Kashmir में `Part Time Terrorist` के जरिये हमले करा रही है Pakistan की एजेंसी ISI, जानें डिटेल
ISI new conspiracy in Kashmir: पार्ट टाइम आतंकी (Part Time Terrorist) हमले के लिए पिस्टल जैसे छोटे हथियारों का इस्तेमाल करते हैं, जो हमले को अंजाम देने के बाद आसानी से छुपाए जा सकते हैं. ये नए आतंकी भीड़ में घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं.
नई दिल्ली: कश्मीर में जहां सुरक्षा बल लगातार घाटी से आतंक का सफाया कर रहे है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों की नजर अब 'पार्ट टाइम आतंकियों' पर है. इन पार्ट टाइम आतंकियों (Part Time Terrorist) जिन्हें हाइब्रिड आतंकी भी कहा जाता है ये सिक्योरिटी एजेंसियों की लिस्ट में नहीं हैं लेकिन आतंकी हमलों को अंजाम देने के बाद गायब हो जाते हैं. इन आतंकवादियों के बारे में पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं होता ऐसे में इन्हें पकड़ना भी मुश्किल हो जाता है.
नई चुनौती
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक घाटी में पिछले कुछ दिनों में हुए आतंकी हमलों की जांच में पता चला है कि कुछ हमलों को गुमराह हुए भटके युवाओं ने अंजाम दिया. हैरानी की बात ये है कि हमलों को अंजाम देने वालों का आतंक से जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं रहा है. इन घटनाओं ने सुरक्षा बलों के सामने नई परेशानी खड़ी कर दी है क्योंकि पार्ट टाइम आतंकियों पर नजर रखना आसान नहीं होता है.
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'आम लोगों को निशाना बनाते हैं'
जानकारों के मुताबिक कश्मीर में पार्ट टाइम या हाइब्रिड आतंकियों का इस्तेमाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर आम लोगों पर हमले के लिए किया गया है. ऐसे हमले का मकसद आम लोगों के मन में भय पैदा करना है. पार्ट टाइम आतंकी हमला करने के बाद अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट जाते हैं.
स्लीपर सेल की तरह होते हैं पार्ट टाइम आतंकवादी
पार्ट टाइम आतंकियों का इस्तेमाल पाकिस्तान (Pakistan) स्लीपर सेल की तरह करता है. यानी इनके टास्क में सुरक्षा बलों से जुड़ी खुफिया जानकारियां सीमा के पास पहुंचाना और जरूरत पड़ने पर खुद हमले को अंजाम देना भी शामिल होता है. जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu-Kashmir Police) अब ऐसे आतंकियों की पहचान तय करते हुए उन पर करवाई करने की तैयारी में है. इस सिलसिले में सभी पार्ट टाइम आतंकियों की कुंडली खंगाली जा रही है.
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