विधवा,गरीब और मजबूर को करता था टारगेट, पाकिस्तानी 'SPY' कमीशन की खुली पोल
Advertisement
trendingNow12766023

विधवा,गरीब और मजबूर को करता था टारगेट, पाकिस्तानी 'SPY' कमीशन की खुली पोल

Operation Sindoor:  पाकिस्तानी अफसर दानिश को लेकर कई खुलासे हुए हैं. पाकिस्तान हाई कमीशन में पोस्टेड दानिश वीजा डेस्क पर तैनात था. दानिश ने ही भारत के लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए ट्रेप किया था.

विधवा,गरीब और मजबूर को करता था टारगेट,  पाकिस्तानी 'SPY' कमीशन की खुली पोल

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद हर रोज पाकिस्तानी जासूस केंद्रीय एजेंसियों के हत्थे चढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्योति मल्होत्रा से लेकर अब तक 11 से ज्यादा पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये सभी पाकिस्तान के ISI के जासूसी करते थे और पाकिस्तानी अफसर दानिश के इशारों पर खुफिया जानकारी साझा करते थे. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से ज़ी न्यूज ने जासूस गजाला और यामीन को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं. पाकिस्तान हाई कमीशन में पोस्टेड दानिश वीजा डेस्क पर तैनात था. दानिश ने ही भारत के लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए ट्रेप किया था.

इसके अलावा वो पाकिस्तान हाई कमीशन में बैठकर घूसखोरी भी कर रहा था. दानिश एक वीजा लगवाने की और फाइल क्लीयर करवाने के लिए करीब 5 हजार घुस लेता था और घुस की रकम के 5 हजार गिरफ्तार आरोपी यामीन मोहम्मद के पास जमा रहते थे. यामीन मोहम्मद पाकिस्तान हाई कमीशन वीजा लगवाने आने वाले को झांसे में लेता था और दानिश से मिलवाता था. फिर दानिश के कहने पर ही यामीन घुस की रकम क्लाइंट से लेकर  रख लेता था.

Zee News ने पाकिस्तान हाई कमीशन के दानिश का मोबाइल नंबर *****8939 का पता लगाया है, जो पाकिस्तान हाई कमीशन के नाम पर रजिस्टर्ड है. दानिश ने इसी नंबर के जरिये ही ज्योति, गजाला और यामीन से व्हाट्सएप स्नेप चेट्स वॉइस कॉल पर बातचीत करता था.

पुलिस ने गजाला पंजाब से गिरफ्तार किया था. गजाला के पाकिस्तानी वीजा भी है. इस वीजा में तारिक जावेद वीजा अटैची हाई कमीशन ऑफ पाकिस्तान नई दिल्ली लिखा हुआ और मुहर भी लगा हुआ है. अब आपको गजाला, यामीन और देवेन्द्र सिंह ढिल्लो से हुई सेंट्रल एजेसियों की पूछताछ की  इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के बारे में बताते हैं.

गजाला ने पूछताछ में किए कई खुलासे
गजाला पूछताछ में कई खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि मेरे पति की कोविड में मौत हो गई थी. इसके बाद मैं पहली बार फरवरी में पाकिस्तान हाई कमीशन गई और दूसरी बार मार्च में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी. पहली बार जब मैं पाकिस्तान हाई कमीशन गई तो मुझे वहां पर वीजा डेस्क पर दानिश नाम के एक पाकिस्तानी अफसर मिले उन्होंने मेरे बारे में सारी जानकारी पूछी और मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दिया मैं कागजी कार्रवाई करके वहां से निकल आई मेरा नंबर भी दानिश नाम के पाकिस्तानी अधिकारी के पास था उसके बाद उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि कुछ वीजा में डॉक्यूमेंट की कमी है एक बार फिर आपको पाकिस्तान हाई कमीशन आना होगा. इसके बाद में फिर पाकिस्तान हाई कमीशन गई उसे दौरान हमारी काफी बातचीत हुई और फिर दानिश और हम एक दूसरे से लगातार बात करने लगे दानिश ने मुझे बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और उसकी पत्नी भी उसके साथ रहती है, लेकिन वह मेरे साथ शादी करना चाहता है और वह अपनी पत्नी को इसके बारे में बताएगा भी, उसने मुझे पैसे देने की भी बात कही मेरी आर्थिक तंगी को देखते हुए और उसके लिए उसने मेरे को यूपीआई के जरिए करीब ₹20000 पहुंचाएं यह पैसा यामीन के जरिए मेरे पास पहुंचा. दानिश जब दिल्ली में इंडिया गेट या कई अन्य जगहों पर घूमने जाते थे कुछ छोटी-मोटी शॉपिंग या खाना पीना करते थे तो मुझे उसे शॉप का क्यूआर कोड भेज देते थे और बोलते थे कि इस पर पेमेंट कर दो. उसी 20 हजार में से और इस 20000 में से मुझे भी वह खर्च करने के लिए कहते थे. मैं उनके मुताबिक वह सब कर रही थी. उन्होंने मुझसे पूछा भी की पंजाब में आर्मी से जुड़ी कुछ जानकारियां तुम्हारे पास है या नहीं अगर है तो मुझे दो या अरेंज करो. मेरे पाकिस्तान के लाहौर में कुछ रिश्तेदार रहते हैं और उन्होंने मुझे कहा कि तुम यहां पर आ जाओ यहां पर कपड़े से जुड़ा व्यापार करेंगे तुम्हारी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाएगी इसलिए मैं पाकिस्तान जाना चाह रही थी.

