कश्‍मीर मुद्दे पर झुका पाकिस्‍तान, विदेश मंत्री कुरैशी बोले, 'मोदी जी आइए बातचीत करें'
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कश्‍मीर मुद्दे पर झुका पाकिस्‍तान, विदेश मंत्री कुरैशी बोले, 'मोदी जी आइए बातचीत करें'

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा 'मैं पीएम मोदी से कहना चा‍हूंगा कि दोनों ही देश हम साये हैं. हम रूठकर एक-दूसरे से मुंह नहीं फेर सकते'.

फोटो ANI

नई दिल्‍ली : इमरान खान के पाकिस्‍तान के नए प्रधानमंत्री बनने के बाद कश्‍मीर मुद्दे पर वह झुकता नजर आने लगा है. पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कश्‍मीर मुद्दे पर बातचीत की पेशकश की है. उन्‍होंने कहा 'मोदी जी आइए बातचीत करें.'

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा 'भारत और पाकिस्‍तान, दोनों ही देश परमाणु संपन्‍न हैं. मैं पीएम मोदी से कहना चा‍हूंगा कि दोनों ही देश हम साये हैं. हम रूठ कर एकदूसरे से मुंह नहीं फेर सकते. भारत और पाकिस्‍तान की समस्‍याएं एक जैसी हैं.

 

पीएम मोदी के पत्र को लेकर झूठ बोल रहा पाकिस्‍तान!
जियो न्‍यूज की खबर के मुताबिक, कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्‍तान को अपने यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्‍तान के नए पीएम इमरान खान को पत्र लिखा. इसमें पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने के संकेत दिए हैं. वहीं भारतीय सूत्रों ने पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री कुरैशी के इस दावे का खंडन किया है. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने इमरान खान को सिर्फ शुभकामनाएं देने के लिए पत्र लिखा था. उस पत्र में ऐसी किसी भी बातचीत का जिक्र नहीं था.

पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय ने अपनी ओर से पीएम मोदी के पत्र मामले पर सफाई दी है. उसने साफतौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इमरान खान को लिखे पत्र में बातचीत शब्‍द का जिक्र ही नहीं है. इससे विदेश मंत्री कुरैशी के दावे की पोल खुलती दिख रही है. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने पत्र में लिखा है कि 'हम रचनात्‍मक और सार्थक दृष्टिकोण अपनाएं'.

 

'हमें समस्‍याएं हल करनी चाहिए'
कुरैशी ने यह भी कहा है कि दोनों देशों के बीच जो भी मसले हैं, वो पेचीदा हैं और हमें उन्‍हें हल करने में समस्‍याएं आ सकती हैं. लेकिन फिर भी हमें साथ आना चाहिए. हमें यह स्‍वीकारना चाहिए कि दोनों देश समस्‍याओं से जूझ रहे हैं, साथ ही हमें यह भी स्‍वीकारना चाहिए कि कश्‍मीर एक सच्‍चाई है. इस्‍लामाबाद समझौता हमारे देश के इतिहास का एक हिस्‍सा है'.

इमरान ने जताई थी बेहतर रिश्‍ते की इच्‍छा
बता दें कि पाकिस्‍तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इमरान खान ने रविवार को देश के नाम पहला संबोधन दिया. इसमें उन्‍होंने साफ तौर पर कहा कि उनकी सरकार नेशनल एक्‍शन प्‍लान के तहत आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए हम नेशनल एक्‍शन प्‍लान में संशोधन कर उसे और सशक्‍त बनाएंगे. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुधारना चाहता है.

22वें पीएम बने हैं इमरान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार को इस्‍लामाबाद में पाकिस्‍तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी. इस्‍लामाबाद स्थित राष्‍ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह में राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन ने उन्‍हें शपथ ग्रहण दिलवाई थी. शपथ ग्रहण समारोह में क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू, वसीम अकरम, एक्‍टर जावेद शेख, पंजाब के नामित गवर्नर चौधरी सरवर, पंजाब एसेंबली के स्‍पीकर परवेज इलाही, रमीज राजा और पीटीआई नेताओं के अलावा अन्‍य लोग मौजूद थे. 

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