नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakisnatn) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तानी नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरे की हत्या के मामले में भारत सरकार सख्त हो गई है. पाकिस्तानी नौसेना की इस हरकत पर विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताई है तो गुजरात पुलिस ने पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के 10 जवानों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. इसके साथ ही सरकार ने राजनयिक को तलब किया है.


इन धाराओं में दर्ज हुआ केस 


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आईपीसी की धारा 302, 307 और 114 व शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत पोरबंदर के मरीन पुलिस स्टेशन  में एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर के मुताबिक, 10 अज्ञात पीएमएसए कर्मियों ने 'जलपरी' फिशिंग बोट पर फायरिंग की तो बोट में सवार दो मछुआरों को गोली लग गई. इस घटना में महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक मछुआरे श्रीधर चमरे (32) की मौत हो गई और एक मछुआरा दिलीप सोलंकी (34) घायल हो गया. बोट मालिक जयन्ती राठौड़ ने पोरबंदर के मरीन पुलिस स्टेशन में पाकिस्तानी मरीन कमाण्डो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है.


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मछुआरों ने की ये मांग


द्वारका के एसपी सुनील जोशी ने बताया, जलपरी पर लगे जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस की फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच की जाएगी. वाड्राई मछुआरे सहकारी समिति के अध्यक्ष मनिंदर आरेकर ने एक बयान में कहा, श्रीधर पिछले तीन महीने से अधिक समय से जयंती राठौड़ के स्वामित्व वाली 'जलपरी' नाव पर काम कर रहे थे. मछुआरों ने मांग की है कि महाराष्ट्र और गुजरात की सरकारों को इस मामले को भारत सरकार के साथ उठाना चाहिए. उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय जांच का आदेश दिया जाए.


दहशत में मछुआरे


इस घटना के बाद मछुआरों को पाकिस्तान मरीन का डर सता रहा है. मछुआरे समन्दर में जाने से डर रहे हैं. पहेली भी कई बार मछुआरों पर पाकिस्तान की तरफ से गोलीबार हुई है और कई बार मछुआरों की नाव छीन ली गई. आज भी गुजरात की 1200 से अधिक नाव पाकिस्तान के पास हैं और काफी मछुआरे पाकिस्तान में कैद हैं.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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