यामीन से हुई पूछताछ
यामीन ने बताया की में दो बार पाकिस्तान जा चुका हूं. काफी अच्छे से में दानिश को जानता था जब में अपना वीजा लगवाने पाकिस्तान हाई कमीशन पहुंचा तो मेरी दानिश से मुलाकात हुई. फिर हम काफी बात करने लगे मुझे दानिश ने कहा कि पाकिस्तान हाई कमीशन वीजा लगवाने जो लोग आते हैं उनसे तुम टच में रहो. मैं उनका वीजा जल्दी लगवाने में पूरी मदद करूंगा उसके बदले में तुम उनसे कमीशन मांगो और पैसा अपने ही पास रखो. इसके बदले में तेरे जानने वालों का वीजा जल्द लगवा दूंगा. पर ये कमीशन का पैसा मेरा रहेगा तुम रख मेरे पैसे को ये घुस का. उसके बाद में दानिश के मुताबिक काम करने लगा. दानिश के पास फिर में बन्दे भेजने लगा और हर एप्लीकेशन के 5 हजार लेने लगा. मैंने 4 एप्लिकेशन लगवाई जिसमे 20 हजार मिले जो मैंने दानिश के कहने पर गजाला के UPI में ट्रांसफर कर दिए थे. में गुजरेवाला दो बार गया रिश्तेदार से मिलने.

देवेंद्र सिंह ढिल्लो पूछताछ
मैं करीब 3000 लोगों के जत्थे के साथ करतारपुर कॉरिडोर गया था, जिसमें करीब 125 लोग हरियाणा के रहने वाले थे. बाघा बॉर्डर पहुंचने पर एक स्कॉट हमें मिला और तब मेरी मुलाकात विक्की नाम के पाकिस्तानी नागरिक से हुई. मुझे नहीं पता था कि यह पाकिस्तान ISI के लिए काम करता है. विक्की ने मुझे काफी मदद की मुझे काफी घुमाया फिर पूजा करवाई फिर हम लोग लाहौर पहुंचे. वहां विक्की ने मेरी मुलाकात एक शख्स अरसलान से करवाई. वहां में एक होटल में मुलाकात करने गए जहां पर विक्की के दोस्त अरसलान की एक महिला दोस्त भी मौजूद थी. मेरी वहां पर उससे बातचीत हुई और हम लोगों ने एक दूसरे का नंबर एक्सचेंज किया हम शॉपिंग करने भी गए उस लड़की का इंस्टाग्राम का आईडी भी मेरे पास था जब मैं भारत वापस आ गया तो उसने मुझे ब्लाक कर दिया.  विक्की ने मुझे एक भारतीय फोन नंबर जिसमें QR कोड चल रहा था उसे पर ₹1500 डालने के लिए कहा यह बोलकर की एक गरीब की मदद हो जाएगी मैं ₹1500 उसे भारतीय QR नंबर पर डाल दिए मैंने विक्की से खुद भी संपर्क किया था और करतारपुर में पूजा करने के लिए रिक्वेस्ट की थी अपने जानने वालों की फिर विक्की ने मुझे एक दिन कहा कि तुम मुझे एक भारतीय सिम मुहैया करवा दो. वहीं, अब सुरक्षा एजेंसियां वो भारतीय नंबर किसका है? पता लगा रही है और वो नंबर विक्की नाम के पाकिस्तान ISI के हेंडलर तक कैसे पहुंचा? इसकी भी जांच जारी है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;