपने साइबर फोर्स का विस्तार कर रहा है.  

साइबर फोर्स का विस्तार कर रहा पाकिस्तान 
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा वीडियोज फैलाने के लिए साइबर फोर्स बनाई है. इसके लिए वह चीन की मदद ले रहा है. पाकिस्तान की इंटेलीजेंस सर्विस एजेंसी (ISI) सूचना युद्ध को समर्थन देने के लिए साइबर क्षमताओं का विकास कर रहा है. इसके लिए वह चीन से मदद ले रहा है. पाकिस्तान अपनी इस बेहूदा हरकत के जरिए भारत के खिलाफ झूठ फैलाने का उद्देश्य पूरा करना चाह रहा है.    

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चीन की ले रहा मदद 
पाकिस्तान इस समय वैश्विक तौर पर काफी अलग-थलग है. वहीं उसके पास युद्ध करने की फिलहाल कोई क्षमता नहीं है. ऐसे में वह इनफार्मेशन वार के जरिये भारत से इस लड़ाई को जीतना चाहता है. इसके लिए उसने बड़ी फौज उतारी है. बता दें कि ISI ने साल 2019 में प्रोपेगेंडा के लिए बड़ी संख्या में रिक्रूटमेंट की थी. उस समय आसिफ गफूर ISI का चीफ था. वह अब ISI ने सायकोलॉजिकल वार लड़ने के लिए पुराने टूल्स को दोबारा एक्टिव किया है. इसके लिए वह चीन की मदद ले रहा है. पाकिस्तान ने ऑनलाइन ट्रैफिक की निगरानी और नियंत्रण, दुष्प्रचार और ऐप्स को रेगुलेट करने के लिए कथित तौर पर चीनी सहायता से लगभग 100 मिलियन डॉलर किया है. 

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भारत के खिलाफ बना रहा कंटेंट 
बता दें कि ISI के प्रोपगंडा डेस्क पर अभी 500 से 700 लोग काम करते हैं. इसके अलावा 2000-3000 लोगो को आर्गेनाईजेशन के बाहर कॉन्ट्रैक्ट ओर भर्ती किये गए हैं.  साथ ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से बड़े पैमाने पर कंटेंट तैयार किये जा रहे हैं. ISI और ISPR पर बड़ी संख्या में भारतीय दर्शकों तक तेजी से  पहुंचने के लिए डीपफेक,  AI-जनरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल कर रहा है. वहीं पाकिस्तान साइबर फोर्स में कट्टरपंथी युवाओं को भर्ती कर रहा है. इनका टारगेट भारत के खिलाफ कंटेंट तैयार करना और पाकिस्तान की छवि बनाना है. 

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